Places to Visit in Gangtok: गंगटोक सिक्किम राज्य की राजधानी है साथ ही साथ ये सिक्किम का सबसे बड़ा शहर भी है| गंगटोक शहर घूमने के लिए अत्यंत लोकप्रिय शहर है जो चारों तरफ से दुधिया बादलों से घिरा हुआ है मानो ऐसा प्रतीत होता है की प्रकृति की देवी साक्षात यहीं विराजती है| यहाँ की ताजी हवा और प्राकृतिक वातावरण पर्यटक के चित्त को तरों ताजा कर देती है|
गंगटोक शहर हिमालय पर्वत के शिवालिक पहाड़ियों के ऊपर 1437 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है| यहाँ का मुख्य आकर्षण त्सोमो झील, बान झाकरी, ताशी व्यू पॉइंट आदि हैं साथ मे इस शहर से आप कंचनजंगा चोटी का शानदार नजारा देख सकते हैं जो की दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है साथ मे आप यहाँ पर वाटर राफ्टिंग का भी आनंद ले सकते हैं|
गंगटोक कैसे पहुंचे (How to reach Gangtok)
वायुमार्ग (By Air)
गंगटोक का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पश्चिम बंगाल में स्थित बागडोगरा हवाई अड्डा है जो की गंगटोक से मात्र 124 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| बागडोगरा हवाई अड्डा देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है| आप बागडोगरा हवाई अड्डे से उतरकर टैक्सी या बस लेकर गंगटोक पहुँच सकते हैं|
सड़क मार्ग (By Road)
अगर आप सड़क मार्ग से गंगटोक जाना चाहते है तो आपको राष्ट्रीय राजमार्ग 31 ए को पकड़कर गंगटोक आना बेहद आरामदायक और सुविधाजनक होगा| अगर आप गंगटोक के लिए बस टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
रेल मार्ग (By Train)
गंगटोक का सबसे नजदीकी रेल्वे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन है जो गंगटोक से 117 किलोमीटर दूर है| न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन देश के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| आप न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन उतरकर बस या टैक्सी लेकर बड़े आराम से गंगटोक पहुँच सकते हैं|
आइए जानते है गंगटोक मे सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगहों के बारे मे-
1. त्सोमगो झील (Tsomgo Lake)
अगर आप गंगटोक मे केवल एक ही जगह अच्छे से घूमना चाहते हैं तो आपको त्सोमगो झील जाना चाहिए| यह एक प्रकार की हिमनद झील है, जो गंगटोक से 40 किलोमीटर की दूरी और 12,310 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ये झील चारों तरफ से बर्फ से लदी पहाड़ों से घिरी हुई है जो इन पहाड़ियों के पिघली हुए पानी को झील मे इकट्ठा करती है| इस झील की विशेषता ये है की ये हर मौसम मे अपना रंग बदलती है|
ठंड के मौसम मे ये झील चारों तरफ बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरी रहती है और गर्मियों के मौसम मे बर्फ की जगह रंग बिरंगे फूल खिल जाते हैं| किंवदंतियों से पता चलता है कि की बौद्ध भिक्षु इस झील का पानी का रंग का विश्लेषण करके भविष्यवाणी करते थे| जब भी आप इस पवित्र झील पर आए तो एक पूरा दिन बिता सकते है, किस्मत आपको यहाँ बार बार नहीं लाएगी, ऐसा अनुभव जीवन मे आपको एक ही बार मिलेगा|
इस झील पर आप पिकनिक भी मना सकते हैं| यहाँ आने के बाद आपको एक आध्यात्मिक शांति का अनुभव होगा जो आपको जीवन भर याद रहेगा| आप यहाँ से कहीं और जाने का प्लान कर रहे है तो फिर आप क्योंग्नोसल अल्पाइन अभयारण्य घूमने की योजना बना सकते हैं|
2. नाथुला दर्रा (Nathu La Pass)
गंगटोक से 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है नाथुला दर्रा| ये दर्रा भारत और तिब्बत के बीच पुराने सिल्क रूट का एक हिस्सा है| यह दर्रा प्राकृतिक सुंदरता और अचंभित कर देने वाले दृश्यों से भरा हुआ है| यहाँ पर गर्मी और सर्दी दोनों मौसम मे जबरदस्त भीड़ रहती है और सर्दियों मे भारी बर्फ जमा हो जाने के कारण सोमवार और मंगलवार को रास्ता बंद रहता है तो यहाँ जाने की योजना आप उसी के अनुसार करें|
इस जगह को आपको बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए| यहाँ पास भारत चीन सीमा रेखा भी है जहां आप एक परमिट लेकर सीमा के पास पहुँच सकते हैं| परमिट आपको गंगटोक से ही आसानी से मिल जाएगा| ये परमिट केवल भारतीयों को ही मिलेगा बाकी विदेशियों को वहाँ पर जाने की अनुमति नहीं है| इस सीमा तक पहुँचने के लिए आप गंगटोक बस स्टैन्ड से टैक्सी ले सकते हैं|
यह दर्रा समुद्र तल से 14450 फीट की ऊंचाई पर स्थित है| यहाँ पर आप ट्रैकिंग का भी मजा ले सकते हैं| गंगटोक से नाथुला के रास्ते पर आपको एक से बढ़कर एक झरने देखने को मिलेंगे जो इसकी सुंदरता मे चार चाँद लगाते हैं| आप रास्ते पर बहुत सारे वन्य जीव और वनस्पतियों की विविधिता को भी देख पाएंगें| यहाँ पर आप शेरथांग में सीमा व्यापार बाज़ार भी जा सकते हैं और शॉपिंग कर सकते हैं|
3. हिमालयन जूलॉजिकल पार्क (Himalayan Zoological Park)
गंगटोक से 7 किलोमीटर और 1,780 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह हिमालयन जूलॉजिकल पार्क जो आपको कंचनजंगा पर्वत के शानदार दृश्य भी दिखाता है| इस पार्क मे आप स्नो लेपर्ड्स, हिमालयन पाम सिवेट्स, रेड पंडों और हिमालयन ब्लैक बियर्स देख सकते हैं| इस चिड़ियाघर को थोड़ा अलग माना जाता है क्यूँ की यहाँ जानवरों को पिजरे मे नहीं बल्कि प्राकृतिक आवास मे खुले वातावरण मे रखा जाता है|
इस चिड़ियाघर का समय सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक रहता है और गुरुवार को ये बंद रहता है| 1991 मे स्थापित ये पार्क वन्य जीव के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है| 205 हेक्टेयर भूमि पर फैले इस अद्भुत और सुंदर पार्क मे जानवरों की हर जरूरतों का ख्याल रखा जाता है| इस पूरे चिड़ियाघर को घूमने मे आपको 3-4 घंटे लग सकते हैं|
इस पार्क मे आप वन्यजीव और वनस्पतियों का अद्भुत संगम पाएंगें जो आपको औरकहीं भी देखने को नहीं मिलेगा| आप इतने बड़े पार्क को पैदल इक्स्प्लोर नहीं कर पाएंगें इसलिए जीप या सफारी से घूमना अच्छा विचार होगा| यहाँ की अद्भुत सुंदरता मे आप सबकुछ भूल जाएंगें इसलिए गंगटोक आए तो इस पार्क घूमना मिस न करें|
4. रांका मठ (Ranka Monastery)
अगर आप गंगटोक मे कुछ पल शांति से बिताना है तो आपको खूबसूरत रांका मठ मे जरूर जाना चाहिए| गंगटोक से 20 किलोमीटर की दूसरी पर स्थित ये मठ चारों तरफ से घने जंगों के बीच बसा हुआ है| इस मठ के चारों ओर की शांति और सुंदरता मन को स्थिर कर देगा| इस मठ मे आकर आप यहाँ के बौद्ध भिक्षुओं से बातचीत भी कर सकते हैं|
यह एक शाही मठ है जो बहुत बड़े क्षेत्र मे फ़ाइल हुआ है| यह मठ अपनी अद्भुत सुंदरता के कारण कुछ हिन्दी फिल्मों मे भी दिखाया गए है| इस मठ मे 2 मंजिल इमारत है जहां युवा लामाओं को प्रशिक्षित किया जाता है| इस मठ के पास का आकर्षण बंझाकरी झरना है जो बेहद रोमांचक है जहां पर आप पैराग्लाइडिंग का आनंद ले सकते हैं।
5. नामग्याल तिब्बत विज्ञान संस्थान (Namgyal Institute of Tibetology)
अगर आप इतिहास मे रुचि रखते हैं और बौद्ध धर्म के बारे मे ज्यादा अध्ययन करना चाहते है तो आपको नामग्याल तिब्बत विज्ञान संस्थान मे आपको एक बार जरूर आना चाहिए| इसका निर्माण 14वें दलाई लामा ने किया था| गंगटोक से ये संस्थान महज 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| रविवार को ये संस्थान बंद रहता है और यहाँ पर फोटोग्राफी करना मना है|
यह संस्थान तिब्बती इतिहास, कला, साहित्य, वास्तुकला, धर्म, दर्शन और उससे जुड़ी शोध और संरक्षण को बढ़ावा देता है| इस संस्थान मे सुंदर तिब्बती वास्तुकला का अद्भुत नमूना आपको देखने को मिलेगा| इस संस्थान के पुस्तकालय में 60,000 से ज़्यादा किताबें हैं जिनमे भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को भी शामिल किया गया है|
यहाँ पर घूमने का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक का है| इस संस्थान ने तिब्बती संस्कृति को पूरी तरह से संरक्षित किया हुआ है जिसके द्वारा आप इस संस्कृति को बहुत गहराई तक जान पाएंगे|
6. सेवन सिस्टर वाटरफॉल्स (Seven Sisters Waterfalls)
गंगटोक से 31 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है खूबसूरत और सुरम्य सेवन सिस्टर्स वॉटरफॉल्स जो गंगटोक के सबसे सुंदर और मंत्रमुग्ध करने वाले जगहों मे से एक है| ये सात अलग अलग झरने सात अलग अलग स्त्रोत से निकलते हैं बीच मे ही एक बड़े झरने मे मिल जाते हैं| इस वाटरफल का शोर काफी दूर तक सुनाई देता है|
मानसून के समय ये झरना अत्यंत मनोरम दिखाई देता है| ये जगह अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए एक आदर्श जगह है जहां पर आप फोटोग्राफी भी कर सकते हैं| यहाँ से डूबते सूरज का नजारा देखकर आप रोमांच से भर जाएंगें| ये जगह पिकनिक मनाने के लिए भी एक परफेक्ट जगह है|
हरे भरे पहाड़ों के बीच बहता दूधिया पानी जिससे आप अपनी नजर नहीं हटा पाएंगें| इस झरने के पास एक रोपवे है जिसपे चढ़कर आप इसकी खूबसूरती को नजदीक से निहार सकते हैं| इसके पास मे ही एक कैफ़ेटेरिया है साथ मे पर्यटक शेड भी बनाए गए हैं ताकि बारिश के समय लोग बिना भीगें इस झरने को देख सकें| सेवन सिस्टर्स वॉटरफॉल्स गंगटोक मे घूमे जाने वाली जगहों (गंगटोक मे घूमने के लिए 10+ जगहें (Top 10+ Places to Visit in Gangtok) मे से एक है|
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7. कंचनजंगा पर्वत (Kangchenjunga Mountain)
कंचनजंगा दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है जिसका आप अद्भुत और खूबसूरत नजारा गंगटोक से देख सकते हैं| इस चोटी की ऊंचाई 8586 मीटर है| अगर आप पास से इस पर्वत को देखना चाहते हैं तो आप कंचनजंगा ट्रैकिंग एक्टिविटी मे हिस्सा ले सकते हैं या फिर कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान जाकर इस बड़े पर्वत को निहार सकते हैं|
यदि आप कंचनजंगा तक ट्रैकिंग का लुत्फ लेना चाहते हैं तो आपको यहाँ पर बढ़िया विकल्प मिलेंगे| कंचनजंगा पर्वत दुनिया के सबसे अचंभित कर देने वाले पहाड़ों मे है जो की नेपाल, सिक्किम और तिब्बत से घिरा हुआ है| ये पर्वत 5 चोटियों से मिलकर बना हुआ है जिसमे 4 की ऊंचाई 8,450 से अधिक है|
इस पर्वत को आप दार्जिलिंग से भी निहार सकते है| ये इतना अद्भुत पहाड़ है की जीवन पर्यंत आप इसकी विशालता को भूल नहीं पाएंगें| इस पर्वत पर पहली बार चढ़ाई 1955 मे की गई थी|
8. एमजी रोड (MG Road)
एम जी रोड गंगटोक की सबसे चहल पहल वाली जगह है जो इस शहर के बीचों बीच स्थित है| यह इस शहर का शॉपिंग हब है| यह पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा शॉपिंग हब है जो खुले माल की तरह है जिसके दोनों तरफ बड़ी बड़ी दुकाने, होटेल्स और रेस्टोरेंट हैं| यह साफ सुथरा 1 किलोमीटर लंबा मार्केट है जहां पर आप कुछ समय बैठकर या आराम से टहलते हुए इस माहौल का लुत्फ उठा सकते हैं|
यह मार्केट अपनी सफाई के लिए विश्व प्रसिद्ध है| आप हर जगह यहाँ एक बोर्ड पाएंगें जिसमे लिखा होता है “एमजी मार्ग, थूक और गंदगी मुक्त क्षेत्र में आपका स्वागत है”। आप यहाँ पर वाहन नहीं ला सकते आप पैदल चलकर इस मार्केट को इक्स्प्लोर कर सकते हैं| यहाँ दोनों तरफ की इमारतों को हरे रंग से कलर किया गया है| यह खरीददारी करने के लिए गंगटोक की सबसे बढ़िया जगह है|
यदि आप दिसंबर में आ रहे हैंतो आप यहाँ पर आयोजित होने वाले गंगटोक फूड फेस्टिवल का आनद लेने का मौका मिलेगा|
9. ताशी व्यू पॉइंट (Tashi View Point)
6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है ताशी व्यू पॉइंट| यहाँ की ऊंचाई पर पहुंचकर आप गंगटोक की प्राकृतिक सुंदरता को निहार सकते हैं| यहाँ से आप धुंध भरी घाटियों, हरे भरे पहाड़ और बर्फ से ढके पर्वतों को निहार सकते हैं| यह व्यू पॉइंट शहर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|
यहाँ से आपको माउंट सनिलोच और माउंट कंचनजंगा की विशालता को देखने का मौका मिलेगा| इस जगह का निर्माण ताशी नामग्याल ने किया था जो 1914 से लेकर 1963 तक सिक्किम के राजा थे इस वजह से इसको ये नाम मिला| ये जगह पिकनिक मनाने के लिए भी एक उत्तम जगह है|
इस जगह से आप भव्य हिमालय की खूबसूरती को काफी नजदीक से निहार सकते हैं| यह जगह पूरी तरह से प्रदूषण से मुक्त है| यहाँ से आप सूर्योदय और सूर्यास्त मे बेहतरीन नजारे देख सकते है और इन नजारों को आप अपने कमरे मे कैद कर सकते हैं|
10. हनुमान टोक (Hanuman Tok)
7,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है| यह एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है जिसकी देखभाल भारतीय सेना करती है| आप मंदिर तक अपना वाहन ले जा सकते हैं साथ मे आप रास्ते मे पड़ रहे प्राकृतिक सौन्दर्य का आनंद भी ले सकते है और आप फोटोग्राफी भी कर सकते हैं|
इस जगह से सूर्योदय का नजारा बेहद सुंदर दिखता है तो अगर आप सूर्योदय देखना चाहते है तो आपको सुबह 5 बजे यहाँ पहुंचना पड़ेगा| इस मंदिर मे आकर आपको अद्भुत शांति का अनुभव होगा जो आपको मंत्रमुग्ध कर देगा|
यह मंदिर कंचनजंगा पर्वत के ठीक सामने स्थित है इसलिए आप यहाँ से कंचनजंगा के खूबसूरत नजारा भी देख सकते हैं| यहाँ की विविधतापूर्ण सुंदरता आपको प्रकृति के करीब लाती है|
11. बाबा हरभजन सिंह मंदिर (Baba Harbhajan Singh Temple)
बाबा हरभजन सिंह का मंदिर 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो नाथूला और जेलेप्ला दर्रे के बीच स्थित है और ये मंदिर गंगटोक मे सबसे लोकप्रिय स्थानों मे आता है| ऐसा मानना है की हरभजन सिंह 1968 में नाथूला दर्रे से लापता हो गए थे और सेना को 3 दिन बाद उनका शव मिला लेकिन ऐसा माना जाता है की वो कभी शहीद नहीं हुए और आज भी उनकी आत्मा देश की सरहदों की रक्षा कर रही है|
उन्होंने कई सैनिकों की रक्षा भी की है इसलिए उनका मंदिर बनवाया गया जहां पर उनकी एक बड़ी सी तस्वीर लगी है साथ मे उनकी सेवानिवृत्ति की आयु तक रैंक में पदोन्नत भी किया गया था। मंदिर मे एक तरफ उनका कार्यालय बना हुआ है एक भोजनालय है और एक निवास है जहां पर उनकी वर्दी और जूतें रखे हुए हैं|
यह मंदिर सड़क के किनारे बना हुआ है लेकिन इसके चारों तरफ हरे भरे पहाड़ होने से ये बहुत ही सुंदर दिखता है| इस मंदिर की लोकप्रियता पूरे उत्तर पूर्व राज्यों मे है| बाबा हरभजन सिंह के अंदर देशभक्ति का जज़्बा आप उनकी देश के प्रति वफादारी से पहचान सकते हैं की किस तरह वो मरने के बाद भी लगातार माँ भारती की सेवा कर रहे हैं| |जय हिन्द|
12. गणेश टोक (Ganesh Tok)
6,500 फीट की ऊँचाई पर स्थित भगवान गणेश का एक छोटा मंदिर है जो की गंगटोक मे बेहद प्रसिद्ध है| यहाँ से आप कंचनजंगा के शानदार दृश्य देख सकते हैं| पहाड़ी की चोटी से आपको एक से बढ़कर एक प्राकृतिक नजारे देखने को मिलते हैं|
यह मंदिर बहुत छोटा है इतना की एक बार मे एक ही आदमी अंदर जा सकता है| मंदिर के सामने ही एक बालकनी है जो की यहाँ का प्रमुख आकर्षण है| यह मंदिर प्रकृति प्रेमियों और फटोग्राफर्स के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है| इस मंदिर मे पूरे साल भक्तों का आना जाना लगा रहता है|