औली मे घूमने के लिए 15 जगहें (Top 15 Places to Visit in Auli)

Places to Visit in Auli: समुद्र तल से 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित औली  उत्तराखंड राज्य का एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है जो दुनिया भर मे स्कीइंग के लिए मशहूर है| ये एक बेहद लोकप्रिय पहाड़ी शहर है जो अपने स्वच्छ वातावरण के लिए जाना जाता है| यहाँ पर आप ट्रैकिंग भी कर सकते हैं साथ मे और बर्फ से ढके अद्भुत पहाड़ों का आनंद ले सकते हैं|

औली की विशेषता यहाँ के ओक-धार ढलान और शंकुधारी जंगल है| ऐसी मान्यता है की गुरु आदि शंकराचार्य ने इस जगह का दौरा किया था| आप यहाँ से कामत पर्वत, मन पर्वत और नंदा देवी पर्वत के मनमोहक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं| औली छुट्टियाँ बिताने के लिए भी एक आकर्षक जगह है|

औली कैसे पहुंचे (How to reach Auli)

वायुमार्ग (By Air)

औली का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है जो की औली से लगभग 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|देहरादून हवाई अड्डा देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है| आप देहरादून हवाई अड्डे से उतरकर टैक्सी या बस लेकर औली पहुँच सकते हैं जिसमे आपको 8-10 घंटे का समय लग सकता है|

सड़क मार्ग (By Road)

सड़क मार्ग से औली आने के लिए आपको पहले जोशीमठ पहुंचना होगा| जोशीमठ उत्तराखंड के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| आपको दिल्ली से भी जोशीमठ के लिए बस मिल जाएगी| जोशीमठ से औली महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|

रेल मार्ग (By Train)

औली का सबसे नजदीकी रेल्वे स्टेशन हरिद्वार स्टेशन है जो औली से 270 किलोमीटर दूर है| हरिद्वार स्टेशन देश के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| हरिद्वार स्टेशन उतरकर बस या टैक्सी लेकर बड़े आराम से जोशीमठ पहुँच सकते हैं| अगर आप हरिद्वार के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|

आइए जानते है औली मे सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगहों के बारे मे-

1. औली कृत्रिम झील (Auli Artificial Lake)

ये दुनिया की सबसे ऊंची मानव निर्मित झील है जो बेहद आलोकिक और अद्भुत है| यह औली मे क्लिफटॉप क्लब के नजदीक स्थित है| सरकार ने इसे स्की ढलानों को को बर्फ से ढकने के लिए इस झील को बनवाया था ताकि मानसून मे भी लोग स्कीइंग का मजा ले सकें|

ये औली के सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगहों मे से एक है| इसके आस पास रंग बिरंगे फूल हैं जो इसकी सुंदरता मे चार चाँद लगाते हैं| गर्मियों के समय ये झील एक बेहद आकर्षण का केंद्र रहती है|

2. गुरसो बुग्याल (Gurso Bugyal)

 3,056 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह एक बेहतरीन और सुंदर सा घास का मैदान है| 3 किलोमीटर का छोटा और रोमांचकारी ट्रैक आपको इस अद्भुत जगह तक पहुंचाएगा| यह रास्ता द्रोण पर्वत, त्रिशूल पर्वत और नंदा देवी के बीच की घाटियों से होते हुए जाता है जहां पर आपको एक से बढ़कर एक पहाड़ों के अद्भुत नजारे दिखते हैं|

मानसून के समय पर ये पूरा क्षेत्र और भी ज्यादा हरा भरा हो जाता है जिसमे जड़ी बूटियाँ और वनस्पति उग जाती हैं और यह भूमि फूलों की रंग बिरंगे किस्मों के साथ एक उद्यान मे बदल जाता है| औली रोपवे के अंतिम पड़ाव से केवल 1.5 किमी दूर होने के कारण इस हरे भरे मैदान तक पहुंचना आसान हो जाता है| यह हरा भरा मैदान शंकुधारी और ओक के पेड़ों से घिरा हुआ है।

आपको ये ट्रैक सुबह जल्दी शुरू कर देना चाहिए ताकि शाम को आप अपने होटल जल्दी लौट सकें| गुरसो बुग्याल निश्चित रूप से घूमने वाली जगहों मे आपकी लिस्ट मे होनी चाहिए|

3. नंदा देवी शिखर (Nanda Devi Mountain)

नंदा देवी भारत की दूसरी सबसे और विश्व की 23 वीं सबसे ऊंची चोटी है जो समुद्र तल से 7817 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है| नंदा देवी अपने विस्मयकारी दृश्यों के कारण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है| नंदा देवी चोटी के आसपास आप प्रकृति का विहंगम दृश्य का आनंद ले सकते हैं साथ मे आप यहाँ पर कई प्रकार के वनस्पतियों और वन्य जीवों को भी देख सकते हैं|

इस शृंखला मे 2 चोटियाँ है एक है पूर्वी चोटी और दूसरी है पश्चिमी चोटी| पूर्वी चोटी का नाम जहां नंदा देवी है वही पश्चिमी चोटी का नाम सुनंदा चोटी है| नंदा देवी का धार्मिक महत्व भी बहुत ज्यादा है साथ मे यहाँ तक पहुँचने की ट्रैकिंग भी बहुत रोमांचकारी है| नंदा देवी तक पहुँचने का ट्रैक 55 किलोमीटर का है|

ट्रैक के दौरान आपको लोकल लोगों से बातचीत करने के साथ साथ उनकी संस्कृति को जानने का मौका मिलेगा| यात्रा के बीच आपको नंदप्रयाग, रुद्रप्रयाग और देवप्रयाग जैसे पवित्र नदियों का संगम देखने का मौका मिलेगा| नंदा देवी पर्वत औली मे घूमे जाने वाली जगहों (Places to Visit in Auli) मे से एक है|

4. औली रोपवे (Auli Ropeway)

 4 किलोमीटर का ये लंबा रोपेवे जोशीमठ और औली के हिल स्टेशनों को जोड़ता है| ये यात्रा 24 मिनट का समय लेती है| इसमें 25 यात्री एक साथ यात्रा कर सकते हैं। ये औली मे सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगहों मे से एक है| ये रोपवे गुलमर्ग के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा और लंबा रोपवे है|

4 किलोमीटर की इस दूरी मे आपको बर्फ से लदी घाटियां और हरे भरे खूबसूरत मैदान के मनमोहक नजारे देखने का मौका मिलता है| यह समुद्र तल से 3100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है| यह रोपवे 10 स्टील टावरों पर टिका होता है| आप औली या जोशीमठ से रोपवे पर चढ़ सकते हैं|

ये रोपवे  3 मीटर प्रति सेकंड की गति से चलते हैं| इसकी एक राउन्ड ट्रिप की कीमत 500-100 रुपये हैं| यहाँ चेयर लिफ्ट भी मिलेगी आपको जो केवल औली से चलकर स्की-रिसॉर्ट तक ही जाती है और इसकी कीमत 300 रुपये प्रति व्यक्ति है|

5. चिनाब झील (Chenab Lake)

चिनाब झील औली के आम जनता के लिए जलाशय का काम करती है जो की एक कृत्रिम झील है| हिमालय क्षेत्र मे कुछ ऐसे स्थान है जो अभी तक अनछुए हैं और जो लोग शांति को पसंद करते हैं और कम भीड़भाड़ मे आना चाहते हैं तो उनको चिनाब झील मे आना चाहिए| इस शांत इलाके तक किसी वाहन से नहीं पहुंचा जा सकता बल्कि आप यहाँ तक पैदल टहलते हुए प्रकृति का आनंद लेते हुए या सकते हैं|

झील का पानी बिल्कुल साफ होता है जिससे ये पहाड़ों के लिए प्रिज्म का काम करती है| आप यहाँ से नंदा देवी, नंदा कोट और द्रोणागिरी के पर्वतों की सुंदरता को नजदीक से देख सकते हैं| आप यहाँ पर अपने परिवार या मित्रजनों के साथ क्वालिटी समय बिता सकते है साथ मे ये पिकनिक के लिए भी एक आदर्श जगह है| यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता इतनी ज्यादा है की आप बिना फोटो लिए रह नहीं पाएंगें|

6. त्रिशूल शिखर (Trishul Mountain)

पश्चिमी कुमाऊं की तीन पर्वत चोटियाँ मिलकर त्रिशूल चोटी बनाती हैं जिसकी ऊंचाई 7120 मीटर हैं और  हिमालय पर्वत की सभी प्रमुख चोटियों मे से त्रिशूल चोटी ट्रैकिंग के लिए सबसे प्रसिद्ध और कठिन चढ़ाई मे से एक है| इसकी प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है|

त्रिशूल चोटी पर चढ़ना बच्चों का खेल नहीं है इसमे अनुभवी पर्वतारोहियों  ही चढ़ सकते हैं| यहाँ हर साल ट्रैकिंग के लिए आयोजन होता है जिसमे अनुभवी गाइड आपको लेकर जाते हैं| ये ट्रैकिंग नए ट्रैकर्स के लिए नहीं है| प्रकृति प्रेमी के लिय सूर्योदय और सूर्यास्त देखना किसी रोमांच से कम नहीं है|

7. कैंपिंग (Caping)

औली मे कैंपिंग करना सबसे लोकप्रिय गतिविधियों मे से एक है| तारों के नीचे कैंपिंग करना, शाम को अलाव जलाकर मस्ती करना, खेल कूद करना स्वादिष्ट भोजन का आनंद लेना और सुबह के समय जंगलों के बीच सूर्योदय मे मंत्रमुग्ध करने वाले दृश्यों के बीच नींद से जागना इससे ज्यादा आनंदित करने वाली ऐक्टिविटी कोई हो नहीं सकती|

आप पेशेवर गाइड की मदद भी सकते हैं| ज़्यादातर कैंपसाइटों में खुद की रसोई होती है जिसमे आपको गरमा गरम भोजन मिलता है साथ मे कैंपर्स को आरामदायक टेंट और स्लीपिंग बैग भी दिए जाते हैं और शौचालय के साथ साथ अन्य कई  प्रकार की सुविधाएँ भी दी जाती है|

8.  रुद्रप्रयाग (Rudraprayag)

यह धार्मिक दृष्टि से बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण स्थान है जो अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के संगम पर स्थित है| इस खूबसूरत शहर की ऊर्जा और आकर्षण आपके मन को पूरी तरह शांत कर देगा| इस शहर का नाम भगवान शिव के नाम पर पड़ा है| ये शहर बद्रीनाथ और केदारनाथ का प्रवेश द्वार है|

यहाँ पर आपको प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ आध्यात्म का भी अनुभव कर सकेंगे|  इस शहर मे एक से बढ़कर एक प्राचीन मंदिर हैं जो आपको अद्भुत और आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराएंगें| यहाँ आने के बाद तुंगनाथ और चोपता जैसे जगहों पर ट्रैक के लिए भी जा सकते हैं|

9. जोशीमठ (Joshimath)

 हिन्दुओ का एक बहुत ही प्रमुख तीर्थस्थल है जोशीमठ जिसे ज्योतिर्मठ के नाम से भी जाना जाता है| जोशीमठ 6150 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक पहाड़ी शहर है जो चमोली जिले के अंदर आता है| धौलीगंगा और अलकनंदा के संगम पर स्थित जोशीमठ शहर मे भगवान बद्री का शीतकालीन निवास भी है क्यूँ की ठंड के दौरान  भगवान बद्री की मूर्ति को बद्रीनाथ से जोशीमठ में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

इस बर्फ से ढकी धार्मिक नगरी को ‘ट्रेकिंग के लिए प्रवेश द्वार’ के लिए भी जाना जाता है| जोशीमठ कई मंदिरों की मेजबानी करता है जिसमे नरसिंह मंदिर सबसे लोकप्रिय हैसाथ मे ये शहर बद्रीनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम स्थल है।

10. विष्णुप्रयाग (Vishnuprayag)

यह विशिष्ट धार्मिक शहर औली शहर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो चमोली जिले मे स्थित है जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई 1372 मीटर है| यहाँ पर अलकनंदा और दहलीगंगा दोनों को मिलकर एक नदी बनाते हुए आप देख सकते हैं| यहाँ पर भगवान विष्णु का एक मंदिर है जिसका निर्माण 1889 मे इंदौर की एक महारानी ने बनवाया था|

विशाल हिमालय की गोद मे बसा विष्णुप्रयाग प्रसिद्ध पंच प्रयाग का पहला संगम है| औली से विष्णुप्रयाग जाते समय आपको कागभुसंडी झील के खूबसूरत नज़ारे आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे| हिन्दू धर्म के लिए विशेष जगह होने के कारण यहाँ कई आश्रम, मंदिर और आध्यात्मिक जगहें हैं|

यह जगह समुद्र तल से 1400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है यहाँ सर्दियों के समय हिमालय के पर्वतों मे बर्फ जम जाती है जिससे यहाँ का नजारा और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाता है साथ मे आप यहाँ पर फोटोग्राफी भी कर सकते हैं|

11. औली में ट्रेकिंग (Treking In Auli)

औली मे हिमालय पर्वत के कुछ शानदार ढलानें हैं जहाँ पर आप ट्रेकिंग का लुत्फ ले सकते हैं। लगभग 2500-3000 मीटर की ऊंचाई पर कुछ बेहतरीन ट्रैकिंग रूट हैं| आप औली से नंदा देवी, कामेट, माना पर्वत, दूनागिरी और जोशीमठ जैसी हिमालय की चोटियों तक ट्रैकिंग का मजा सकते हैं। जोशीमठ मे आपको कई ट्रैक के लिए बेस कैम्प भी मिलेंगे|

12. भविष्य बद्री (Bhavishya Badri)

भविष्य बद्री मंदिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह को समर्पित है| यह मंदिर औली मे सबसे ज्यादा पूजनीय स्थलों मे से एक है| यह प्रसिद्ध मंदिर जो समुद्र तल से 2,744 मीटर की ऊँचाई और जोशीमठ से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|

यह मंदिर तपोवन से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| भविष्य बद्री 5 बद्री मंदिरों में से एक है बाकी चार बद्रीनाथ, योग ध्यान बद्री, आदि बद्री, और वृद्धा बद्री हैं| इस मंदिर को भविष्य का बद्रीनाथ का विश्राम स्थल माना गया है| यह स्थान बेहद घने जंगल के बीचों नीच स्थित है|

13. औली में स्कीइंग (Skiing in Auli)

औली स्कीइंग के लिए एक बेहतरीन और आदर्श स्थान है जो की समुद्र तल से 2000-3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है| शंकुधारी वृक्षों और ओक के जंगल से घिरा हुआ औली पूरी तरह बर्फ से ढका हुआ है|

यहाँ पर स्कीइंग करने से माउंट नंदा देवी, दूनागिरी, बीथरटोली, माना पर्वत, घोरी पर्वत और हाथी पर्वत जैसे खूबसूरत चोटियों के नजारे देखने को मिलते हैं| औली की स्कीइंग ग्राउंड दुनिया के सबसे ग्राउन्ड मे से एक है| औली का मैदान स्कीइंग के लिए सबसे बेहतरीन और आदर्श स्थान है|

14. कुवारी बुग्याल (Kuari Bugyal)

ये स्थान ट्रेकर्स के बीच एक बहुत लोकप्रिय जगह है जो गुरसौं बुग्याल से 12 किमी की दूरी और समुद्र तल से  3380 मीटर की ऊंचाई  पर स्थित है| यहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय जून से सितंबर के बीच का माना जाता है| यहाँ से आप बर्फ से ढके नंदा देवी और दूनागिरी पर्वत को बहुत नजदीक से देख सकते हैं|

15. सैलधार तपोवन (Saildhar Tapovan)

सैलधार औली में घूमने के लिए एक मशहूर जगह है जो औली शहर से 15 किलोमीटर की दूरी और जोशीमठ रोड पर स्थित है| यहाँ से 3 किलोमीटर की दूरी पर एक गरम पानी का झरना है| अगर आप शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत है तो इस जगह की सैर आसानी से कर सकते हैं|

यह गाँव अपने पर्यटकों को बेहतरीन सांस्कृतिक का अनुभव कराता है| यहाँ पर आपको पारंपरिक हस्तशिल्प भी खरीदने को मिल जाएंगें|

निष्कर्ष

इस लेख मे औली की अद्भुत खूबसूरती का को बयाँ करने का प्रयास किया गया है लेकीन प्राकृतिक खूबसूरती शब्दों से बहुत ज्यादा बयाँ नहीं हो सकती| औली से आप हिमालय की सभी पहाड़ियों को काफी करीब से देख सकते हैं| इस हिमालयी शहर की खूबसूरती देखना चाहते हैं तो आपको यहाँ आना पड़ेगा| अगर आपके पास समय और बजट दोनों की कमी है तो फिर आप औली रोपेवे, गुरसो बुग्याल, औली कृत्रिम झील, नंदा देवी शिखर और चिनाब झील| ये 5 जगहें ऐसी हैं जहां पर आपको जरूर घूमना चाहिए|

वैसे तो आप औली साल मे किसी महीने जा सकते हैं लेकिन सबसे अच्छा समय यहाँ आने का मार्च से जून के बीच का है|

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