Places to Visit in Dalhousie: डलहौजी समुद्र तल से लगभग 1,970 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है| डलहौजी शहर हिमाचल प्रदेश का एक बेहद ही खूबसूरत शहर है जो 1854 मे ब्रिटिश गवर्नर-जनरल लॉर्ड डलहौजी द्वारा स्थापित किया गया था इसलिए इस शहर का नाम उनके नाम पर पड़ा| डलहौजी किसी स्वर्ग से कम नहीं है|
यह छोटा सा गाँव चारों तरफ से हरे भरे जंगल, खूबसूरत झरने और हरे भरे घास के मैदान से घिरा है| डलहौजी हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है जो आपके रोम रोम को शांति और रोमांच से भर देंगा| गर्मियों के मौसम मे डलहौजी सबसे बढ़िया जगह है घूमने के लिए|
ये गाँव प्रकृति के गोद मे बसा है जो शहर के भीड़भाड़ से दूर है और प्रदूषण से पूरी तरह मुक्त है| डलहौजी हिमांचल प्रदेश मे सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगह है|
डलहौजी कैसे पहुंचे (How to reach Dalhousie)
वायुमार्ग (By Air)
डलहौजी का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा कांगड़ा में गग्गल हवाई अड्डा है जो डलहौजी से 107 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है लेकिन इसकी कनेक्टिविटी देश के बाकी हवाई अड्डों से बहुत अच्छी नहीं है इसलिए आपके लिए अच्छा होगा की आप चंडीगढ़, अमृतसर या जम्मू तक की फ्लाइट ले सकते है और यहाँ उतरकर बस या टैक्सी लेकर डलहौजी पहुँच सकते हैं| चंडीगढ़, अमृतसर या जम्मू इन तीनों जगहों से डलहौजी बराबर दूरी पर स्थित है|
सड़क मार्ग (By Road)
डलहौजी, प्रदेश के सभी बड़े शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है|आप देश की राजधानी दिल्ली से भी लक्जरी आरामदायक बस पकड़कर डलहौजी पहुँच सकते हैं|
रेल मार्ग (By Train)
डलहौजी का सबसे नजदीक रेल्वे स्टेशन पठानकोट रेल्वे स्टेशन है जो डलहौजी से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |आप पठानकोट स्टेशन उतरकर बाहर से बस या टैक्सी लेकर डलहौजी पहुँच सकते हैं| अगर आप पठानकोट के लिए ट्रेन टिकट नुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
आइए जानते है डलहौजी मे सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगहों के बारे मे
1. खज्जियार (Khajjiar)
6,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित खज्जियार शहर डलहौजी से करीब 16 किलोमीटर की दूसरी पर स्थित है| इसे भारत का ‘ मिनी-स्विट्जरलैंड’ भी कहते हैं|खज्जियार शहर झील, चारागाह और जंगलों का एक शानदार संगम है| आप यहाँ पर पैराग्लाइडिंग, ज़ोरबिंग और घुड़सवारी जैसे ऐक्टिविटी का लुत्फ उठा सकते हैं|
यहाँ पर एक प्रसिद्ध 12वीं शताब्दी में बनाया गया खज्जी नाग मंदिर है जो भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र है| सर्दियों मे कभी कभी भारी बर्फबारी होने के कारण खज्जियार का रास्ता बंद हो जाता है| घास के मैदानों के बीच आप कैंपिंग का भी आननद ले सकते है|
यहाँ से आप कैलाश पर्वत के मनोरम दृश्य भी देख सकते है साथ मे डलहौजी से खज्जियार जाते समय कालाटोप वन्यजीव अभयारण्य घूमने की भी योजना बना सकते हैं| खज्जियार, डलहौजी मे घूमे जाने वाली जगहों (Places to Visit in Dalhousie) मे से एक है|
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2. पंचपुला (Panchpula)
पंचपुला हरे भरे जंगलों के बीच से बहता हुआ एक बेहद सुंदर सा झरना है जो डलहौजी के सबसे घूमे जाने वाली जगहों मे से एक है| इस झरने की पाँच धाराएँ एक साथ आती हैं जो शहर की आस पास की जगहों मे पानी की सुविधा प्रदान करती है| मानसून के दौरान यहाँ की सुंदरता और बढ़ जाती है|
यहाँ पर शहीद भगत सिंह के चाचा महान क्रांतिकारी सरदार अजीत सिंह का एक स्मारक भी है| ये झरना डलहौजी के गांधी चौक से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी है| प्रकृति प्रेमियों के लिए ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है| ये एक बेहद मनोरम जगह है जहां पर पिकनिक भी मना सकते है और साथ मे फोटोग्राफी भी कर सकते हैं|
3. डैनकुंड शिखर (Dainkund Peak)
समुद्र तल से 2755 मीटर की ऊंचाई पर स्थित डैनकुंड पीक डलहौजी की सबसे ऊंची चोटी है| इस चोटी से आप पहाड़ों के हरे भरे अद्भुत दृश्य देख सकते हैं| जो लोग शांति खोज रहे है और जो लोग प्रकृति प्रेमी है उनके लिए ये एक स्पेशल जगह है| यहाँ से आप खज्जियार झील का सुंदर आकर्षण और बर्फ से ढके पहाड़ों का सुंदर दृश्य देख सकते हैं|
डैनकुंड में जब तेज हवाएं जंगल के तारों से टकराती हैं तो कानों मे एक मधुर ध्वनि सुनाई देती है| ये एक देखने लायक जगह है जो आपको बहुत ही सुकून देगी| डैनकुंड पीक के दो भाग हैं जो मुख्य भाग है भारतीय वायु सेना का है और दूसरा फोलानी देवी मंदिर का| ये एक आलोकिक मंदिर है क्योंकि यहाँ मनोकामना पूर्ण होने पर त्रिशूल चढ़ाने का प्रावधान है| यहाँ देवी जी और शिव जी दोनों का मंदिर है और आप यहाँ से पहाड़ों की अद्भुत सुंदरता देख सकते हैं|
4. चमेरा झील (Chamera lake)
चंबा जिले मे डलहौजी से लगभग 30 किलोमीटर और समुद्र तल से 763 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है चमेरा झील जिसे चंबा झील के नाम से भी जाना जाता है| यह एक लोकप्रिय मानव निर्मित झील है जो पीकनिक मनाने के लिए एक बेहद आकर्षक जगह है| यहाँ पर कई प्रकार की जल क्रीड़ाओं का आयोजन किया जाता है| इस झील मे नौका विहार भी कर सकते है साथ मे कयाकिंग और कैनोइंग जैसी गतिविधियों का का भी लुत्फ उठा सकते हैं|
यहाँ आने का सबसे अच्छा समय होता है मार्च और जून के बीच जब मौसम काफी सुहावना होता है। चारों तरफ हरे भरे पहाड़ों से घिरे होने के कारण आप यहाँ आकर बेहद सुकून का अनुभव करेंगें साथ मे आप यहाँ पर फोटोग्राफी भी कर सकते हैं| यहाँ से डूबते सूरज की सुंदरता को निहार सकते हैं| यहाँ झील के चारों तरफ स्नैक्स की दुकाने है जहां पर आप नाश्ते का भी आनंद ले सकते हैं|
आप यहाँ से बर्फ से लदी पीर पंजाल की पहाड़ियों को भी निहार सकते हैं|
5. सतधारा जलप्रपात (Satdhara Waterfall)
चंबा घाटी स्थित सतधारा झरना सबसे सुंदर झरनों मे से एक है जो देवदार के पेड़ों और बर्फ से लदे पहाड़ों से घिरा हुआ है| ‘सतधारा’ का मतलब है सात झरने। यह झरना सात अलग अलग खूबसूरत झरनों को एक साथ लाता है जिनका संगम 2036 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक बिन्दु पर होता है|
इसके पानी मे अभ्रक होता है जो त्वचा रोग से लड़ने मे सहायक होता है| जो लोग शांति की तलाश मे है उनको यहाँ एक बार जरूर आना चाहिए साफ ठंडे पानी की बूंदे, गीली मिट्टी की खुशबू और हरे भरे जंगल आपको आलोकिक शांति प्रदान करेगी| ऊंचाई से गिरता हुआ झरना और इसकी खूबसूरती आपको मंत्रमुग्ध कर देगी| आप आपने मित्रजनों और परिवार वालों के साथ यहाँ पर पिकनिक भी मना सकते हैं|
6. कालाटोप अभयारण्य (Kalatop Wildlife Sanctuary)
कालाटोप नाम का अर्थ होता है ‘काली टोपी’, जो अभयारण्य में सबसे ऊंची पहाड़ी की चोटी पर काले, घने बादलों के होने को चरितार्थ करता है जो हिमाचल प्रदेश के सुरम्य चंबा जिले में स्थित है। चंबा बांध और चमेरा जलाशय से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह अभयारण्य वन्यजीवों और वनस्पतियों से बेहद समृद्ध माना जाता है।
यह अभयारण्य हरे घास के बड़े बड़े मैदान, देवदार के पेड़, बर्फ से ढके पहाड़ और विभिन्न ताजे पानी की धाराओं से मिलकर बना हुआ है| रावी नदी के नज़दीक स्थित कालाटोप अभयारण्य प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है| कालाटोप अभयारण्य ट्रैकिंग के लिए एक भी एक आदर्श स्थान है।
जब भी इस अभयारण्य जाएं अपने साथ एक कैमरा जरूर ले जाएं ताकि यहाँ के नजारों को कैमरे मे कैद कर सके| जब भी आप डलहौजी जाएं तो कालाटोप अभयारण्य को घूमने वाली जगहों मे जरूर शामिल करें|
7. गंजी पहाड़ी (Ganji Pahari)
गंजी पहाड़ी पठानकोट रोड पर एक छोटी और सुंदर पहाड़ी है जो डलहौजी बस स्टैंड से 5 किमी की दूरी पर स्थित है| गंजी पहाड़ी का 1-2 घंटे का ट्रेक पंचपुला से शुरू होता है| यहाँ पास ‘गंजी’ से आशय गंजेपन से है क्यू की इस पहाड़ी मे कोई भी वनस्पति या पेड़ पौधे नहीं है|
ठंड के दौरान यह पूरी पहाड़ी बर्फ से ढकी होती है| पर्यटक यहाँ सेसुरोडाय और सूर्यास्त देखने के लिए गंजी पहाड़ी की ओर ट्रेकिंग करते हैं। यहाँ पास आप स्टे भी कर सकते है और कैंपिंग भी लेकिन इन दोनों के लिए आपको बुकिंग पहले ही करनी पड़ेगी| डलहौजी के नजदीक होने के कारण ये पहाड़ी पिकनिक मनाने के लिए भी एक परफेक्ट जगह है|
8. सुभाष बावली (Subhash Baoli)
डलहौजी के गांधी चौक से 1 किमी दूर स्थित है सुभाष बावली| इस झरने का नाम प्रसिद्ध और महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा गया है| यह एक बारहमासी झरना है जिसमे औषधीय गुण पाए जाते हैं| सुभाष चंद्र बोस 1937 में स्वास्थ्य की खराबी के चलते यहाँ पर आये थे और यहाँ पर 7 महीने रुके और वो पूरी तरह ठीक हो गए|
नेता जी के नाम पर बना यह स्थान पिकनिक मनाने और सुबह शाम की सैर के लिए एक आदर्श जगह है| यहाँ पर आप अपने परिवार के साथ आकर प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते है साथ मे फोटोग्राफी भी कर सकते हैं|
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9. सेंट जॉन चर्च (St John’s Church)
सेंट जॉन चर्च डलहौजी का सबसे पुराना चर्च है जिसका निर्माण 1863 मे किया गया था| इसका ऐतिहासिक महत्व बहुत ज़्यादा है क्योंकि इसकी निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी| ऐसा माना जाता है की डलहौजी मे ये सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली धार्मिक जगह है|
चर्च के अंदर वाले हिस्से को सेंट जॉन द बैपटिस्ट और सेंट पीटर की शानदार पेंटिंग से सजाया गया है। चर्च के बगल मे एक लाइब्रेरी है जहां शहर के अतीत और वर्तमान के समय के बारे मे बहुत सारी किताबे हैं| यह चर्च सुंदरता और इतिहास का बहुत ही सुंदर संगम है जो फोटोग्राफरों को अपनी ओर आकर्षित करता है|
10. रॉक गार्डन (Rock Garden)
रॉक गार्डन का नाम डलहौजी में घूमने के लिए सबसे शांत जगहों मे से एक है| यह प्रकृति प्रेमियों और फ़ोटोग्राफ़रों के लिए एक उत्तम जगह है| यह एक सुंदर उद्यान है जो पिकनिक के लिए एकदम परफेक्ट है| यहाँ पर आप आराम कर सकते है परिवार या मित्रजनो के साथ मे कुछ क्वालिटी समय बिता सकते हैं साथ मे कई साहसिक खेलों का आनंद भी उठा सकते हैं|
11. चंबा (Chamba)
यह एक हिमालयी शहर है जो रावी नदी किनारे बसा हुआ है जी समुद्र तल से 996 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है| चंबा शहर चारों तरफ से जम्मू और कश्मीर, लाहौल और कांगड़ा से घिरा हुआ है| चंबा शहर अपने प्राचीन मंदिरों और गुफाओं के लिए मशहूर है| यहाँ से आप पीर पंजाल, ज़ांस्कर और धौलाधार पर्वतमाला के मंत्रमुग्ध करने वाले दृश्यों को देख सकते हैं|
प्राकृतिक सुंदरता से भरी यह घाटी अल्पाइन जंगलों, तेज़ बहने वाली नदियों, क्रिस्टल पानी वाली झीलों, मनमोहक झरनों और विशाल खुले घास के मैदानों के लिए जानी जाती है| चंबा में एक शानदार सांस्कृतिक विरासत भी है और इस विरासत मे यहाँ के बहुत सारे चमत्कारिक मंदिर आते हैं जिसमे चामुंडा देवी मंदिर और लक्ष्मीनारायण मंदिर जो आपको अद्भुत शांति प्रदान करते हैं|
12. इंडो तिब्बती मार्केट (Indo Tibetan Market)
तिब्बती बाज़ार डलहौजी मे खरीदारी के लिए सबसे अच्छी बाजार में से एक है जहां प्रत्येक वस्तु की शुरुआती कीमत 300 रुपये से चालू होती है| यहाँ पर आप पारंपरिक कश्मीरी शॉल, कढ़ाई, बैग, कालीन और कई हस्तशिल्प ये सब खरीद सकते हैं|
यह बाजार गांधी चौक में है जिसके आस पास हथकरघा और हस्तशिल्प की कई दुकानें हैं| यहाँ पर आप ऊनी कपड़े, रंगीन कालीन और खूबसूरत आभूषण खरीद सकते हैं| यहाँ पर प्रसिद्ध चंबा चप्पल और शॉल भी मिलते हैं। ये बाजार तिब्बतियों द्वारा संचालित है जहां से आप निशानी के तौर पर कोई सामान ले सकते हैं|
13. चामुंडा देवी मंदिर (Chamunda Devi Temple)
यह डलहौजी बहुत ही प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है जो माता काली को समर्पित है। ऐसी मान्यता है यहां पर माता अंबिका ने मुंडा और चंदा नाम के राक्षसों का वध किया था| इस मंदिर मे देवी की मूर्ति को लाल कपड़े मे लपेटकर रखा जाता है और किसी भी भक्त को देवी को छूने की इजाजत नहीं है| चारों ओर पहाड़ियों से घिरा यह मंदिर आपको एक अद्भुत शांति देगा| अगर आप माता के दर्शन के साथ साथ प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं तो इस मंदिर को घूमने वाली जगहों मे जरूर शामिल करें|
14. लक्ष्मी नारायण मंदिर (Laxmi Narayan Temple)
यह एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है जो भगवान भोलेनाथ और जगतपालक भगवान विष्णु को समर्पित है जिसका निर्माण 920 और 940 ई. के बीच किया गया था| मंदिर का निर्माण शिखर शैली मे किया गया है| मंदिर मे दर मूर्तियाँ, गर्भगृह और मंडप हैं। भगवान विष्णु की मूर्ति दुर्लभ संगमरमर से बनी हुई है| इस मंदिर का निर्माण चंबा के राजाओं द्वारा किया गया था|
15. जोत दर्रा (Jot Pass)
जोत दर्रा समुद्र तल से 2880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है| यह डलहौजी का एक छिपा हुआ खजाना है जहां डलहौजी के बाकी जगहों की अपेक्षा बहुत की कम भीड़भाड़ देखने को मिलती है| ठंड के मौसम मे ये दर्रा पूरी तरफ बर्फ से ढका रहता है और वाहनों का प्रवेश बंद रहता है|
अगर आपके अंदर ट्रॅकिंग का रोमांच है तो इस जगह को जरूर घूमें| गर्मियों के मौसम मे ये पूरी घाटी फूलों से सज जाती है| इसके अलावा शीर्ष पर पहुँचने के बाद आप राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों का लुत्फ उठा सकते हैं।
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निष्कर्ष
डलहौजी हिमाचल प्रदेश का वो शहर है जहां जाने के बाद आपको लौटने का मन नहीं करेगा| शहर की भागदौड़ और तनाव वाली जिंदगी को डलहौजी की खूबसूरती आपके तन और मन को पूरी तरह शांत कर दगी| आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ यहाँ पर क्वालिटी समय बिता सकते हैं| प्रकृति प्रेमियों के लिए ये जगह एक दूसरी ही दुनिया है| यहाँ के सुंदर झरने, हरे भरे घास के मैदान, हरे भरे पर्वत और चहचहाती पक्षियों की मधुर आवाज आपके चित्त को पूरी तरह शांत कर देंगी| यहाँ पहुँचने का रास्ता भी बहुत आसान है| अगर आप किसी ऑफिस मे काम करते हैं तो वीकेंड मे 2 दिन के लिए आकर अपने आपको ताजगी से भर सकते हैं|