दार्जिलिंग मे घूमने के लिए 15 जगहें (Top 15 Places To Visit In Darjiling)

Places To Visit In Darjiling: दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल स्थित एक बेहद ही खूबसूरत और सुरम्य हिल स्टेशन है जो समुद्र तल से 2134 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है जिसकी सीमाएं बांग्लादेश, भूटान और नेपाल जैसे देशों के साथ लगती हैं| दार्जिलिंग को “क्वीन ऑफ हिल्स” भी कहते हैं| दार्जिलिंग चारों तरफ से सुंदर मठों और बर्फीली हिमालय की पहाड़ियों से घिरा हुआ है| बड़े बड़े चाय के बागान दुनिया भर कर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं|

दार्जिलिंग कैसे पहुंचे (How to reach Darjiling)

वायुमार्ग (By Air)

दार्जिलिंग मे खुद का कोई हवाई अड्डा नहीं है|दार्जिलिंग का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा बागडोगरा है जो दार्जिलिंग से 88 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| बागडोगरा से लगभग साढ़े तीन घंटे की यात्रा करके दार्जिलिंग पहुँच सकते हैं| अगर आप दार्जिलिंग के लिए फ्लाइट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|

सड़क मार्ग (By Road)

यदि आप सड़क मार्ग से दार्जिलिंग जाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले सिलीगुड़ी पहुंचना पड़ेगा| यहाँ से आप शेयरिंग बसों या जीप से दार्जिलिंग जा सकते हैं|

रेल मार्ग (By Train)

न्यू जलपाईगुड़ी (NJP) दार्जिलिंग पहुँचने के लिए सबसे नजदीक रेल्वे स्टेशन है|जो देश के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| यहाँ से आप पैसेंजर ट्रेन पकड़कर दार्जिलिंग जा सकते है या आप टैक्सी और बस भी ले सकते हैं|

आइए जानते है दार्जिलिंग मे सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगहों के बारे मे

1. टाइगर हिल (Tiger Hill)

दार्जिलिंग से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी और 8442 फीट की ऊंचाई पर स्थित टाइगर हिल से सूर्योदय देखना एक अद्भुत अनुभव है| जब सूर्योदय होता है तो उसकी किरण बर्फ से ढकी हुई  कंचनजंगा की चोटियों से पर पड़ती है जिसकी सुंदरता देखने के लिए लोग दूर दूर से यहाँ पर आते हैं|

अगर आसमान पूरी तरह साफ है तो आपको माउंट एवरेस्ट का भी दीदार हो सकता है|  यहाँ पर आप बादलों के साथ खेल सकते हैं| कंचनजंगा की चोटियों का मनोहर दृश्य का आनंद लेना आपके और आपके परिवार के लिए काभी न भूलने वाला पल होगा| टाइगर हिल दार्जिलिंग मे घूमे जाने वाली जगहों (Places To Visit In Darjiling) मे से एक है|

2. दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (Darjiling Himalayan Railway

दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (DHR) एक प्रसिद्ध यूनेस्को विश्व धरोहर है और भारत के 3 पहाड़ी रेल्वे से सबसे प्राचीन है बाकी के 2 तमिलनाडु में नीलगिरी माउंटेन रेलवे और हिमाचल प्रदेश में कालका शिमला रेलवे हैं| DHR अपने यात्रियों को एक मजेदार और बेहतरीन सफर कराती है| इस ट्रेन को लोग टॉय ट्रेन कहते हैं|

यह 2 फीट की नैरो गेज ट्रेन है जो न्यू जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग के के बीच चलती है। लगभग 88 किलोमीटर का ये रास्ता हरे भरे जंगल और सुंदरता से भरपूर है जिसको देखकर आंखे फटी की फटी रह जाती हैं|  

यहां पर 7407 फीट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया का चौदहवाँ और भारत का सबसे ऊंचा लाइवे स्टेशन घूम का भी आनंद ले सकते हैं|  ट्रेन घूम में  लगभग आधा घंटे के लिए रुकती है.

3. वेधशाला हिल (Vedhshala Hill)

वेधशाला हिल या ऑब्जर्वेटरी हिल  मे महाकाल का मंदिर है इसको महाकाल का घर भी कहते हैं| यह स्थान हिंदुओं के साथ-साथ बौद्धों के लिए भी बेहद पवित्र है| आसमान साफ होने पर आप यहाँ से कंचनजंगा व्यू पॉइंट का भी आनंद ले सकते हैं|

यहाँ पहुँचने के लिए आपको 15-20 मिनट की कठिन चढ़ाई चढ़नी पद सकती है| ऐसा माना जाता है कि 1765 में दार्जिलिंग का  सबसे पुराना मठ ‘भूटिया बस्ती मठ’ पहली बार ऑब्जर्वेटरी हिल मे बनाया गया था. मठ को बाद में भूटिया बस्ती में बदल  दिया गया था.

4. दार्जिलिंग रॉक गार्डन (Rock Garden)

दार्जिलिंग से करीब 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित दार्जिलिंग रॉक गार्डन को बारबोटी रॉक गार्डन भी कहते हैं जो एक बेहद शानदार प्राकृतिक झरने से घिरा हुआ है, जिसे चुन्नू समर फॉल कहते हैं| यह एक बेहद खूबसूरत पिकनिक स्थल है जो चारों तरफ खूबसूरती से घिरा  हुआ है|

रंग बिरंगे फूलों के बगीचे और हरियाली आपका मन मोह लेगी, साथ मे यहाँ  विभिन्न तरह के बैठने की व्यवस्था है जिससे आप यहाँ बिना समय बिताए जा ही नहीं सकेंगे| नेचर लवर के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं है यहाँ से आप गंगा माया पार्क भी जा सकते हैं जो रॉक गार्डन से 3 किमी नीचे की ओर स्थित है|

शांति और सुंदरता के बीच आप यहाँ पर बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं|  रॉक गार्डन पहाड़ों और चट्टानों को काटकर बनाया गया है.

5. बतासिया लूप (Batasiya Loop)

अगर आप दार्जिलिंग मे है और आपने बतासिया लूप नहीं घुमा तो कुछ भी नहीं घुमा| यह लूप ‘घूम’ रेलवे स्टेशन के ठीक नीचे स्थित है| यह एक रेलवे ट्रैक में बड़ी लूप है, जिसमें एक टॉय ट्रेन 360 डिग्री पर घूमती है| दार्जिलिंग की सुंदरता देखने का इससे अच्छा और बेहतर तरीका कोई और हो ही नहीं सकता| 

इस जगह को अप्रैल से लेकर जून के महीना के बीच घूमा जा सकता है| इसका अनूठा डिजाइन ही इस बेहतरीन जगह का आकर्षण है जिसमे ट्रेन का ट्रैक पहाड़ी को चारों ओर से घेरे हुए है और लूप के बीच में एक बगीचे से घिरा गोरखा सैनिकों का युद्ध स्मारक है|


6. हैप्पी वैली टी एस्टेट (Happy Valley Tea Estate)

दार्जिलिंग रेलवे स्टेशन से 2.5 किमी की दूरी पर 177 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले  6900 फीट की ऊंचाई पर स्थित ये दुनिया के सबसे ऊंचे चाय और विशाल  बागानों में से एक है. यहाँ आकार आप चाय की पत्तियों को तोड़ने से लेकर सुखाने तक पूरी प्रोसेस जानने का मौका मिलेगा|

यह ‘स्टीनथल टी एस्टेट’ के बाद दार्जिलिंग का दूसरा सबसे प्राचीन चाय का बागान है| ये बगान 150 साल पुराने  हैं जो भारत में सबसे बेहतरीन क्वालिटी वाली चाय का उत्पादन करने के लिए जानी जाती है| यहाँ के गाइड आपसे छोटी फीस लेकर आपको पूरी प्रोसेस समझने मे मदद करते हैं|

7. लेप्चाजगत (Lepchajagat)

लैपचाजगत एक आकर्षक और एक बेहद मोहक और छोटा सा गांव है जो शहर से 15 किमोमीटर की दूरी पर स्थित है|  लेप्चाजगत पूर्वी हिमालय की तलहटी में स्थित  एक पुराना गांव है, जो दार्जिलिंग के साथ-साथ पूरी घाटी के शानदार हरे भरे दृश्य देखने के लिए जाना जाता है जहां लेप्चा समुदाय के लोग निवास करते हैं| शहरों के भीड़ भाड़ और शोर शराबे से दूर आप यहाँ आकरकुछ समय शांति और सुकून के साथ बिता सकते हैं|

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8- जोरपोखरी (Jorpokhari)

 जोरपोखरी भारत-नेपाल सीमा के नजदीक दार्जिलिंग के पास एक छोटा सा गांव है जो दार्जिलिंग से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|’जोर’ का अर्थ है ‘जोड़ा’ और ‘पोखरी’ का अर्थ है ‘एक झील’ जिससे पता चलता है की जोरपोखरी में कुछ झीलें हैं, जो प्राकृतिक सुंदरता के कारण आकर्षण का केंद्र है|

यहाँ  पश्चिम बंगाल वन विकास निगम द्वारा बनाए गए बंगले मे रहकर रात की रोशनी मे जगमगाता दार्जिलिंग शहर का दीदार कर सकते हैं साथ मे आप बंगले के कमरे से कंचनजंगा चोटी का सूर्योदय का भी आनद ले सकते हैं।

9- मिरिक (Mirik)

मिरिक की प्राकृतिक खूबसूरती और मोहक दृश्यों को देखने के लिए दूर-दराज से हर साल लोग पहुंचते हैं| शांत और घने जंगलों मे बसा यह स्थान खूबसूरत झीलों और पहाड़ों के लिए प्रसिद्ध है| मिरिक, हिमालय घाटी मे झील के किनारे बसा एक बहुत ही छोटा और खूबसूरत हिल स्टेशन है | यहाँ बोटिंग और मछली पकड़ने जैसी गतिविधियाँ सैलानियों को अपनी ओर खींचती है|

यह झील प्रकृति के बेमिसाल खुबसूरती का बेहतरीन नज़ारा दिखाता है| इस झील पर बना पुल इंजीनियरिंग दक्षता  का बहुत अच्छा उदाहरण है| यह गाँव समुद्र तल से 1767 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसलिए  यहां का मौसम साल भर सुखदायी रहता है|

10. कोकिला (नायटिंगल) पार्क (Naitangle Park)

अगर आप दार्जिलिंग घूमने जाते हैं तो  नाइटेंगल पार्क जरूर विज़िट करें| यहाँ पर आपको मंत्रमुग्ध करने वाला नजारे मिलेंगे| यहाँ से आप बर्फ से ढकी कंचनजंघा का दीदार कर सकते है साथ मे आउट्डोर खेलों का भी मजा ले सकते हैं| पिकनिक मनाने के लिए ये एक उत्तम स्थान है|

यहाँ का मनोरम और खूबसूरत दृश्य आपके रोम रोम को ताजगी से भर देगा|  इस मनोरम  पार्क में शिव मंदिर है और ऊँचाई से गिरते हुए सुंदर झरने हैं जो आपका मन मोह लेंगे साथ मे यहाँ एक संगीतमय फव्वारा भी है जो जो सैलानियों के बीच बहुत प्रसिद्ध है|

11. सैंडकफू ट्रेक (Sandakphu Trek)

3636 मीटर (11926 फीट) पर स्थित संदकफू, पश्चिम बंगाल का सबसे ऊँचा स्थान है, जो नेपाल की सीमा से लगा है, यह  पश्चिम बंगाल की सबसे ऊंची चोटी है| यह दार्जिलिंग जिले में सिंगलाला रेंज में स्थित हैऔर यही पास सिंगलाला नैशनल पार्क है जहां आप जंगल सफारी के साथ साथ ट्रैकिंग का भी आनद ले सकते हैं|

यहाँ की ट्रैकिंग दुनित टफ ट्रैकिंग मे से है इसलिए ट्रैक्स पर निकलने से पहले अपनी फिटनेस को अच्छी तरह चेक कर लें| यहां आपको ऑर्किड के ही लगभग 600 प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी| यहाँ के शिखर से दुनिया के चार सबसे ऊंचे पहाड़ों – माउंट एवरेस्ट, लोत्से, मकालू और कंचनजंगा को एकदम साफ देखा जा सकता है।

यहाँ की सौंदर्यता और नजारे नेचर लवर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जिसके हर नजारे को आप अपने कमरे मे कैद करना चाहेंगे|

12. विक्टोरिया वॉटरफॉल (Victoria Waterfall)

विक्टोरिया वाटरफल दरीजिलिङ्ग के सबसे खूबसूरत झरनो मे से एक है जिसके चारो तरफ आप खूबसूरत और हरे भरे जंगल की काया आपका समय रोक देगी| इसकी उत्पत्ति कालीझोरा नामक एक छोटी सी धारा से हुई है| यह झरना 100 फीट की ऊंचाई से गिरता है और गहरी खाई बनाता है| यहाँ से होते हुए इसकी जलधारा सिद्रपोंग तक जाती है|

इस पर 110 फीट का एक 100 साल पुराना ब्रिज है जिसे विक्टोरिया ब्रिज कहते हैं| इसी जलधारा पर एक हाइड्रो प्रोजेक्ट है जिससे बिजली का निर्माण कर दार्जिलिंग शहर को बिजली की आपूर्ति की जाती है साथ मे यहाँ आस पास बोटिंग की भी सुविधा है जो इसके आकर्षण मे चार चंद लगाता है|

13. सेंथल झील (Senchal Lake)

सेंथल झील दार्जिलिंग की सबसे खूबसूरत झीलों मे से एक है| अपने शांत और खूबसूरत वातावरण के कारण ये झील पिकनिक मनाने के लिए एक उत्तम जगह है जो वोटिंग और मछली पकड़े के लिए भी जानी जाती है| इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 2555 मीटर है| इसके आस पास कई रेस्तरां जहां पर आपको स्वादिष्ट भोजन मिलता है|

14. पद्मजा नायडू हिमालयन जूऑलजीकल पार्क (Padmaja Naidu Himalayan Zoological Park)

देशभर में करीब 150 चिड़ियाघर के बीच वेस्ट बंगाल मे दार्जिलिंग में स्थित पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क (पीएनएचजेडपी) को देश का सबसे बेहतरीन चिड़ियाघर घोषित किया गया है| इस चिड़ियाघर को दार्जिलिंग जू के नाम से भी जाना जाता है| यह चिड़ियाघर कई किस्मों की वनस्पति और जीवों का निवास स्थान है। 

यहां के खास आकर्षण का केंद्र रेड पांडा और स्नो लेपर्ड हैं। इस जूऑलजीकल पार्क का नाम वेस्ट बंगाल के पूर्व गवर्नर पद्मजा नायडू और भारत कोकिला सरोजनी नायडू के नाम पर रखा गया है|

15. जैपनीज पीस पगोडा (japanese Peace Pagoda)

दार्जिलिंग के जैपनीज पीस पगोडा और बौद्ध मठ आपको अलग ही तरह की शांति का अनुभव करवाएंगे। यह पीस पगोडा सभी जातियों व पंथों को एक कर समाज में शांति व एकता को स्थापित करने के उद्देश्य से बनाया गया है। पेड़ों के बीच बसे इस स्थान पर जाने और वहां समय बिताने का अनुभव आप कभी नहीं भुला पाएंगे।

दार्जिलिंग में जलापहाड़ पहाड़ियों की ढलानों पर स्थित, शांति पैगोडा या जापानी शांति पैगोडा समाज के विभिन्न संप्रदायों से संबंधित लोगों के बीच एकता, सद्भाव और सद्भावना स्थापित करने के लिए बनाए गए है। अपनी शांति के लिए प्रसिद्ध, यह कंचनजंगा चोटी सहित बर्फ से ढकी चोटियों के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है जो इसे शांति और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है।

शांति पैगोडा का निर्माण जापान के बौद्ध भिक्षु निचिदात्सु फुजी के मार्गदर्शन में किया गया था। इसकी आधारशिला 3 नवंबर 1972 को रखी गई थी और इसका उद्घाटन 1 नवंबर 1992 को हुआ था। एम. ओहका द्वारा डिजाइन किए गए इस पैगोडा के निर्माण में 36 महीने लगे थे।

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