वायनाड मे घूमने के लिए 15 जगहें (Top 15 Places to Visit in Wayanad)

Places to Visit in Wayanad: वायनाड भारत के केरल राज्य मे स्थित एक बेहतरीन टूरिस्ट स्थल है जहां पर आपको कई क्रिस्टल पानी के झरने, ऐतिहासिक गुफाएं और भव्य मंदिर देखने को मिलेंगे| यहाँ पर आपको कई मसालों के बागान और वन्य जीव अभयारण्य देखने को मिलेंगे|

अगर आप अपने परिवार के साथ घूमने की योजना बना रहे हैं या अपने हनीमून के लिए कोई स्पेशल जगह देख रहे हैं तो वायनाड आपका इंतजार कर रहा है| वायनाड में कई पर्यटन स्थल हैं जो आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे|

वायनाड कैसे पहुंचे (How to reach Wayanad)

वायुमार्ग (By Air)

वायनाड का निकटतम हवाई अड्डा कोझिकोड का कालीकट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो वायनाड से मात्र 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| आप कोझिकोड एयरपोर्ट के बाहर से बस या टैक्सी लेकर वायनाड पहुँच सकते हैं|

सड़क मार्ग (By Road)

सड़क मार्ग से वायनाड अच्छे तरीके से जुड़ा हुआ है| आपको बड़े शहर जैसे बैंगलोर, कोयम्बटूर और कोझीकोड से अच्छी आरामदायक बस या टैक्सी मिल जाएगी| अगर आप वायनाड के लिए बस टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|

रेल मार्ग (By Train)

वायनाड का निकटतम रेल्वे स्टेशन कोझिकोड है जो वायनाड से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| आप कोझिकोड रेल्वे स्टेशन के बाहर से बस या टैक्सी लेकर वायनाड पहुँच सकते हैं|

आइए जानते है वायनाड मे सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगहों के बारे मे

1. बाणासुर बांध (Banasura Dam)

शांत और सुरम्य बाणासुर बांध खूबसूरत और हरे भरे बाणासुर पहाड़ियों की गोद में स्थित है| मिट्टी का बना हुआ ये बांध हिंदुस्तान का सबसे बड़ा बांध है और एशिया महाद्वीप मे दूसरा सबसे बड़ा बांध है| यहाँ पर आप कई सारी वाटर ऐक्टिविटीज का लुत्फ उठा सकते हैं| 

बांध के आस पास का एरिया बेहद ही खूबसूरत है जहां पर आपको हरियाली, विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ और झरने देखने को मिलेंगे| बाणासुर पहाड़ी की चोटी से देखने पर पर आपको बांध का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा| यह डैम कबिनी नदी की सहायक नदी करमनथोडु नदी पर बना हुआ हैं। पिकनिक मनाने और फोटोग्राफी करने के लिए भी वायनाड मे ये एक उत्तम जगह है| बानासुर बांध वायनाड मे घूमे जाने वाली जगहों (Places to Visit in Wayanad) मे से एक है|

इन्हे भी देखेँ

2. चेम्बरा पीक (Chembra Peak)

वायनाड हिल रेंज की सबसे ऊँची चोटी- चेम्बरा पीक समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। प्रकृति प्रेमियों के लिए ये चोटी किसी जन्नत से कम नहीं है जो कलपेट्टा से सिर्फ 8 किमी दक्षिण में स्थित है| चोटी से आप पूरे वायनाड के साथ साथ  कोझिकोड, मलप्पुरम और नीलगिरी के बड़े हिस्से का मंत्रमुग्ध करने वाला दृश्य देख सकते हैं|

यह जगह ट्रैकिंग के लिए एक बहुत ही बेहतरीन जगह है। इसके आस पास की हरियाली नीला आसमान आपके तन और मन को रोमांच से भर देगा यहाँ एक दिल की आकार की एक झील भी है जो भारी संख्या मे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है| जब भी वायनाड घूमने की योजना बनाये चेम्बरा पीक को घूमने वाली जगहों मे जरूर शामिल करें|

3. एडक्कल गुफाएं (Edakkal Caves)

एडिक्कल का शाब्दिक अर्थ है ‘बीच में एक पत्थर’ जो  इसके  गठन का सटीक चित्रण करता है जिसमे  छोटी चट्टान दो बड़ी चट्टानों के बीच में फंसकर एक प्राकृतिक गुफा बनाती है जो अपने अद्भुत नक्काशी और ऐतिहासिक महत्व के मशहूर है| समुद्र तल से 1200 मीटर ऊपर स्थित हैं ये गुफ़ाएं 6 और 22 फ़ीट लंबी और 22 फ़ीट चौड़ी हैं|

इसमे की गई नक्काशी नवपाषाण युग और अंतिम पाषाण युग की मानी जाती है| गुफा के अंदर के हिस्से में जो पत्थर का काम हुआ है उसका समय  5000 ईसा पूर्व से 1000 ईसा पूर्व पुराना माना जाता है। ये गुफ़ाएं वायनाड मे देखने वाली सबसे अच्छी जगहों मे से एक है| गुफाओं की दीवारों मे जानवरों और मानव द्वारा इस्तेमाल की हुई वस्तुओं के चित्र उकेरे गए हैं|

4. स्टे इन ट्रीहाउस (Stay in Treehouse)

वायनाड मे करने के लिए सबसे अच्छी ऐक्टिविटी कोई है तो वो है ट्री हाउस| हरियाली के बीच स्थित लकड़ी के जंगलों मे रहकर आप एक नया अनुभव ले सकते हैं|  यहाँ पर रहने के लिए आपको तरह तरह के पैकेज भी मिल जाएंगे| यहाँ पर आप रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग, नेचर वॉक आदि विभिन्न प्रकार की गतिविधियों मे हिस्सा ले सकते हैं|

इन्हे भी देखेँ

5. सोचीपारा जलप्रपात (Soochipara Waterfalls)

 ​​यह मंत्रमुग्ध करने वाला झरना है जो 200 फीट की ऊंचाई से गिरता है जिसे “सेंटिनल रॉक वाटरफॉल” के नाम से भी जाना जाता है| यह एक तीन स्तरीय झरना है जो हरे भरे जंगलों से घिरा हुआ है| इस खूबसूरत झरने तका पहुँचने का रास्ता खूबसूरत चाय के बागानों से होकर जाता है| झरने का पानी जहां गिरता है वहाँ एक कुंड बनाता है जहां पर आप स्नान या तैराकी का मजा ले सकते हैं|

इस झरने का पानी जंगलों से होता हुआ चालियार नदी में मिल जाता है। इस झरने तक पहुँचने के लिए आपको 2 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ सकती है| झरना ट्रैकिंग और रॉक क्लाइम्बिंग के लिए एक बेहतरीन स्थान है। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है इसलिए जब भी आप वायनाड जाएं इस जगह को जरूर विज़िट करें|

6. कुरुवा द्वीप (Kuruvadweep)

950 एकड़ क्षेत्र में फैला कुरुवद्वीप केरल के वायनाड जिले में काबिनी नदी पर एक छोटा सा बेहद ही खूबसूरत द्वीप है। यह चारों तरफ हरे भरे जंगलों से घिरा हुआ है| यहाँ तक आप नाव या राफ्टिंग के द्वारा पहुँच सकते है|  यह भारत का केवल एक ऐसा द्वीप है जो चारों तरफ से ताजे पानी से घिरा हुआ है| अपनी अद्भुत सुंदरता के कारण ये द्वीप दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है|

इस जगह पर आकर आप अपने आपको नेचर के बहुत करीब पाएंगें| ये प्रदूषण मुक्त जगह बहुत सारे वनस्पतियों और जीवों का घर है| यहाँ पर आप अपने परिवार और मित्रजनों के साथ पिकनिक भी मना सकते हैं साथ मे फोटोग्राफी के लिए भी ये एक आदर्श जगह है| यहाँ पर आपको कई बांस के प्राकृतिक पुल भी देखने को मिलेंगे| अगर आप शहर की दौड़भाग से दूर शांति से कुछ समय प्रकृति के बीच बिताना चाहते है तो इस द्वीप पर जरूर आयें|

7. वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (Wayanad Wildlife Sanctuary)

1973 मे स्थापित वायनाड वन्यजीव अभयारण्य केरल का दूसरा सबस बड़ा वन्यजीव अभयारण्य है जो की भारी संख्या मे प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है| इस जंगल मे आपको कई विलुप हो चुके प्राणी और वनस्पतियों को देखने का मौका मिलेगा| यह अभयारण्य तमिलनाडु में मुदुमलाई के साथ साथ कर्नाटक में नागरहोल और बांदीपुर के जंगलों से घिरा हुआ है।

345 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला इस अभयारण्य मे ऊपरी वायनाड और निचला वायनाड नामक दो भाग शामिल हैं। आप यहाँ कई जानवर जैसे हाथी, बाघ, तेंदुए, भालू, हिरण, बंदर, सरीसृप, मछलियां और पक्षी प्रजातियां को उनके प्राकृतिक आवास मे देखा जा सकता है|

8. चेन ट्री (Chain Tree)

वायनाड  की ये एक अद्भुत जगह है जहां एक फ़िकस का पेड़ है जिसमें एक बड़ी  स्टील की चेन लगी हुई है| आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यूँ? इसके साथ मुख्यतः 2 कहानियाँ जुड़ी हुई है| ब्रिटिश शासन काल में भी जंगलों को पार करने के लिए कोई सड़क नहीं थी और जंगल आदिवासियों के रहने की जगह थी तो एक अंग्रेज ने जंगल का रास्ते की खोज मे मदद मांगने के बाद करिन्थंदन नामक एक स्थानीय आदिवासी व्यक्ति की हत्या कर दी थी|

दूसरी कहानी ये है की अंग्रेजों ने एक महावत की हत्या की थी क्यूँ की उस आदिवासी महावत ने अंग्रेजों को पहाड़ की चोटी तक पहुँचाया था तो अंग्रेज ये नहीं चाहते थे की उस रास्ते तक पुर्तगाली भी पहुंचे जो ठीक उनके पीछे पीछे आ रहे थे| बाद मे एक पंडित ने महावत की आत्मा को पेड़ से बांध दिया जो यहाँ हो रहे दुर्घटनाओं का कारण बन रहा था| ये वायनाड कम इक्स्प्लोर की गई जगह है इसलिए यहाँ एक बार जरूर विज़िट करें|

इन्हे भी देखेँ

9. नीलिमाला व्यूपॉइंट (Neelimala View Point)

इस व्यूपॉइंट से आप मनमोहक मीनमुट्टी झरनों का शानदार नज़ारा और हरे-भरे प्राकृतिक वनस्पतियों  को देख सकते हैं| लहराते पेड़ों और ठंडी हवा के बीच पक्षियों के चहचहाहट की आवाज आपको रोम रोम को रोमांचित कर देगी| धुंध भरे रास्तों के और हरे भरे पेड़ों के बीच ट्रेकिंग करके वहाँ तक पहुंचना आपको एक अद्भुत अनुभव देगा|

अगर आप मजेदार और रोमांच कर देने वाली जगह मे जाना चाहते है तो इस जगह जरूर जाना चाहिए| चारों ओर हरियाली, कोहरा और प्राकृतिक सुगंध ऐसा नजारा आपको मिलेगा जिसे आप जीवन भर नहीं भूल पाएंगें|

10. मीनमुट्टी झरना (Meenmutty Waterfalls)

300 फीट की ऊंचाई से गिरता ये मनमोहक झरना केरल का दूसरा सबसे बड़ा झरना है जो वायनाड जिले से लगभग 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह झरना वायनाड के सबसे खूबसूरत आकर्षणों और रोमांचकारी झरनों में से एक है। इस बेहद शक्तिशाली झरने का कल कल करता पानी तीन लेयर में बहता है|

यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको चट्टानों पर चढ़ने का अनुभव होना चाहिए| इस जगह तक 2 किलोमीटर ट्रेक करके पहुंचा जा सकता है जो जंगल के बीच से होकर जाता है| नीचे क्रिस्टल पानी और ऊपर नीला आसमान का नजारा इसको फोटोग्राफी के लिए एकदम परफेक्ट बनाता है| झरने तक पहुँचने का रास्ता मानसून और बारिश के समय खतरनाक हो जाता है|

11. पूकोडे झील (Pookode Lake)

पूकोडे झील जो व्याथिरी से लगभग 2 किमी दूर स्थित है एक मीठे पानी की झील है जो हरे भरे जंगलों के बीच स्थित है और जंगलों के ढलानों मे बसी है| इस झील को “पूकोट झील” के नाम से भी जाना जाता है। इस झील तक पहुँचने का रास्ता सुलभ है जहां आप कार, बस, ऑटो-रिक्शा या टैक्सी किराए पर लेकर यहाँ तक पहुँच सकते है| अगर आप अपने परिवार या प्रियजनों के साथ कुछ समय शांति से बिताना चाहते हैं तो इस झरने पर जरूर आयें| 

इस झील पर आप नौका विहार भी कर सकते हैं| यह झील व्याथिरी से 2 किमी की दूरी पर स्थित है| 6.5 मीटर गहरी ये झील 8.5 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है| इसकी सुंदरता और इसके आस पास का वातावरण हमेशा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है| इस झील की समुद्र तल से ऊंचाई 770 मीटर है|

12. पुलियारमाला जैन मंदिर (Puliyarmala Jain Temple)

इस मंदिर को “अनंतनाथ स्वामी मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है जो अनंतनाथ स्वामी को समर्पित है जो एक जैन तीर्थंकर थे| यह वायनाड के सबसे पुराने मंदिरों मे से एक है जिसे 13वीं शताब्दी में बनाया गया था| ये मंदिर जैन वास्तुकला की महानता को दिखाता है|

टीपू सुल्तान गोला-बारूद को इमारत के परिसर के अंदर संग्रह करता था इसलिए इसे “टीपू किला” के रूप में भी पहचाना जाता है। इस जैन मंदिर के अंदर द्रविड़ शैली में की गई चित्रकारी को देखा जा सकता है| मंदिर के अंदर सुंदर नक्काशी की गई है।

सामने के दरवाजे मे भगवान महावीर की नक्काशीदार मूर्ति स्थापित हैऔर अंदर मे सबसे बड़ी पीतल की मूर्ति स्थापित है| ये मंदिर कलपेट्टा से 6 किमी की दूरी पर स्थित है|

इन्हे भी देखेँ

13. लक्किडी व्यूपॉइंट (Lakkidi View Poin)

वायनाड से 32 किलोमीटर की दूरी पर 700 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है लक्कीडी व्यू पॉइंट जहाँ से शहर का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। यह व्यूपॉइंट ज्यादातर समय कोहरे से घिरा रहता है| यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको रोमांच से भरे रास्ते से गुजरना पड़ेगा जो की एक बहुत ही अच्छा अनुभव होगा| यहाँ से आप सूर्योदय और सूर्यास्त का शानदार नजारा देख सकते है|

यह एक बेहद खूबसूरत पिकनिक स्पॉट भी है| इसे वायनाड का ‘प्रवेश द्वार’ भी कहा जाता है| यह व्यूपॉइंट वायनाड के सबसे ज्यादा देखे जाने वाली जगहों मे से एक है। रास्ते मे आपको ढलान, हरियाली और घाटियां देखने को मिलती है| यहाँ के लुभावने दृश्य और धुंध से भरे पहाड़ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं| जब भी यहाँ आयें साथ मे कैमरा जरूर लेकर आयें ताकि यहाँ के शानदार नजारों को कैमरे मे कैद कर सकें|

14. थिरुनेल्ली मंदिर (Thirunelli Temple)

900 मीटर की ऊंचाई और वायनाड स्थित ये भव्य और प्राचीन मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है जो खूबसूरत पहाड़ियों और मनमोहक हरे भरे जंगलो से घिरा हुआ है जो ब्रह्मगिरी पहाड़ियों मे स्थित है| इस मंदिर को दक्षिण की काशी के रूप में भी जाना जाता है| नेल्ली का अर्थ है ‘आंवला’|

ऐसी मान्यता है की मंदिर बनने के पहले भगवान विष्णु की मूर्ति आंवला के पेड़ के नीचे पाई गई थी| यह मंदिर वायनाड मे सबसे देखे जाने वाले तीर्थस्थानों मे से एक है|यह मंदिर पापनासिनी नामक पवित्र नदी के पास स्थित है| यह मंदिर पहाड़ी पर 900 मीटर की ऊंचाइ पर स्थित है जिसके चारों तरफ हरे भरे पेड़ हैं और ऐसा माना जाता है की ये मंदिर 3000 साल पुराना है|

15. कार्लाड झील (Karlad Lake)

कार्लाड झील अपनी सुरम्यता, शांति और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जानी जाती है जो कलपेट्टा शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है| प्रकृति प्रेमियों और जो लोग शांति से कुछ समय बिताना चाहते हैं उनके लिए ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है| यह झील विशाल क्षेत्र मे फैली हुई है जो हरी भरी पहाड़ियों से घिरी हुई है|

इस झील मे आप नौका विहार भी कर सकते हैं और आप यहाँ परिवारजनों के साथ पिकनिक भी मना सकते हैं| इस झील के आस पास आप बहुत सारे विलुप्तप्राय पक्षियों को भी देख सकते हैं| फोटोग्राफी के लिए भी ये एक उत्तम जगह है| इस झील मे घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जनवरी के बीच है|

इन्हे भी देखेँ

निष्कर्ष

वायनाड एक अद्भुत और अद्वितीय हिल स्टेशन है जहां की यादें आप पर अमिट छाप छोड़ेंगी| धुंध भरी पहाड़ियाँ, नदियां, साफ पानी के झरने और नीले पानी के बांध आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे| इसके अलावा आप 1-2 रात ट्री हाउस मे भी बिता सकते है| हरे भरे पेड़ों के बीच हाँथ मे एक चाय का कप लेकर अपने पार्टनर के साथ इस हरियाली को देखना कभी न भूलने वाला अनुभव होगा| साहसी लोगों के लिए ट्रेकिंग का भी ऑप्शन यहाँ पर उपलब्ध है|

Scroll to Top