पहलगाम मे घूमने के लिए 10 जगहें (Top 10+ Places to Visit in Pahalgam)

Places to Visit in Pahalgam: यह अद्भुत हिल स्टेशन पृथ्वी के स्वर्ग माने जाने वाले कश्मीर का एक हिस्सा है जो समुद्र तल से 2130 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जिसकी श्रीनगर से दूरी महज 90 किलोमीटर है| पहलगाम अमरनाथ यात्रा का एक आवश्यक पड़ाव भी है जो खूबसूरत और सुरम्य लिद्दर नदी के किनारे बसा हुआ है|

यह शहर हिमालय के घने जंगल, विशाल घास के मैदान, अद्भुत नदियों और झरनों से घिरा हुआ है जिनको देखकर आप अपना सारा तनाव भूल जाएंगें| आप यहाँ कई गतिविधियों का लुत्फ उठा सकते हैं| यह शहर गर्मियों मे आपको ठंडक देगा और सर्दियों मे पूरा एरिया बर्फ की सफेद चादर ओढ़ लेता है|

पहलगाम के आस पास कई खूबसूरत और दर्शनीय स्थल हैं जैसे अरु वैली, बीटा वैली, शेषनाग झील, बेताब घाटी और  ममल मंदिर|

पहलगाम कैसे पहुंचे (How to reach Pahalgam)

वायुमार्ग (By Air)

पहलगाम का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा हवाई अड्डा श्रीनगर हवाई अड्डा है जो पहलगाम से मात्र 91 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| आप श्रीनगर हवाई अड्डे मे बाहर आकर बस या टैक्सी लेकर पहलगाम पहुंच सकते हैं|

सड़क मार्ग (By Road)

पहलगाम शहर सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| आस पास के शहरों से आप लक्जरी बस या टैक्सी लेकर पहलगाम पहुँच सकते हैं| अगर आप पहलगाम के लिए बस बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|

रेल मार्ग (By Train)

पहलगाम का अपना खुद का रेलवे स्टेशन नहीं है इसका नजदीकी रेल्वे स्टेशन जम्मू तवी रेलवे स्टेशन है जो पहलगाम से लगभग 280 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| आप जम्मू तवी रेलवे स्टेशन के बाहर से स या टैक्सी लेकर पहलगाम पहुंच सकते हैं|

आइए जानते है पहलगाम मे सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगहों के बारे मे

1. अरु घाटी (Aru Valley)

समुद्र तल से लगभग 2,400 मीटर की ऊंचाई और पहलगाम से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है शांत और मंत्रमुग्ध करने वाली अरु घाटी जो अनंतनाग जिले मे स्थित है| यह शांत और सुरम्य घाटी सुंदर हिमालय के पहाड़ी के बीचों बीच स्थित है जहां से आप बर्फ से ढकी पहाड़ियों की खूबसूरती को देख सकते हैं| यहाँ पर आप कई गतिविधियों का लुत्फ भी उठा सकते हैं जैसे स्कीइंग, हेली-स्कीइंग और घुड़सवारी|

इस घाटी की प्राकृतिक सुंदरता प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत से कम नहीं है| चारों तरफ हरियाली और धुंध से भरा आस पास का नजारा इसे पिकनिक के लिए एक आदर्श जगह बनाता है| पहलगाम सोनमर्ग ट्रेक और कोलाहोई ग्लेशियर जैसे ट्रैक के लिए स्टार्टिंग पॉइंट का काम करता है| इस घाटी मे आप विभिन्न विलुप्त हुए वन्यजीव और पक्षियों को भी देख सकते हैं| यहाँ की शानदार वादियों और विहंगम दृश्य के बीच आप कैंपिंग और पैराग्लाइडिंग का भी आनंद ले सकते हैं| अरु घाटी पहलगाम मे घूमे जाने वाली जगहों (Places to Visit in Pahalgam) मे से एक है|

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2. चंदनवाड़ी (Chandanwadi)

पहलगाम से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चंदनवाड़ी पवित्र अमरनाथ का प्रारम्भिक बिन्दु माना जाता है| 2895 मीटर की ऊँचाई पर स्थित ये एक बहुत ही खूबसूरत घाटी है| यह मंत्रमुग्ध करने वालीघाटी लिद्दर नदी किनारे स्थित है जो चारों तरफ से प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हिमालय के पहाड़ों से घिरी हुई है|

घाटी मे आकर जो लोग शांति से कुछ समय अपने परिवर के साथ प्रकृति की गोद मे बिताना चाहते हैं उनको एक बार जरूर आना चाहिए|

नवंबर से मई के बीच तक घाटी बर्फ की सफेद चादर ओढ़े रहती है। इस घाटी मे आप ग्लेशियरों के पिघलते हुए और लिद्दर नदी मे मिलते हुए देख सकते हैं| यहाँ से आप सीधे अप्रतिम शेषनाग झील की ओर जा सकते हैं| यह घाटी फटोग्राफर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक जीत जागता स्वर्ग है|

यहाँ पर आप घुड़सवारी, लंबी पैदल यात्रा, स्नोबोर्डिंग और स्कीइंग जैसे गतिविधियों का लुत्फ उठा सकते हैं| शेषनाग झील के अलावा आप यहाँ से कई लोकप्रिय आकर्षणों जैसे बेताब घाटी, अरु घाटी और ममलेश्वर मंदिर जा सकते हैं|

3. बैसरन घाटी (Baisaran Valley)

पहलगाम से महज 5 किमी दूर स्थित बैसरन घाटी अपनी अप्रतिम सुंदरता के कारण भारत का “मिनी स्विट्जरलैंड” कहलाता है जो समुद्र तल से 2,438 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है| यह एक पहाड़ी घास का मैदान है जो बर्फ से लदे पहाड़ों और लंबे लंबे देवदार देवदार के जंगलों से घिरा है| इस घाटी से आप पहलगाम शहर के अद्भुत दृश्य देख सकते हैं|

बैसरन जाते समय आप कई अद्भुत दृश्य जैसे हलगाम पुराना गाँव, कनीमर्ग, कश्मीर वैली पॉइंट, डेनो वैली पॉइंट और डांगन वैली देख सकते हैं। इस घाटी तक पहुँचने के लिए आप पहलगाम से टैक्सी, घोड़े करके या पैदल भी या सकते हैं| यहाँ पर टट्टू की सवारी का भी आनंद उठा सकते हैं|

पहलगाम मे पिकनिक मनाने और फोटोग्राफी के लिए भी ये एक आदर्श जगह है| बर्फ से ढकी चोटियों के बीच अगर आप कुछ समय शांति से बिताना चाहते है तो आपको यहाँ पर एक बार यहाँ जरुर आना चाहिए|

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4. बेताब घाटी (Betaab Valley)

2895 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बेताब घाटी पहलगाम से मात्र 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| बेताब घाटी पहलगाम के सबसे घूमे ज्यादा घूमे जाने वाली जगहों मे से एक है| घाटी के बीच बहती लिद्दर नदी इस घाटी की सुंदरता मे चार चाँद लगा देती है| इस घाटी को इसका नाम 1980 मे बनी बेताब हिन्दी फिल्म बेताब से लिया गया है जिसमे सनी देओल और अमृता सिंह ने अभिनय किया था|

बेताब घाटी अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, सुरम्य वातावरण और एडवेंचर का अनोखा संगम है| यह घाटी अमरनाथ यात्रा के रास्ते में पहलगाम और चंदनवारी के बीच में आती है। बेताब घाटी पहलगाम की 2 अन्य घाटीयों अरु और चंदनवारी की तरह ही अद्भुत, आलोकिक और खूबसूरत है|

अपने विहंगम दृश्य के लिए पहचाने जाने वाली बेताब घाटी ट्रेकिंग बेस और कैंपिंग साइट के लिए भी मशहूर है| इस घाटी मे आपको हिम तेंदुए और भूरे भालू जैसे वन्यजीव को भी देखने का का मौका मिलेगा| अपनी आलोकिक खूबसूरती के कारण आप यहाँ परिवार के पिकनिक भी मना सकते हैं|

5.कोलाहोई ग्लेशियर (Kolahoi Glacier)

कोलाहोई पर्वत और लिद्दर घाटी के बीच मे स्थित है कोलाहोई ग्लेशियर जो कश्मीर का सबसे बड़ा ग्लेशियर है| यह ग्लेशियर समुद्र तल से 4700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है| इस मनमोहक और लुभावने ग्लेशियर तक केवल ट्रेकिंग के सहारे ही पहुंचा जा सकता है लेकिन कुछ हिस्सों के लिए आप ट्टू या घोड़े मे सवार होकर जा सकते है|

ये एक कठिन ट्रेकिंग हैं इसलिए अनुभवहीन ट्रैकर्स जाने से परहेज करें| स्थानीय लोग इस ग्लेशियर को “प्रकाश की देवी” बोलकर संबोधित करते हैं| पहलगाम शहर से महज 16  किलोमीटर की दूरी पर स्थित  इस ग्लेशियर का क्षेत्रफल 11 वर्ग किलोमीटर और लंबाई 5 किलोमीटर है|

यह ग्लेशियर लिद्दर नदी के लिए एक पानी के स्त्रोत का भी काम करता है| इस ग्लेशियर को “कश्मीर का शिखर” भी कहते हैं| प्रकृति प्रेमियों को ये ग्लेशियर स्वर्ग का आभास कराएगा|

6- लिद्दर नदी (Lidder River)

क्रिस्टल-सा साफ नीला पानी वाली लिद्दर नदी 73 किलोमीटर लंबी है और ये नदी 4,653 मीटर की ऊँचाई पर स्थित कोलाहोई ग्लेशियर से निकलती है| ये कहना बिल्कुल भी अतिशयोक्ति नहीं होगा की जम्मू कश्मीर की बर्फीली वादियों मे कल कल करके बहती लिद्दर नदी इसकी सुंदरता मे चार चाँद लगा देती है|

इस नदी के किनारे बैठना और शांत और मनमोहक वादियों को निहारना एक अलग ही अनुभव होगा| यहाँ पर आप रिवर राफ्टिंग और घुड़सवारी जैसी रोमांचक गतिविधियां कर सकते हैं| पहलगाम के परिदृश्य को अद्भुत सुंदरता प्रदान करती लिद्दर नदी मे ट्राउट मछली पर्याप्त मात्रा मे पाई जाती है|

यह झेलम नदी की दूसरी सबसे बड़ी सहायक नदी है| नदी की तेज धारा मे राफ्टिंग करना एक जीवन पर्यंत न भूलने वाला अनुभव होगा| इस नदी के आस पास का एरिया पिकनिक और ट्रेकिंग के लिए एक बहुत ही उत्तम जगह है|

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7. शेषनाग झील (sheshnag lake)

समुद्र तल से लगभग 3,658 मीटर की ऊँचाई पर स्थित शेषनाग झील जो पहलगाम स्थित एक बेहद ही सुरम्य और आलोकीक झील है| यह झील चारों तरफ से बर्फ से ढके पहाड़ियों और देवदार के पेड़ों से घिरी हुई है|  हिन्दुओ के लिये इस झील को बेहद ही पवित्र माना गया है| ऐसा माना जाता है की “शेषनाग” इस झील मे निवास करते है इसलिए इस झील का नाम “शेषनाग झील” नाम दिया गया है|

यह एक लोकप्रिय ट्रेकिंग स्पॉट है जो अमरनाथ के यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है| रास्ते मे आपको सुंदर मनोरम पहाड़ियों और ऊंचे ऊंचे झरनों को देखने को मिलेगा| सर्दियों मे ये झील पूरी तरह जम जाती है लेकिन गर्मियों मे इसका पानी नीले आसमान की तरफ एकदम साफ सुथरा दिखता है जहां पर आप अपने परिवारजनों के साथ पिकनिक का भी लुत्फ उठा सकते हैं|

इस झील पर आने का सही समय जून से सितंबर के बीच का है| ट्रेकिंग मार्ग थोड़ा कठिन है इसलिए अनुभवहीन ट्रैकर्स यहाँ की ट्रेकिंग से परहेज करें|

8. लोलाब घाटी (Lolab Valley)

लोलाब नाम इतिहास मे एक सरदार का नाम था जिन्होंने इस क्षेत्र मे रूल किया था वही से ये नाम लिया गया है| ये घाटी आपको पहलगाम मे नहीं बल्कि कुपवाड़ा जिले मे मिलेगी जो श्रीनगर से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| इस घाटी को प्यार से “प्यार और सुंदरता की भूमि” कहकर पुकारते हैं|

यह एक बेहद ही मनमोहक और सुरम्य घाटी है जो अपने विशाल घास के मैदान, सुंदर जंगल, साफ नदियां और झरनों के लिए प्रसिद्ध है जो लगभग 24 किलोमीटर तक फैली है| अगर आप प्रकृति प्रेमी या पक्षी प्रेमी है तो जम्मू कश्मीर की ये सबसे अच्छी जगहों मे से एक है|

इस घाटी को मुख्यतः 3 घाटियों मे बाँटा गया है पोटनई घाटी, ब्रुनई घाटी और कलारूस घाटी|  एक बार आप इस घाटी मे पहुंचेंगे तो आप खुद ही पाएंगे की प्रकृति की देवी यहीं विराजती है| यहाँ पर आपको कलारूस की गुफ़ाएं और नागमर्ग, काला रोशन और लैंगेट जैसी शांत और मनोरम झीलें मिलेगी जो आपके परिवार के लिए समय बिताने, पिकनिक मनाने और फोटोग्राफी के लिए एक आदर्श जगह है|

इस घाटी मे आपको विशाल और सुंदर फलों के बागान भी देखने को मिलेंगे जिसमे नाशपाती, और अखरोट के बागान सबसे ज्यादा है|

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9. तुलियन झील (Tulian Lake)

3684 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तुलियन झील पहलगाम की सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली झीलों मे से एक है जो प्राकृतिक सुंदरता के बीच स्थित है| यह एक शांत अल्पाइन झील है जो भारी संख्या मे युवा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है|

पहलगाम से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तुलियन झील चारों तरफ से बर्फ से लदे 4800 मीटर ऊंचे हिमालय के पहाड़ियों और देवदार के पेड़ों से घिरी हुई है| इस झील को ट्रेक करते समय रास्ते मे आपको हिमालय की चोटियों जैसे कोलाहोई पीक और माउंट हरमुख को भी देखने का मौका मिलेगा|

इस झील के साफ नीले पानी मे आप आसमान और आस पास पहाड़ियों का साफ प्रतिबिंब देख सकते हैं| इस झील की अद्भुत सुंदरता, पक्षियों की चहचहाहट और धुंध भरी पहाड़ियाँ आपके रोम रोम को रोमांच से भर देती है|

यहाँ पहुँचने का ट्रेक थोड़ा कठिन है इसलिए अनुभवहीन ट्रैकर्स को ट्रेक करने से परहज करना चाहिए| ठंड के मौसम मे ये झील पूरी तरह बर्फ से जम जाती है|

10. ममलेश्वर मंदिर (Mamaleshwar Temple)

भगवान भोलेनाथ को समर्पित ये मंदिर पहलगाम मे 2,200 मीटर की ऊंचाई पर लिद्दर नदी के किनारे स्थित है| ये मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है जिसका निर्माण 12वीं शताब्दी मे किया गया था| परिसर के भीतर एक सोने से सजा मंदिर है जो आगंतुकों को अपनी ओर आकर्षित करता है| यह मंदिर भक्तों के लिए साल भर खुला रहता है लेकिन शिवरात्रि मे दर्शन करने के एक विशेष महत्व है|

ऐसे मान्यता है की इस मंदिर मे माता पार्वती ने अपने पुत्र भगवान गणेश को अपना संरक्षक बनाया था और उनकी अनुमति लेकर ही यहाँ प्रवेश किया जा सकता है| इस प्राचीन मंदिर के अंदर एक जलाशय है जो इसकी सुंदरता और बढ़ा देता है| यह मंदिर कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्म का अद्भुत संगम है| यह मंदिर प्रकृति की सुंदरता के बीच स्थापित है जहां भक्तगण ध्यान मे लीन होकर कुछ समय ईश्वर को याद कर सकते हैं|

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11. मार्तण्ड सूर्य मंदिर (Marthanda Surya Temple)

संस्कृत में सूर्य को मार्तंड कहते है और यह मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है| इस मंदिर को  पांडौ लाइदान नाम से भी जाना जाता है| इस मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी मे  कर्कोटा वंश के तीसरे शासक ललितादित्य मुक्तपीड़ा ने करवाया था। सरकारों की अनदेखी और उदासीनता के कारण ये भव्य मंदिर अब खंडहर मे तब्दील हो चुका है लेकिन इसके पहले इसे मुस्लिम शासक सिकंदर शाह मिरी ने नष्ट कर दिया था|

12. ओवेरा-अरु वन्यजीव अभयारण्य (Overa Aru Wildlife Sanctuary)

1981 मे बना ये अभयारण्य 511 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है जो पहलगाम मे स्थित है| यह प्रकृति प्रेमियों, वन्यजीव प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है| अरु वन्यजीव अभयारण्य वनस्पतियों और वन्य जीवों का अद्भुत संगम है| यहाँ पर  पक्षियों की 120 से अधिक प्रजातियों का भी घर है साथ मे आपको दुर्लभ स्तनधारियों की 15 प्रजातियाँ और तितलियों की लगभग 20 प्रजातियाँ आपको देखने को मिलेगी|

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