Places to Visit in Rishikesh: पतित पावनी गंगा के किनारे बसा ऋषिकेश शहर सनातन धनर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है| ऋषिकेश धार्मिक, सांस्कृतिक और साहसिक गतिविधियों के लिए दुनिया भर मे मशहूर है| ऋषिकेश अपने भारतीय योग और ध्यान के केंद्र के लिए भी जाना जाता है|
यहाँ आपको बहुत सारी घूमने वाली जगहें मिलेंगी | यहाँ आपको भव्य मंदिर, घाट और साफ सुथरे झरने देखने को मिलेगे साथ मे आप यहाँ पर गंगा आरती और रिवर राफ्टिंग भी कर सकते हैं| ऋषिकेश को दुनिया की ‘योग की राजधानी’ भी कहते हैं| यहाँ पर आपको प्रकृति के गोद मे बसे आश्रम, योग सेंटर और होटेल्स मिल जाएंगें|
ऋषिकेश कैसे पहुंचे (How to reach Rishikesh)
वायुमार्ग (By Air)
ऋषिकेश का अपना खुद का हवाई अड्डा नही है इसका निकटम हवाई अड्डा 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है| आप देश के सभी बड़े शहरों से उड़ान लेकर देहरादून पहुंच सकते हैं और एयरपोर्ट से बाहर आकर बस या टैक्सी लेकर ऋषिकेश पहुंच सकते हैं|
सड़क मार्ग (By Road)
ऋषिकेश सड़क मार्ग से आस पास के सभी बड़े शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है| आप हरिद्वार, देहरादून और नई दिल्ली से रेगुलर बस लेकर ऋषिकेश पहुंच सकते हैं| अगर आप ऋषिकेश के लिए बस टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
रेल मार्ग (By Train)
ऋषिकेश का नजदीकी रेलवे स्टेशन हरिद्वार रेलवे स्टेशन है जो देश के बाकि सभी बड़े रेलवे स्टेशनो से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी महज 30 किलोमीटर है| आप हरिद्वार स्टेशन से बाहर आकर बस या टैक्सी लेकर ऋषिकेश पहुँच सकते हैं|
आइए जानते है ऋषिकेश मे सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगहों के बारे मे
1.लक्ष्मण झूला (Lakshman Jhula)
गंगा नदी से 70 फीट ऊंचाई पर स्थित लक्ष्मण झूला एक प्रसिद्ध लटकता हुआ लोहे का पुल है जिस्की लंबाई 450 फीट है| लक्ष्मण झूला उत्तराखंड के 2 गाँवों तपोवन और जोंक को जोड़ता है। हालाकी सही तरीके से देखभाल न होने और जोखिम की वजह से इस पुल को बंद किया जा चुका है लेकिन पैदल यात्री अभी भी इसका इस्तेमाल नदी पार करने के लिए करते हैं|
इस पुल के विकल्प के रूप मे एक नया कांच का पुल बनाया जा रहा है जिसे “बजरंग सेतु” नाम दिया गया है जो अभी अन्डर कन्स्ट्रक्शन है| ऐसा माना जाता है की प्रभु राम के अनुज लक्ष्मण जी यहाँ तपस्या करने आए थे और जूट की रस्सियों के सहारे पुल पार किया था इसलिए इस पुल का नाम उनके नाम पर किया गया है|
पुल का निर्माण 1929 मे हुआ था तब ये पुल केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने मे इस्तेमाल होता था| इस पुल के आस पास बहुत सारे प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है जिससे निकले हुए मंत्रों की आवाज आपके कान मे गूँजती है| इस पुल मे चढ़कर आप गंगा और उसके आस पास के हिमालय के मनोरम दृश्य देख सकते हैं| लक्ष्मण झूला ऋषिकेश मे घूमे जाने वाली जगहों (Places to Visit in Rishikesh) मे से एक है|
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2. त्रिवेणी घाट (Triveni Ghat)
त्रिवेणी घाट बहुत ही पवित्र घाट है जिसकी महिमा अपरंपार है| ये ऋषिकेश का सबसे बड़ा घाट है और इस घाट का वर्णन आपको रामायण और महाभारत मे भी देखने को मिलेगा| यहाँ हर शाम को ‘महाआरती’ का भव्य आयोजन होता है| इस घाट मे योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण की छतरी का निर्माण किया गया था|
ऐसा माना जाता है की इस घाट का पानी आपकी आत्मा को पूरी तरह शुद्ध कर देता है इसलिए देश विदेश से पर्यटक डुबकी लगाने इस घाट मे आते हैं| यहाँ ‘पिंडदान’ जैसे समारोह भी किए जाते हैं| ऐसा मान्यता है की की यहाँ गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का मिलन होता है|
यहाँ आकर आपका को बेहद आध्यात्मिक शांति मिलेगी| इस घाट के आस पास बहुत सारे प्राचीन मंदिर भी है| ये घाट ऋषिकेश मे ससबे ज्यादा घूमने वाली जगह है|
3. राम झूला (Ram Jhula)
शिवानंद नगर को स्वर्गाश्रम को जोड़ने वाला राम झूला 1986 मे बना है जिसकी लंबाई 750 फीट है| इस झूले को ‘शिवानंद झूला’ के नाम से भी जाना जाता है क्यूँ की इस झूले के निर्माण मे शिवानंद आश्रम दिव्य जीवन सोसायटी का योगदान बहुत महत्वपूर्ण था। यह एक सस्पेंशन ब्रिज है जो लोहे का बना है और इंजीनियरिंग के बेहतरीन नमूना है|
इस पुल से आप बाइक या साइकिल से भी निकाल सकते हैं| पुल के बीचों बीच आकर आप विशाल माँ गंगा और अद्भुत पर्वतों की सुंदरता को निहार सकते हैं| फोटोग्राफी करने के लिए भी ये एक बेहद उत्तम जगह है| इस झूले के पास के प्रमुख आश्रम है जैसे स्वर्ग आश्रम, परमार्थ निकेतन और गीता भवन जो इसका सांस्कृतिक महत्व और ज्यादा बढ़ा देते हैं|
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4. परमार्थ निकेतन आश्रम (Parmarth Niketan Ashram)
गंगा किनारे बना परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश स्थित सबसे बड़ा आश्रम है| यह आश्रम हिमालय की तलहटी मे बसा है जो सभी जीवों के लिए समर्पित है| यहाँ पर पर्यटकों को योग, आयुर्वेद, सार्वभौमिक प्रार्थना, ध्यान, सत्संग, कीर्तन, गंगा आरती, आध्यात्मिक कार्यक्रम और व्याख्यान आदि की शिक्षा देकर ऋषिकेश की यात्रा को यादगार बना देती हैं|
1000 से ज्यादा कमरे और साफ सुथरे बगीचे वाले इस आश्रम की स्थापना 1942 में पूज्य स्वामी शुकदेवानंदजी महाराज ने की थी। यहाँ पर भगवान भोलेनाथ की 14 फीट मूर्ति भी है जो गंगा किनारे स्थापित है| इस आश्रम मे बिना भेदभाव के सभी धर्म, जाती के लोगों के लिए दरवाजे खुले हैं| वर्तमान में इसका संचालन स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज कर रहे हैं| इस आश्रम का शांत और आनंदमय वातावरण आपको अंदर से पूरी प्रफुल्लित कर देगा|
5. नीलकंठ महादेव मंदिर (Neelkanth Mahadev Mandir)
समुद्र तल से लगभग 1,330 मीटर की ऊंचाइ पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर तीनों लोको के स्वामी देवों के देव महादेव को समर्पित है| यह मंदिर चारों तरह से हरे भरे पेड़ों और घने जंगलों से घिरा हुआ है|
ऐसा माना जाता है की प्रभु ने इसी जगह पर समुद्र मंथन से निकले हुए हलाहल विष को गृहण करके धरती को बचाया था और विष गृहण करने के बाद उनके गले का रंग नीला पड़ा जिसके कारण भगवान ‘नीलकंठ’ कहलाए|
मंदिर के आस पास जल स्त्रोत भी है जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाता है| यह मंदिर ऋषिकेश से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| यहाँ आकर आपको आध्यात्मिक शांति का अनुभव होगा|
6. ऋषिकेश में राफ्टिंग (Rafting In Rishikesh)
ऋषिकेश मे अगर आप राफ्टिंग मिस कर रहे हैं तो आपकी ऋषिकेश की यात्रा सम्पन्न नहीं मानी जाएगी| गंगा की तेज लहरे और आस पास का प्राकृतिक वातावरण आपको राफ्टिंग करने के लिए मजबूर कर देगा| यहाँ पर आपको प्रमाणित ऑपरेटर मिलेंगे जो अच्छी सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं|
आपके भोजन, पानी की देख रेख भी ये लोग ही करते हैं| पीक समय पर राफ्टिंग मे बहुत भीड़ रहती है इसलिए यहाँ आने के पहले एक बार इस बात को ध्यान मे रखें| ऋषिकेश मे राफ्टिंग एक हाई डिमांड ऐक्टिविटी है जो पूरे भारत वर्ष मे मशहूर है इसलिए यहाँ की राफ्टिंग बिल्कुल भी न छोड़ें जो आपको गंगा के अगल बगल फैले प्राकृतिक सौन्दर्य के दर्शन कराएगी|
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7. नीर गढ़ झरना (Neer Waterfall)
ऋषिकेश स्थित ये झरना प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जो लक्ष्मण झूला से लगभग 6-7 किलोमीटर की दूरी पर हरे भरे जंगलों के बीच स्थित है जहां तक ट्रेकिंग करके या वाहन से पहुंचा जा सकता है| आप इस झरने के पास वनस्पति और जीवों की अद्भुत विविधता देख सकते हैं|
ऊंचाई से गिरते हुए झरने के छीटें जब हवा मे उड़ती हुई आपके चहरे पर पड़ती हैं तो आपको एक अलग ही एहसास होगा| इस झरने के आस पास बहुत सारे छोटे छोटे तालाब है तो इसकी सुंदरता मे चार चाँद लगा देते हैं| फोटोग्राफी करने के लिए भी ये एक बढ़िया जगह है| यहाँ आने का सबसे बढ़िया समय मानसून के बाद का होता है क्यूँ की उस समय पानी की अधिकता की वजह से ये पूरे उफान मे रहता है|
8. स्वर्ग आश्रम (Swarg Ashram)
गंगा किनारे बसा ये आश्रम बेहद ही पवित्र माना जाता है की जिसकी स्थापना स्वामी विशुद्धानंद की याद मे किया गया है| यहाँ पर की साधु संत रहते हैं जो अध्यात्म, योग, और ध्यान आदि की शिक्षा देते हैं| यहाँ से आप विशाल गंगा के शानदार नजारे देख सकते हैं जो आपको मानसिक शांति प्रदान करता है|
इस आश्रम के आस पास बहुत सारे मंदिर हैं और सात्विक भोजन परोसने वाली दुकाने हैं| आपको इस आश्रम मे आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा|
9. वशिष्ठ गुफा (Vashishtha Cave)
वशिष्ठ गुफा गंगा तट पर स्थित है जो ऋषिकेश से 25 किलोमीटर की दूरी पर है| ऐसा माना जाता है की भगवान ब्रह्मा के मानव पुत्र और सप्तर्षि मे एक ऋषि वशिष्ठ ने यहाँ पर आकर ध्यान लगाया था| यह एक बेहद ही पवित्र गुफा है जिसके अंदर एक एक शिवलिंग है जिसकी देखभाल पुरीषोत्तमानंद सोसाइटी करती है|
इस गुफा की आध्यात्मिक और प्राकृतिक सुंदरता आपको मंत्रमुग्ध कर देगी| इस गुफा मे आकर आपको अद्भुत शांति का एहसास होगा| गुफा के पास स्थित अर्धकुंभ स्थित है जो गंगा का छोटा सा क्षेत्र है जहां पर आप स्नान और ध्यान कर सकते हैं| गुफा तक पहुंचने के लिए एक छोटी सीढ़ियों वाली पगडंडी पर चलना पड़ता है जो गंगा के किनारे साथ साथ चलती है|
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10. शिवपुरी (Shivpuri)
भोलेनाथ का ये निवास स्थान है जिसकी ऋषिकेश से दूरी मात्र 20 किलोमीटर है| ये जगह ऋषिकेश मे राफ्टिंग के लिए सबसे ज्यादा प्रचलित है| यहाँ से राफ्टिंग मे आप रोमांच के साथ साथ अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता को भी निहार पाएंगे| शिवपुरी तक पहुंचने के लिए ऋषिकेश से टैक्सी, ऑटो, या बस आसानी से मिल जाएगी।
रास्ते मे आपको सुंदर और और हरे-भरे पहाड़ों का दृश्य देखने को मिलेगा। गंगा के बहती तेज धारा के किनारे कैपिंग भी कर सकते हैं| ये जगह योग और ईश्वर का ध्यान लगाने के लिए सबसे उपयुक्त जगह है| यहाँ पर बहुत सारे आयुर्वेदिक स्पा और मसाज सेंटर है जहां पर जाकर आप आयुर्वेदिक उपचार और मसाज सेवायेँ ले सकते हैं|
11. कुंजापुरी देवी मंदिर (Kunjapuri Mata Ancient Temple)
कुंजापुरी पहाड़ी के ऊपर स्थित यह मंदिर माता पार्वती को समर्पित है| ये खूबसूरत मंदिर 1645 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जहां से आप गंगा के सुन्दर दृश्य देख सकते है| यहाँ से शिवालिक पर्वतमाला और चौखंबा और बंदरपूंछ की पहड़ियो को भी देख सकते हैं| यहाँ से आप सूर्योदय और सूर्यास्त के अचंभित करने वाला नजारे देख सकते हैं|
जब सूर्य की किरने सामने स्थित हिमालय पर पड़ती है तो नजारों और भी सुंदर हो जाते हैं| यह मंदिर देवी सती के 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है ऐसी मान्यता है कि यहाँ देवी सती का वक्षस्थल गिरा था। यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको 5 किलोमीटर की ट्रेकिंग करनी पड़ेगी| नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष आयोजन होते हैं और बड़ी संख्या मे भक्तगण माता के दर्शन करने आते हैं|
12. ऋषि कुंड (Rishi Kund)
यह कुंड मैन बाजार से कुछ ही दूरी पर स्थित है| ऐसा माना जाता है की ये कुंड बेहद पवित्र है क्यूँ की ऋषि कुब्ज की तपस्या से प्रसन्न होकर माता यमुना ने अपने पवित्र जल से कुंड को भर दिया था| इस कुंड मे स्नान करने से पापों का नाश होता है| यहाँ पास मे ही मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम का मंदिर है|
पर्यटक कुंड मे स्नान करके राम दर्शन को जाते हैं और ऐसी भी मान्यता है की भगवान राम ने भी इस कुंड मे स्नान किया था| स्थानीय भाषा में ऋषिकुंड का अर्थ है ‘ऋषियों का तालाब’| यह एक प्राकृतिक गरम पानी का कुंड है जो त्रिवेणी घाट के काफी नजदीक है| यह कुंड चारों तरफ हरे भरे जंगलों से घिरा हुआ है| ऐसी मान्यता है की इस कुंड पर स्नान करने से आपके शारीरिक और मानसिक बीमारियाँ खत्म हो जाती हैं|
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13. ऋषिकेश में बंजी जंपिंग (Bungee Jumping In Rishikesh)
ऋषिकेश का दूसरा नाम “भारत की साहसिक राजधानी” भी है क्यूँ की यहाँ पर सभी साहसिक गतिविधियां होती है| इन्ही साहसिक गतिविधियों मे से एक है ‘बंजी जंपिंग’| यह गतिविधि ऋषिकेश से लगभग 20 किलोमीटर दूर मोहांचट्टी गांव में स्थित है।
यहाँ पर पर्यटक को 83 मीटर की ऊंचाइ से जम्प कराया जाता है| यहाँ के प्रशिक्षक बेहद की अनुशासित और अनुभव वाले होते हैं जो सभी सुरक्षा मानकों का पूरा ख्याल रखते हैं|
14. तेरा मंजिल मंदिर (Terah Manzil Mandir)
गंगा किनारे और लक्ष्मण झूला के ठीक सामने स्थित ये एक तेरा मंजिला मंदिर है जिसमे विभिन्न देवी देवताओं के मंदिर स्थापित हैं| ये अपनी अद्भुत वास्तुकला के लिए मशहूर है| इस मंदिर की भक्तिभावना को देखकर आप पूरी तरह भक्ति मे लीन हो जायेगे|
इस मंदिर के छत से आप आस पास के एरिया का मनोरम दृश्य देख सकते हैं| इस मंदिर को त्र्यंबकेश्वर मंदिर भी कहते हैं|
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15. भरत मंदिर (Bharat Mandir)
इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी मे आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा किया गया था| यह मंदिर ऋषिकेश स्थित सबसे पुराने मंदिरों मे से एक है जहां शालिग्राम के एक पत्थर मे भगवान विष्णु के चित्र को उकेरा गया है जो बेहद ही पूजनीय है|
इस मंदिर का वर्णन आपको महाभारत और श्रीमद्भागवत में भी मिलेगा। इस मंदिर मे आपको फोटोग्राफी की अनुमति नहीं मिलेगी|
16. मुनि की रेती (Muni Ki Reti)
मुनि की रेती का शाब्दिक अर्थ है ‘ऋषियों की रेती’ है| ऐसा माना जाता है की राजा भरत ने यहाँ तपस्या की थी| ये तीर्थ चार धाम की यात्रा का प्रवेश द्वार माना गया है जो चार धाम तीर्थ यात्रियों उनकी यात्रा के लिए कुछ सुविधायें प्रदान करते हैं|
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