Places to Visit in Udaipur: उदयपुर अपने राजा महराजाओं की जीवन शैली देखने के लिए मशहूर है| जिसे “झीलों का शहर” भी कहा जाता है| उदयपुर अपने प्राचीन झीलें, भव्य महल और शानदार किलों के लिए मशहूर है| उदयपुर राजस्थान के सबसे अच्छे शहरों मे से एक है|
यहाँ पर आपको हर मोड़ पर इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का समागम देखने को मिलेगा जहां हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ मिलेगा| उदयपुर अपनी सुंदरता के अलावा प्रकृति प्रेमियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है|
उदयपुर कैसे पहुंचे (How to reach Udaipur)
वायुमार्ग (By Air)
आप आप फ्लाइट से उदयपुर जाना चाहते हैं तो इसका निकटतम हवाई अड्डा महाराणा प्रताप हवाई अड्डा है जो उदयपुर से महज 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| यह हवाई अड्डा देश के सभी बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, जयपुर और कोलकाता आदि से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| हवाई अड्डे से बाहर निकलकर आप कैब या बस लेकर उदयपुर पहुँच सकते हैं|
सड़क मार्ग (By Road)
सड़क मार्ग से उदयपुर की कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है| आप आस पास के सभी बड़े शहरों से आरामदायक डीलक्स बसें लेकर उदयपुर पहुँच सकते हैं|
रेल मार्ग (By Train)
उदयपुर देश का एक प्रमुख शहर है जो देश का बड़े नेटवर्क का हिस्सा है| उदयपुर रेल्वे स्टेशन देश के सभी बड़े शहरों से बहुत अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| आप स्टेशन के बाहर आकर ऑटो या टैक्सी लेकर अपने होटल या रिज़ॉर्ट के लिए प्रस्थान कर सकते हैं| अगर आप उदयपुर के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
आइए जानते हैं उदयपुर मे सबसे ज्यादा घूमे जाने वाली जगहों के बारे मे
1. सिटी पैलेस (City Palace)
सिटी पैलेस घूमना उदयपुर दौरे का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसकी स्थापना वर्ष 1559 में महाराणा उदय सिंह ने करवाया था| उनके बाद आए उनके उत्तराधिकारियों ने महल को और भी ज्यादा सुंदर बना दिया| यह राजस्थान का सबसे बड़ी शाही इमारत मानी जाती है जो खूबसूरत पिछोला झील के किनारे बनी हुई है|
आपको महल मे संग्रहालय, महल आंगन, मंडप, गलियारे, छतें, कमरे और हैंगिंग गार्डन हैं इसके अलावा आपको यहाँ राजपूताना कला और संस्कृति देखने को मिलेगी| इस पैलेस मे ‘गाइड’ और ‘ऑक्टोपसी’ जैसी कई फिल्मों को फिल्माया गया है|
ये खूबसूरत पैलेस अरावली पहाड़ियों के गोद मे बसा है जिसकी छत से आप पिछोला झील के अलावा अन्य जगहों की खूबसूरती को देख सकते हैं| सिटी पैलेस उदयपुर मे घूमे जाने वाली जगहों (Places to Visit in Udaipur) मे से एक है|
2. पिछोला झील (Pichola Lake)
यह एक मानव निर्मित झील है जिसका निर्माण 1362 में पिच्छू बंजारा नामक एक बंजारे ने करवाया था उसी के नाम पर इस झील का नाम पड़ा| यह झील शहर के एकदम बीचों बीच स्थित है| यहाँ पर आप नौका विहार करते हुए आस पास के अद्भुत दृश्यों को भी देख सकते हैं|
इस झील की गहराई 30 फीट है, लंबाई 3 मील और चौड़ाई 2 मील है| शब्दों से इस झील की सुंदरता का वर्णन नहीं किया जा सकता जब अरावली की परछाई इसमे पड़ती है तो ये और भी सुंदर प्रतीत होती है|आप जब भी पिछोला झील जाएं एकदम सुबह या शाम को जाएं ताकि आप मंत्रमुग्ध करने वाले सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देख सकें| फोटोग्राफी करने के लिए उदयपुर मे ये सर्वोत्तम जगह है|
3. जग मंदिर (Jagmandir Island)
जग मंदिर पैलेस को ‘लेक गार्डन पैलेस’ भी कहते हैं जिसका निर्माण 17वीं शताब्दी मे महाराणा जगत सिंह ने करवाया था लेकिन इसके निर्माण की आधारशिला महाराणा अमर सिंह ने की थी| ये एक 3 मंजिला इमारत है जो पिछोला झील के दक्षिणी द्वीप पर स्थित है|
वर्तमान समय मे इस महल मे ‘दरीखाना’ नाम का रेस्तरां है जो लजीज राजस्थानी भोजन परोसता है। महल के चारों ओर खूबसूरत संगमरमर की छतरियाँ हैं जिन्हें “बारादरी” कहा जाता है। इस महल के अंदर आपको सुंदर बगीचे और तरह तरह के रंग बिरंगे फूल देखने को मिलेंगे|
ऐसी मान्यता है की शाहजहाँ ने ताज महल की डिजाइन के लिए इसी इमारत को देखकर बनाया था| यह इमारत मुगल और राजपूत शासकों के बीच के संबंधों को दिखाती है| यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको पिछोला झील के किनारे से नाव लेनी पड़ेगी| इस महल की अद्भुत सुंदरता और शांति आपके मन को पूरी तरह शांत कर देगी|
4. सज्जनगढ़ पैलेस या मानसून पैलेस (Sajjangarh Monsoon Palace)
यह एक शानदार पहाड़ी किला है जिसे मानसून पैलेस भी कहते हैं जिसकी स्थापना 19वीं शताब्दी में महाराणा सज्जन सिंह ने करवाया था| इस पैलेस की समुद्र तल से ऊंचाई 944 मीटर है|
इस महल बनाने के मुख्य उद्देश्य मानसून के बादलों के स्थित और पैटर्न जानना था और ऐसा करना यहाँ से आसान था क्यूँ की ये महल अरावली की एक चोटी बांसडारा पीक मे स्थित है इसलिए इसे मानसून पैलेस भी कहा गया| इस पैलेस के उद्देश्य ने बहुत सारे रोजगार के अवसर भी प्रदान किए|
हालाकी इस महल का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका क्यूँ की महाराणा सज्जन सिंह के उत्तराधिकारी महाराणा फतेह सिंह ने इस महल को मनोरंजन स्थल में बदल दिया था| इस महल मे रैनवाटर हार्वेस्टिंग की भी सुविधा थी| इस महल की वास्तुकला राजपूत शैली में है जिसमें सफेद संगमरमर का उपयोग बहुतायत से किया गया है|
5. फतेह सागर झील (Fateh Sagar Lake)
फतेह सागर झील उदयपुर शहर की चार झीलों में से दूसरी सबसे बड़ी झील है| ये एक मानव निर्मित झील है जिसका निर्माण में महाराणा जय सिंह ने 1678 मे किया था और महाराणा फतेह सिंह ने 1889 में इसके तटबंध का पुनर्निर्माण कराया था इस कारण से इस झील का नाम फतेह सागर झील पड़ा|
फतेह सागर झील एक वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है| यह एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट भी है जहां पर नाव के आकार का एक रेस्तरां और बच्चों के लिए एक छोटा चिड़ियाघर है। यह झील तीन अलग-अलग द्वीपों में बटी हुई है जिनके नाम नेहरू आइलैंड, उदय सागर और तीसरा एक छोटा द्वीप है जहां पर अभी एक झरने का निर्माण किया जा रहा है।
यहाँ से सूर्यास्त का नजारा देखना अपने आप मे एक अद्भुत क्रिया है| यह झील लगभग 2.4 किलोमीटर लंबी और 1.6 किलोमीटर चौड़ी है जिसकी अधिकतम गहराई 11.5 मीटर है| इस झील पर आप नौका विहार भी कर सकते हैं|
इनके बारे में भी जाने:
- वाराणसी मे घूमने के लिए 12+ जगहें (Top 12+ Places to Visit in Varanasi)
- जैसलमेर मे घूमने के लिए 10 जगहें (Top 10+ Places to Visit in Jaisalmer)
- जयपुर मे घूमने के लिए 10 जगहें (Top 10+ Places to Visit in Jaipur)
- ऋषिकेश मे घूमने के लिए 15 जगहें (Top 15+ Places to Visit in Rishikesh)
6. जगदीश मंदिर (Jagdish Temple)
1651 में महाराणा जगत सिंह द्वारा बनाया गया ये मंदिर जगतपालक भगवान विष्णु को समर्पित है| यह मंदिर इंडो-आर्यन शैली में बनाया गया है जो उदयपुर के सिटी पैलेस परिसर के अंदर स्थित है| यह उदयपुर का सबसे प्रतिष्ठित मंदिर है| इस मंदिर मे भगवान विष्णु की आकृति को काले पत्थर मे उकेरा गया है|
मुख्य मंदिर चार अलग अलग छोटे मंदिरों से घिरा हुआ है| ये एक बेहद ही शांत वातावरण वाला मंदिर है| ये मंदिर उदयपुर की एक बहुत बड़ी सांस्कृतिक धरोहर है| इस मंदिर मे जाने के बाद आपको अद्भुत आध्यात्मिक शांति का अनुभव होगा जिसे आप जीवन भर नहीं भूल पाएंगे|
7. सहेलियों की बाड़ी (Saheliyon Ki Bari)
फतेह सागर झील के किनारे स्थित सहेलियों की बाड़ी उदयपुर शहर में स्थित एक शानदार उद्यान है जिसे महाराणा संग्राम सिंह से शादी के बाद राजकुमारी के साथ आई उनकी सखियों के लिए बनाया गया था| इस उद्यान मे सुंदर हरे-भरे लॉन, छतरीदार पैदल मार्ग और शानदार फव्वारे हैं।
यह स्मारक 18वीं सदी मे बनाया गया था जो की ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है| यह पूरी बाड़ी शानदार बगीचों और हरे भरे पेड़ो और रंग बिरंगे फूलों से घिरी हुई है| यहाँ लगे सुंदर फव्वारा बहुत मशहूर है जिसे लंदन से मँगवाया गया था| यह फव्वारा बगीचे के बीचों बीच लगाया गया है जिसकी पानी की अद्भुत ध्वनि सुनी जा सकती है|
यहाँ पर की जटिल नक्काशी वाले संगमरमर युक्त मंडप है| बगीचे के अंदर एक सुंदर कमल कुंड भी है जिसमे खिलते हुए सुंदर कमलों को देखा जा सकते है|
8. बागोर की हवेली (Bagore Ki Haveli)
यह एक भव्य इमारत है जो पिछोला झील के किनारे गंगौर घाट पर स्थित है जिसका निर्माण 18वीं सदी मेवाड़ राज्य के प्रधानमंत्री अमर चंद बडवा ने करवाया था| यह हवेली अपनी वास्तुकला, संस्कृति और यहां आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मशहूर है| इस इमारत मे 100 से अधिक सुंदर कमरें हैं|
यहाँ स्थित रानी का कक्ष सबसे लोकप्रिय है जहां मोर की दो बहुत ही भव्य कांच और दर्पण की मूर्तियाँ हैं| हवेली की वास्तुकला राजस्थानी और मुग़ल शैली का अनूठा संगम है| इस हवेली मे एक संग्रहालय है, जिसमें राजस्थान की कला, संस्कृति और शाही जीवनशैली से संबंधित वस्तुएं दिखाई गई हैं|
ये हवेली इतिहास प्रेमियों और कला प्रेमियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है| यह हवेली मेवाड़ के शाही परिवारों की जीवनशैली और सांस्कृतिक धरोहर को दिखाती है।
9. शिल्पग्राम (Shilpgram)
उदयपुर स्थित ये संग्रहालय ग्रामीण कला और हस्तशिल्प को समर्पित है| उदयपुर शहर से लगभग 3 किमी दूरी पर स्थित इस संग्रहालय का निर्माण 1989 मे हुआ था| इसे WZCC द्वारा संचालित किया जाता है|
शिल्प ग्राम पर हस्तशिल्पकारों और कलाकार अपने कौशल का प्रदर्शन करके राजस्थानी कपड़े, आभूषण, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी के खिलौने और अन्य हस्तशिल्प बनाकर बेचते हैं जिन्हे पर्यटक खरीद सकते हैं| यहाँ पर आप कलाकारों को शिल्प बनाते हुए देख सकते हैं और कलाकारों से सीधे बात कर सकते हैं|
यहाँ कुल 26 झोपड़ियाँ बनाई गई जो इन कलाकारों के विभिन्न समुदायों और उनकी जीवनशैली को दिखाती हैं| शिल्प ग्राम आपको ग्रामीण जीवन की सादगी और परंपरा से अवगत कराता है|
10. अहार स्मारक (Ahar Museum)
इसे अहार की छतरियाँ भी कहा जाता है और ये जगह उदयपुर शहर से लगभग 2 किमी की दूरी पर स्थित है| ये एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है जो मेवाड़ के शासकों के अंतिम संस्कार की याद में बनाए गए सुंदर स्मारकों के लिए मशहूर है|
इस जगह पर सुंदर नक्काशी की गई है और यहाँ पर कुल 250 से ज्यादा स्मारक है जो मेवाड़ के राजाओं और उनके परिवार के सदस्यों के सम्मान मे बनाए गए हैं| यहाँ का मुख्य आकर्षण महाराणा अमर सिंह की छतरी है जो सबसे बड़ी छतरी है जो महाराणा के सम्मान मे 1734 मे बनाई गई थी|
यहाँ पर आपको एक से बढ़कर एक आकर्षण देखने को मिलेंगे जहां पर आपको राजस्थानी संस्कृति की अमिट छाप दिखेगी| इतिहास प्रेमियों और वास्तु प्रेमियों के लिए ये जगह जन्नत से कम नहीं है|
11. बड़ी झील (Badi Talab)
शहर के बाहरी इलाके मे स्थित यहे एक मानव निर्मित मीठे पानी की झील है जिसकी स्थापना महाराजा राज सिंह ने 1652 और 1680 के बीच कराया था जो 155 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र मे फैली हुई है| यह एक बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय पिकनिक स्थल है|
इस जगह मे भीड़भाड़ बहुत कम रहती है इसलिए आप यहाँ एकांत मे कुछ समय शांति से बिता सकते हैं| इस झील मे आप तैराकी भी कर सकते हैं| इस झील के पास ‘बाहुबली’ नामक एक पहाड़ी भी है जहां से आप सूर्योदय और सूर्यास्त के मनोरम दृश्य देख सकते हैं| यह झील शांत और सुरम्य वातावरण के लिए प्रसिद्ध है|
यहाँ का शांत वातावरण पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है| यह झील चारों तरफ से हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है| यह झील फोटोग्राफी के लिए भी बढ़िया जगह है|
12. मंसापूर्ण करणी रोपवे (Manshapurn Karni Ropeway)
ये एक शहर से दूर स्थित मंदिर है जिसे महाराज कर्ण सिंह ने बनवाया था| ये मंदिर माछला मगर पहाड़ी की चोटी पर स्थापित किया गया था जो करणी माता को समर्पित है|
दूरी ज्यादा और ऊंचाई पर होने के कारण यहाँ ज्यादा भक्तगण नहीं आते थे इसलिए 2008 मे जमीन और चोटी पर स्थित मंदिर को जोड़ने वाली रोपवे लाइन शुरू की गई ताकि लोग आसानी से माता के दर्शन कर पाए| आप सीढ़ी चढ़कर मंदिर तक जा सकते है लेकिन ये थकाने वाली प्रक्रिया है इसलिए आप रोपेवे लेकर 5 मिनट मे मंदिर तक पहुँच सकते हैं|
ये एक 387 मीटर की रोपवे केबल लाइन है जो राजस्थान का पहला रोपवे परिवहन है जिसमे बैठकर आप ऊंचाई से अद्भुत दृश्यों को देख सकते हैं| आप ऊंची पहाड़ी से सुंदर सूर्यास्त का नजारा भी देख सकते हैं|
13. हल्दी घाटी (Haldighati)
ये हल्दीघाटी की पवित्र भूमि महापराक्रमी वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की अद्भुत और अप्रतिम बहादुरी के लिए दुनिया भर मे जानी जाती है जो उदयपुर से 44 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| यह भूमि अरावली पहाड़ी क्षेत्र के बीचों बीच स्थित है जो एक पर्वतीय दर्रा है और राजसमंद और पाली दोनों जिलों को जोड़ता है|
यहाँ के पहाड़ों का रंग हल्दी के रंग का होने के कारण इसे हल्दीघाती कहा गया| एक बहुत ही शानदार इतिहास, युद्ध कौशल और बहादुर सैनिकों के खून से सनी ये मिट्टी आपको भारतीय होने का गर्व का अनुभव कराएगी|
8 जून 1576 को हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और मुग़ल सेना के बीच एक ऐतिहासिक युद्ध हुआ और इस युद्ध मे महाराणा ने अपने बहादुर घोड़े चेतक के साथ अदम्य साहस और बहादुरी का परिचय दिया था| ये युद्ध महाराणा की अटूट दृढ़ता और संघर्ष का प्रतीक था|
14. माणिक लाल वर्मा पार्क (Manik Lal Verma Park)
ये एक बेहद ही खूबसूरत पार्क है जो अपने शांत और सुरम्य वातावरण के लिए जाना जाता है| यह पार्क उदयपुर के प्रमुख आकर्षणों मे से एक है जो “दूध तलाई झील” के पास स्थित है| इस पार्क मे बच्चों के खेलने के लिए बहुत सारी जगह है| इस पार्क के आस पास से आप पहाड़ों के शानदार दृश्य देख सकते हैं|
यहाँ से आप सूर्यास्त का मनोरम दृश्य देख सकते हैं| आप यहाँ पर फोटोग्राफी भी कर सकते है और अपने परिवार के साथ शांति से कुछ पल बिता सकते हैं|