Lanji Fort Balaghat: यह बालाघाट का सबसे अद्भुत और विशाल किला है जिसका निर्माण गोंड राजाओं ने 12 वीं शताब्दी में मे करवाया था जो बालाघाट से 55 किलोंमीटर की दूरी पर लांजी नामक जगह पर स्थापित है|
7 एकड़ के क्षेत्र मे फैला ये किला चारों तरफ से ऊंची ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है जिनकी ऊंचाई लगभग 20 फीट है| इस किले मे 4 बुर्ज हैं जिसमे से वर्तमान समय मे केवल 2 ही बचे हैं|
इस किले का अधिकतम भाग नष्ट हो चुका है और कुछ ही भाग शेष है| इस किले के अंदर एक कुंड भी है जिसमे राजा और रानी स्नान किया करते थे| ये किला एक बेहद भव्य और अद्वितीय किला है जिसके अनर आपको एक 300 साल पुराना बरगद का पेड़ भी देखने को मिलेगा| इस किले के अंदर एक भव्य और प्राचीन मंदिर भी है जो माता लंजकाई को समर्पित है|
ये किला इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है औरे इस किले का इतिहास बहुत ही गौरवशाली है| हर इतिहास प्रेमी को इस किले को देखने एक बार जरूर आम चाहिए| इस किले को देखने जब भी आयें अपने बच्चों को साथ लाएं ताकि वो भी हमारे देश की समृद्ध विरासत और गर्व करने वाले इतिहास को अच्छे से जान सकें|
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लांजी के किले का निर्माण
लांजी किले (Lanji Fort Balaghat) का निर्माण 1114 ईसवीं में महान गोंड राजा मलुकोमा ने करवाया था | राजा मलुकोमा राजकुमारी हसला के दादा थे | ये वही राजकुमारी थी जिन्होंने गोंड समाज के इज्जत और अपने पिता के मान सम्मान की रक्षा के लिए खुद का जीवन का बलिदान दे दिया था|
राजकुमारी हसला का नाम आज भी गोंड समाज मे बहुत अदब के साथ लिया जाता है और लोग इन्हे यहाँ पर देवी की तरह पूजते हैं|
अवशेष
इस किले मे घुसते ही आपको बहुत बड़ा मैदान देखने को मिलेगा| असल मे ये मैदान नहीं है इस जगह पर किला ही था जो धीरे धीरे टूटता गया| अभी भी आप इस जगह पर खुदाई करेंगे तो आपको इस किले के अवशेष मिलेंगे| आपको इस मैदान मे हर जगह किले के अवशेष दिखाई देंगे| नजदीक से देखने मे ऐसा प्रतीत होगा की किले का बहुत सर भाग मिट्टी मे दबा हुआ है|
लंजकाई माता का मंदिर
किले के पास स्थित यह एक बेहद प्राचीन मंदिर है जो लंजकाई माता को समर्पित है| यह एक बेहद सुंदर नक्काशी वाला मंदिर है जिसके मुख्यतः 3 कक्ष हैं| बीच वाले कक्ष गर्भगृह है उसके अगर बगल वाले कक्षों मे अन्य देव देवता विराजमान हैं|
आस पास के लोगों मे इस मंदिर के लिए अथाह श्रद्धा है| इस मंदिर का व्यत्वरण एकदम शांत है| मंदिर की दीवारों पर सुंदर चित्र उकेरे गए हैं| लंजकाई माता यहाँ पर आए भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं|
अभेद्य किला
सुरक्षा की दृष्टि से ये एक बेहद अभेद्य किला था| इस किले के चारों ओर एक गड्ढे का निर्माण किया गया था जिसमे पानी भरके मगरमच्छ और अन्य जहरीले जानवर रखे गए थे जो भी दुश्मन इस किले मे घुसने का प्रयास करता ये मगरमच्छ उस पर हमला कर देते थे|
किले की ऊपरी दीवारों मे आपको हर जगह छोटे छोटे छेंद देखने को मिलेंगे जहां से यहाँ के सैनिक बंदूक चलाते थे| इस किले को जीतना इतना आसान नहीं था| चारों तरफ से पानी मे तैरते मगरमच्छ और दीवारों के छेंदों से निशाना लगाती बंदूके दुश्मनों के दांत खट्टे कर देते थे|
मजबूत दीवारें
इस किले की दीवारों को आपस मे जोड़ने का काम चूने की सहायता से किया गया था| आप जब इन दीवारों को छुएंगे तो आपको आभास होगा की ये दीवारें कितनी मजबूत हैं|
पर्यटन स्थल
अगर प्रशासन इस किले की ओर थोड़ा ध्यान दे तो इस किले (Lanji Fort Balaghat) को एक पिकनिक स्पॉट के तौर पर विकसित हो सकती है| बड़ा क्षेत्रफल और चारों तरफ हरियाली पिकनिक मनानेके लिए परफेक्ट है| अगर आप शांति से कुछ समय परिवार या मित्रजनों के साथ बिताना चाहते हैं तो आपको इस किले मे एक बार जरूर आना चाहिए|
बालाघाट के आस पास लांजी का किला कान्हा किसली उद्यान के बाद दूसरा सबसे घूमा जाने वाला पर्यटन स्थल है|
भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण
ये अद्भुत किला अब भारतीय पुरातत्व विभाग के हाँथों मे है जो इसके बचे हुए अवशेषों को संरक्षित करने का प्रयास कर रहा है|
हरियाली से घिरा किला
लांजी किला बालाघाट (Lanji Fort Balaghat) के बाहर और आस पास आपको ताड़, बरगद, पीपल और अन्य पड़े देखने को मिलेंगे| किले के चारों तरफ का कसेटर प्राकृतिक हरियाली से सरोबार है| इसी किले मे ही इन सभी पेड़ों के बीच आपको एक लगभग 300 साल पुराना बरगद का पेड़ भी देखनेको मिलेगा| इस किले के आस पास आप फोटोग्राफी भी कर सकते हैं|
कैसे पहुंचे (How to Reach Lanji Fort Balaghat)
इस किले तक पहुँचने के लिए सबसे पहले आपको बालाघाट आना पड़ेगा| इस किले के आस पास का बड़ा शहर बालाघाट ही है| यहाँ से आप बस या कैब लेकर लांजी किले तक पहुँच सकते हैं| अगर आप बालाघाट के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
विकास की संभावनाएं
पूर्व विधायक किशोर समरिते ने लांजी किले (Lanji Fort Balaghat) की मरम्मत और इस किले को आय का संसाधन बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है| उनके साथ साथ लांजी गाँव वालों का भी मानना है की अगर किले के पास उद्यान और म्यूज़ीयम बना दिया जाए तो गाँव के लोगों को सुबह शाम टहलने के लिए एक जगह मिलेगी साथ मे म्यूज़ीयम बनाने से आय के संसाधन भी बढ़ेंगे|
इस किले के पास ही देवाधिदेव महादेव को समर्पित एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है जिसे कोटेश्वर धाम भी कहते हैं| अगर किले को विकसित किया जाएगा तो इसके साथ साथ इस मंदिर का भी विकास होगा|
लांजी गाँव की सीमाएं छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से भी मिलती हैं| अगर लांजी स्थित इस किले का विकास किया जाएगा तो आस पास के राज्यों से लोग भी इस जगह छुट्टियाँ बिताने आएंगें|
Q1- लांजी का किला बालाघाट से कितनी दूरी पर है?
A- 55 किलोमीटर
Q2- लांजी के किले का निर्माण किसने और कब करवाया था?
A- – राजा मलूकुमा ने 1114 ईसवीं में
Q3- लांजी का किला कितने एकड़ मे बना हुआ है?
A- 7 एकड़
Q4- लांजी किले का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कौन सा है?
A- बालाघाट रेलवे स्टेशन
Q5- लांजी किले के परिसर मे किस देवी का मंदिर है?
A- लंजकाई माता का
Q6- लांजी किले तक पहुँचने के लिए सबसे नजदीक हवाई अड्डा कौन सा है?
A- नागपुर का हवाई अड्डा
Q7- क्या लांजी का किला ASI के अंतर्गत आता है?
A- हाँ
Q8- वर्तमान समय मे लंकी किले मे कितने बुर्ज बचे हुए हैं?
A- 2
Q9- लांजी किले के नजदीक कौन सा पर्यटन स्थल मौजूद है?
A- कोटेश्वर धाम
Q10- लांजी किले मे स्थित एक प्राचीन बरगें का पेड़ कितना पुराना है?
A- 300 वर्ष