गांगुलपारा झरना और गांगुलपारा बांध (Gangulpara Falls and Gangulpara Dam)- सुंदरता मे नक्सलियों का पहरा

Gangulpara Falls and Gangulpara Dam: अगर आप बालाघाट मे हैं और आप अपने परिवार के साथ कुछ समय शांति से बिताना चाहते हैं या पिकनिक मनाना चाहते हैं तो आपको गांगुलपारा झरना के पास आना चाहिए| इस झरने के आस पास का पूरा क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य से भरा हुआ है| ये अप्रतिम झरना आपको बालाघाट शहर से 14 किलोमीटर दूर बैहर मार्ग पर देखने को मिलेगा|

मानसून और सर्दियों का समय इस जगह पर घूमने का सबसे अच्छा समय है| ये एक बेहद ही आकर्षक झरना है जिसको देखते ही आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे| ये एक पहाड़ी नाला है जिसमे एक नाला ऊंचाई से गिरकर झरना बनता है| इस झरने का दीदार करने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं|

इनके बारे में भी जाने:

चारों तरफ जंगलों से घिरे होने से इसकी सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है| इस झरने की ऊंचाई लगभट 150 फीट है| ऊंचाइ से गिरता हुआ झरना जब चट्टानों से टकराता है तो इसकी मधुर आवाज सुनकर बहुत आनंद मिलता है| आप जितना सोचकर आएंगे उससे कहीं ज्यादा सुंदर इस झरने को पाएंगे|

गांगुलपारा बाँध (Gangulpara Falls and Gangulpara Dam) एक बहुत ही अद्वितीय और अप्रतिम बाँध है जो चारों तरफ से भरवेली व बंजारी की पहाड़ियों से घिरा हुआ है| आप जब इस बाँध को नजदीक से देखेँगे तो आपको ये सुंदर पहाड़ियाँ एक टंकी की तरह प्रतीत होंगी जिसके चारों तरह बाँध का पानी है|

इस बाँध के पानी से आस पास के गाँवों मे पानी की जरूरतों को पूरा करता है| इस सुंदर बाँध मे आपको आए दिन जंगली जानवर पानी पीते हुए दिख जाएंगे| इस बाँध की सुंदरता को देखते हुए यहाँ पर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से भी लोग पिकनिक मनाने और फोटोग्राफी करने आते हैं|

इस बाँध मे नौका विहार की भी सुविधा चालू की गई थी लेकिन कोविड के बाद उसको बंद कर दिया है| सम्पूर्ण बालाघाट का क्षेत्र नक्सल प्रभावित है लेकिन ये बाँध नक्सलियों से दूर था हालाकी 2023 मे नक्सलियों की नजर इस जगह पर पड़ गई है और उन्होंने यहाँ पर पर्चे फेंकना और धमकाने वाले बैनर बांधना चालू भी कर दिया है|

ये पूरा एरिया एक आदिवासी बहुल इलाका है| इस बाँध के आस पास मूलभूत सुविधाओं की बहुत कमी है| जब भी आप यहाँ पर आयें भोजन अपने साथ लेकर आयें| हालाकी आयुष एवं जल संसाधन राज्यमंत्री राम किशोर “नानो कावरे” ने गांगुलपारा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का जिम्मा उठाया है|

गांगुलपारा के स्थानीय निवासियों के पास रोजगार न होने से उन्हे बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है|

गांगुलपारा मे आए पर्यटक झरने के साथ साथ बाँध को भी देख सकते हैं| अगर आप बालाघाट शहर मे हैं और शहर की दौड़ भाग वाली जिंदगी से थक चुके हैं तो अपने परिवार के साथ गांगुलपारा मे एक शानदार वीकिन्ड इन्जॉय कर सकते हैं| इस झरने और बाँध मे बिताये हुआ पल आपको ताउम्र याद रहेंगे|

बालाघाट शहर से ज्यादा दूरी न होने के कारण आप आसानी से कम समय मे इस जगह पर पहुँच सकते हैं| अपने साथ चटाई और खाद्य सामग्री लाकर आप यहाँ पर एक बढ़िया पिकनिक भी मना सकत है| जब भी हम रोजमर्रा की जिंदगी से ऊबते हैं तो मन और तन दोनों को शांति चाहिए होता है और सबसे ज्यादा शांति आपको प्रकृति की गोद मे ही मिलेगी|

गांगुलपारा का पूरा क्षेत्र प्रकृति की ही गोद मे बसा हुआ है जो झरने, बाँध, जंगल और जानवरों से सुशोभित है और जिस शांति की तलाश मे आप हैं आपकी तलाश इसी जगह मे पूरी होगी| अगर आप किसी अन्य शहर से बालाघाट घूमने आ रहे हैं तो एक पूरे दिन का प्लान गांगुलपारा के लिए जरूर रखें|

गांगुलपारा का ज्यादा से ज्यादा विकास इस क्षेत्र मे पर्यटकों की क्रांति लेकर आ सकता है| इस 10 किलोमीटर के क्षेत्र मे आपको गांगुलपारा बाँध के साथ साथ गांगुलपारा झरना (Gangulpara dam and Gangulpara Falls) भी देखने को मिलेगा|

अगर गांगुलपारा झरना और गांगुलपारा बांध (Gangulpara Falls and Gangulpara Dam) को सही तरीके से विकसित किया जाए तो यहाँ पर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के पर्यटक भी भरी संख्या मे छुट्टियाँ बिताने आएंगें| स्थानीय लोगों को रोजगार की कमी नहीं रहेगी| जब भी बालाघाट जाने की योजना बनायें प्रयास करें की इस जगह मे मानसून मे आयें|

मानसून मे गांगुलपारा झरना और गांगुलपारा बांध (Gangulpara Falls and Gangulpara Dam) की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है और गांगुलपारा झरने मे पानी की आवाक बहुत ज्यादा बढ़ जाती है साथ मे गांगुलपारा बाँध मे पानी का स्तर बढ़ जाता है और गांगुलपारा के चारों ओर भरवेली व बंजारी की हरी भरी पहाड़ियाँ पर्यटकों को मोहने मे कोई कसर नहीं छोड़ती हैं|

वैसे तो बालाघाट मे आपको कई झरने दिख जाएंगे लेकिन गांगुलपारा झरने की बात ही कुछ और है| 150 फीट की ऊंचाई से गिरता ये झरना कई धाराओं मे बटा हुआ है जो बाड़ी बाड़ी चट्टानों से टकराकर आगे बढ़ता है|

गांगुलपारा झरना और गांगुलपारा बांध (Gangulpara Falls and Gangulpara Dam) पर आने का आनंद या तो परिवार जनों के साथ है या मित्र जनों के साथ| अपने लोगों के बिताए एक एक पल आपको जीवन पर्यंत याद रहेंगे| इस प्राकृतिक जगह पर आप ढेर सारी फोटो भी खींच सकते हैं|

हम उम्मीद करते हैं की प्रशासन गांगुलपारा झरना और गांगुलपारा बांध (Gangulpara Falls and Gangulpara Dam) मे नौका विहार को कोविद के बाद बंद कर दिया था उसे फिर से चालू किया जाएगा| ताकि पर्यटकों को यहाँ पर झरना और बाँध देखने के अलावा नौका विहार करने का भी मौका मिले| नौका विहार चालू होने से से स्थानीय लोगों को थोड़ा बहुत रोजगार मिलेगा|

कैसे पहुंचे

गांगुलपारा बालाघाट से महज 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| आप बालाघाट पहुंचकर वहाँ से कैब लेकर गांगुलपारा पहुँच सकते हैं| अगर आप बालाघाट रेलवे स्टेशन के लिए टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|

Q1- गांगुलपारा (Gangulpara Falls and Gangulpara Dam) बालाघाट से कितनी दूरी पर स्थित है?

A- 14 किलोमीटर

Q2- गांगुलपारा के चारों तरफ कौन सी पहाड़ियाँ हैं?

A- भरवेली व बंजारी की पहाड़ियाँ

Q3- गांगुलपारा झरना कितना ऊंचा है?

A- 150 Feet

Q4- किस मंत्री ने गांगुलपारा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की घोषणा की है?

A- आयुष एवं जल संसाधन राज्यमंत्री राम किशोर “नानो कावरे” ने

Q5- गांगुलपारा झरने से गांगुलपारा बाँध की दूरी कितनी है?

A- 5 किलोमीटर

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