Bade Hanuman Ji Temple Allahabad: बड़े हनुमान जी मंदिर, इलाहाबाद मे स्थित एक अनोखा मंदिर है जो मुख्य संगम से महज 800 मीटर की दूरी पर अकबर किले के नजदीक स्थित है| इस मंदिर मे पवनपुत्र हनुमान जी लेटे हुई मुद्रा मे 535 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल के गर्भगृह मे स्थापित हैं|
ऐसी किवंदती है की संगम मे स्नान करने के बाद हनुमान जी दर्शन करना जरूरी है अन्यथा संगम स्नान अधूरा माना जाएगा| यह एक दक्षिणमुखी हनुमान जी प्राचीन प्रतिमा है जो 20 फीट लंबी है और जो धरती मे कम से कम 6-7 फीट नीचे है| इस मंदिर मे स्थित बजरंगबली की मूर्ति को प्रयाग के कोतवाल का भी दर्जा प्राप्त है|
पूरी दुनिया मे ये हनुमान जी की एक ऐसी अकेली मूर्ति है जो लेटी हुई अवस्था मे है| इस मंदिर मे आपको शनिवार और मंगलवार को हनुमान भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलेगी| यह मूर्ति मंदिर के गर्भगृह मे 8.10 फीट नीचे स्थापित है.
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त्रेतायुग से जुड़ा इतिहास
ऐसा माना जाता है की लंका विजय के बाद जब हनुमान जी लंका से लौट रहे थे तो उनको थकान लगी| माता जानकी के कहने पर थकान के कारण हनुमान जी ने संगम किनारे कुछ समय के लिए यहाँ पर विश्राम किया था|
कलयुग से जुड़ा इतिहास
ऐसा माना जाता है की बड़े हनुमान जी मंदिर (Bade Hanuman Ji Temple Allahabad) 600-700 पुराना है| उस समय कन्नौज के राजा की कोई भी संतान नहीं थी राजा के कुलगुरु ने कहा की वो विंध्याचल जाकर वहाँ के पर्वतों के पत्थर से हनुमान जी मूर्ति बनवाए और मंदिर की स्थापना कन्नौज मे कराएं|
लेकिन हनुमान जी की इस विशाल प्रतिमा को विंध्याचल से लाते समय त्रिवेणी संगम के पास नाव डगमगा गई और गंगा मे समा गई| नाव के साथ साथ हनुमान जी की प्रतिमा भी गंगा मे समा गई|
इस घटना के कई वर्षों के बाद जब गंगा का जलस्तर कुछ घटा तो ये प्रतिमा राम भक्त बाबा बालगिरी महाराज को मिली इसके बाद वहाँ के स्थानीय राजा की सहायता से भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया|
हनुमान जी के विभिन्न नाम
हनुमान जी के इस मंदिर को विभिन्न नामों से जाना जाता है| इस मंदिर को बड़े हनुमानजी, किले वाले हनुमानजी, लेटे हनुमानजी और बांध वाले हनुमानजी जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है|
इस हनुमान जी के प्राचीन मूर्ति मे बाएं पैर के नीचे कामदा देवी और दाएं पैर के नीचे अहिरावण है और उनके दाएं हाथ में राम-लक्ष्मण विराजमान हैं और बाएं हाथ में गदा सुशोभित है।
हनुमान जी का गंगा स्नान
बड़े हनुमान जी मंदिर (Bade Hanuman Ji Temple Allahabad) बजरंगबली को समर्पित बहुत ही अद्भुत, आलोकिक और सिद्ध मंदिर है| ऐसा माना जाता है की बारिश के समय जैसे ही गंगा जी हनुमान जी को अपने जल से डुबोती हैं उसके बाद गंगा जी का पानी स्वतः अपने स्तर से नीचे उतर जाता है|
और जिस वर्ष माँ गंगा हनुमान जी को अपने जल मे डुबोती हैं वो वर्ष प्रयागराज के लिए अति शुभ माना जाता है| इसलिए प्रयागराज के निवासी हर मानसून मे गंगा मे बाढ़ आने का इंतजार करते हैं|
जैसे ही माँ गंगा हनुमान जी को अपने जल मे डुबोती हैं उस समय गंगा आरती करने के बाद मंदिर के दरवाजे कुछ समय के लिए बंद कर दिए जाते हैं| और जैसे ही गंगा का जलस्तर नीचे आता है मंदिर को पुनः भक्तों के लिए खोल दिया जाता है|
मंदिर का अकबर से संबंध
ये बात सन् 1582 की है जब बादशाह अकबर त्रिवेणी संगम किनारे एक किले का निर्माण करना चाहता था| इस किले का उद्देश्य आस पास के शहरों मे निगरानी रखना था| किले के नक्शे के अनुसार हनुमान जी का ये मंदिर किले के विस्तार मे आड़े आ रहा था|
तब अकबर ने बड़े हनुमान जी मंदिर (Bade Hanuman Ji Temple Allahabad) को किले की दीवारों के अंदर लेने का प्रयास किया तो स्थानीय संतों ने इसका विरोध किया| संतों के विरोध के स्वर को देखते हुए अकबर ने हनुमान जी मूर्ति को उठाकर गंगा किनारे शिफ्ट करने का प्रयास किया| अकबर के कई सैनिक मिलकर भी हनुमान जी की इस प्राचीन प्रतिमा को हिला न सकें|
अंत मे अकबर की सेना हार मान गई और बड़े हनुमान जी मंदिर (Bade Hanuman Ji Temple Allahabad) के पीछे से ही किले की दीवार बनाने का निर्णय लिया गया|
मंदिर का औरंगजेब से संबंध
कट्टर मुस्लिम आक्रांता औरंगजेब ने वैसे तो कई हिन्दुओ के मंदिरों को ध्वस्त किया| इस आक्रांता की नजर बड़े हनुमान जी मंदिर (Bade Hanuman Ji Temple Allahabad) पर पड़ी| उने अपने 100 से ज्यादा सैनिकों को आदेश दिया की वो इस मूर्ति को उखाड़कर यहाँ से दूर फेंक दें|
औरंगजेब की 100 से ज्यादा सेना भी इस मूर्ति को एक इंच भी नहीं हिला सकी| जैसे ही ये सैनिक मूर्ति को ऊपर खींचने का प्रयास करते ये मूर्ति नीची जमीन मे और धसती जाती| बहुत दिनों तक प्रयास करने के बाद मूर्ति न हिली लेकिन औरंगजेब के सैनिकों को गंभीर बीमारियाँ होने लगी|
अंत मे कट्टर इस्लामी औरंगजेब भी हनुमान जी से हार मानकर यहाँ से लौट गया|
कैसे पहुँचें
प्रयागराज मे त्रिवेणी संगम किनारे बिराजे बजरंग बली के दर्शन करना बेहद आसान है| प्रयागराज शहर मे अपना खुद का बड़ा रेलवे जंक्शन है जो देश के चारों कोनों से बहुत ही अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और प्रयागराज मे खुद का एयरपोर्ट भी है|
आप प्रयागराज तक ट्रेन या फ्लाइट से बहुत ही आसानी से पहुँच सकते हैं| अगर आप प्रयागराज के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
Q1- इलाहाबाद स्थित बड़े हनुमान जी का मंदिर कितना पुराना है?
A- 600-700 वर्ष
Q2- इलाहाबाद स्थित बड़े हनुमान जी का मंदिर किस किले के पास स्थित है?
A- अकबर किले के पास
Q3- इलाहाबाद स्थित बड़े हनुमान जी के मंदिर मे हनुमान जी किस मुद्रा मे हैं?
A- लेटे हुई मुद्रा मे
Q4- इलाहाबाद स्थित बड़े हनुमान जी के मंदिर मे हनुमान जी की मूर्ति की लंबाई कितनी है?
A- 20 फीट
Q5- इलाहाबाद स्थित बड़े हनुमान जी के मंदिर मे स्थित हनुमान जी की मूर्ति किसने बनवाई थी?
A- कन्नौज के राजा ने