Chandrashekhar Azad Park: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज मे स्थित चंद्रशेखर आजाद पार्क जिसे पहले अलफ़्रेड पार्क भी बोलते थे 133 एकड़ मे फैला हुआ है|
यह उत्तर प्रदेश का जनेश्वर मिश्र पार्क (376 एकड़) और सिटी फॉरेस्ट पार्क ग़ाजियाबाद (175 एकड़) के बाद तीसरा सबसे बड़ा पार्क है और प्रयागराज का सबसे बड़ा पार्क है जो शहर के बीचों बीच सिवल लाइंस मे स्थित है|
इस पार्क का निर्माण वर्ष 1870 में इंग्लैंड के राजा अल्फ्रेड के प्रयागराज के दौरे के दौरान हुआ था जिसका निर्माण ईस्ट इंडिया कंपनी ने अल्फ्रेड के आगमन के स्मृति चिन्ह के रूप मे इस पार्क को बनाया गया था| इस पार्क का संबंध भारत माता के महान सपूत चंद्र शेखर आजाद से भी है इसलिए आजादी के बाद इस पार्क का नाम बदलकर आजाद पार्क कर दिया गया था|
हुआ ये थे की 27 फरवरी 1931 को 24 साल की उम्र मे आजाद जब इस पार्क मे अपने साथी क्रांतिकारियों के साथ अंग्रेजों से भिड़ने की योजना बना रहे थे तो किसी देशद्रोही ने इसकी खबर CID इन्स्पेक्टर नोट बोवर को दे दी और नोट बोवर ने अपने सिपाहियों के साथ मिलकर इस पार्क को चारों तरफ से घेर लिया|
आजाद ने अपने सभी साथी क्रांतिकारियों को वहाँ से जाने को कहा और अकेले ही 20 मिनट तक अपनी पिस्टल की सहायता से अंग्रेजों से लोहा लेते रहे|
मुठभेड़ के दौरान आजाद बुरी तरह घायल भी हो गए और जब उन्होंने देखा की उनकी पिस्टल मे आखिरी गोली बची है तो वो आखिरी गोली उन्होंने खुद को मार ली और भारत माता की आजादी के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया|
जिस पेड़ के नीचे आजाद शहीद हुए थे देखते ही देखते पूरे प्रयागराज मे वो पेड़ एक विशेष पेड़ हो गया| लोग इस पेड़ की पूजा और चरण वंदन करने लगे, पेड़ की आरती होने लगी लोग उस पेड़ के नीचे की पवित्र मिट्टी को ले जाकर अपने पूजा की जगह रखने लगे|
पेड़ के इस तरह पूजन, सम्मान से और शहीद आजाद की बढ़ती लोकप्रियता देखकर अंग्रेज बहुत घबरा गए और आनन फानन मे रातों रात उस पेड़ को ही कटवा दिया और जमीन समतल करवा दी लेकिन 1939 मे बाबा राघवदास ने उस जगह पर पुनः एक जामुन का पेड़ लगाया जो आज भी आजाद की शहादत को याद दिलाता है|
ये पूरा पार्क हरे भरे और बड़े पेड़ों से भरा हुआ है| इस पार्क मे आपको लंबे लंबे जॉगिंग और वॉकिंग ट्रैक भी देखने को मिलेंगे| ये पार्क पिकनिक मनाने के लिए भी एक आदर्श स्थल है|| इस पार्क मे आपको एक ओपन जिम और साथ मे बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले भी देखने को मिलेंगे|
अगर आप किताबें पढ़ने के शौकीन हैं तो यहाँ पर एक लाइब्रेरी भी है| हर शाम यहाँ पर लाइट शो भी होता है| इस पार्क मे एंट्री करने के 4 गेट हैं और एंट्री फीस केवल 5 रुपये हैं| 5 साल से कम बच्चों के लिए कोई एंट्री फीस नहीं है|
गेट नंबर 3 के सामने आपको शहीद आजाद की एक भव्य प्रतिमा देखने को मिलेगी| कुछ खास दिन जैसे गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त), चंद्र शेखर जयंती (23 जुलाई), मातृ दिवस (27 फरवरी) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) को ये पार्क आम जनमानस के लिए पूरी तरह फ्री रहता है|
यह पार्क सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है| इस पार्क को कंपनी गार्डन के नाम से भी जाना जाता है| इस पार्क को घूमने प्रतिदिन 6000 से ज्यादा लोग आते हैं जिसमे 30,000 रुपये ये पार्क डेली कमाता है|
1500 से ज्यादा लोग इस पार्क मे डेली मॉर्निंग वाक करने आते हैं| इस पार्क के अंदर पॉलिथीन का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है| पर्यटक दूर दूर से इस पार्क को देखने आते हैं जहां पर उन्हे शहीद आजाद की शहादत की कहानी का भी ज्ञान होता है|
इस पार्क के आस पास कई शिक्षण संस्थान भी है इसलिए इस पार्क मे कई बच्चे आपको गहनता से अध्ययन करते भी दिख जाएंगे|
इनके बारे में भी जाने:
- रायसेन किला (Raisen Fort)
- छतरपुर मंदिर दिल्ली (Chhatarpur Temple Delhi)
- काल भैरव मंदिर उज्जैन (Kal Bhairav Temple Ujjain)
- सिग्नेचर ब्रिज दिल्ली (Signature Bridge Delhi))
- लोटस मंदिर दिल्ली (Lotus Temple Delhi)
चंद्रशेखर आजाद पार्क संग्रहालय (Chandrashekhar Azad Park Museum)
इस संग्रहालय को इलाहाबाद संग्रहालय भी कहते हैं जो आजाद पार्क के अंदर स्थापित है| इस संग्रहालय का इतिहास 1878 से शुरू होता है लेकिन कुछ वर्षों बाद इसे बंद कर दिया गया और फिर आजादी के बाद जीर्णोद्धार करके इसे वापास खोला गया|
14 नवंबर 1947 को इस संग्रहालय की आधारशिला नेहरू ने रखी थी जिसको आम जनता के लिए वर्ष 1954 मे खोला गया था| इस संग्रहालय मे आपको भिन्न भिन्न प्रकार की पुरानी वस्तुएं देखने को मिलेगी|
चंद्रशेखर आजाद पार्क लोकेसन (Chandrashekhar Azad Park Location)
चंद्रशेखर आजाद पार्क प्रयागराज शहर के बीचों बीच सिवल लाइंस क्षेत्र मे स्थित है| आप प्रयागराज तक ट्रेन और फ्लाइट से पहुँच सकते हैं| अगर आप प्रयागराज के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
चंद्रशेखर आजाद पार्क वक्फ (Chandrashekhar Azad Park Waqf)
इस पार्क के अंदर वक्फ बोर्ड की एक दरगाह थी जिसे 2021 मे इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद ढहा दिया गया है| दरगाह के साथ साथ कई अवैध अतिक्रमण को भी कोर्ट के आदेश के बाद हटाया गया था|
चंद्रशेखर आजाद पार्क मैप (Chandrashekhar Azad Park Map)
चंद्रशेखर आजाद पार्क का समय (Chandrashekhar Azad Park Timings)
प्रयागराज स्थित ये पार्क सुबह 5 बजे से शाम 9 बजे तक आम जनमानस के लिए खुला रहता है|
Q1- चंद्रशेखर आजाद कब और किस पार्क में शहीद हुए थे??
A- 27 फरवरी 1931 को प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में
Q2- चंद्रशेखर आजाद की बंदूक का नाम क्या था?
A- बमतुल बुखारा
Q3- 27 फरवरी 1931 अल्फ्रेड पार्क में क्या हुआ था?
A- चारों तरफ से शत्रुओं से घिरे होने के कारण आजाद ने पिस्टल की आखिरी गोली खुद को मार ली थी
Q4- चंद्रशेखर आजाद पार्क (Chandrashekhar Azad Park) कितने एकड़ मे फैला हुआ है|
A- 133 एकड़
Q5- चंद्रशेखर आजाद पार्क (Chandrashekhar Azad Park) मे एंट्री फीस कितनी रुपये रखी गई है?
A- 5 रुपये