नोहकलिकाइ झरना (Nohkalikai Falls)- भारत का सबसे डरावना झरना

Nohkalikai Falls: नोहकलिकाइ झरना पूरे भारत वर्ष मे कुंचीकल झरना 455 मीटर (1,493 फीट) और बरेहीपानी झरना 399 मीटर (1,309 फीट) के बाद तीसरा सबसे ऊंचा झरना है जिसकी ऊँचाई लगभग 340 मीटर (1,115 फीट) है|

लेकिन नोहकलिकाइ झरना दुनियाभर मे अपनी ऊँचाई की वजह से कम बल्कि यहाँ घटित दुखद कहानी की वजह से ज्यादा जाना जाता है| यह झरना मेघालय मे चेरापूंजी मे पूर्वी खासी हिल्स मे बहता है| इस खूबसूरत झरने को प्रकृति ने हर तरफ से समृद्ध बनाया है|

इस खूबसूरत और मनमोहक झरने को देखने के लिए पर्यटक दुनिया के कोने कोने से यहाँ पहुंचते हैं| इस झरने को मेघालय का गर्व भी कहते हैं|

नोहकलिकाइ झरना की कहानी (Nohkalikai Falls Story)

इस सुंदर झरने के नाम के पीछे एक बहुत ही दुखद कहानी छिपी हुई है| किवंदिती के अनुसार पुराने समय मे झरने वाली पहाड़ी के पास ‘का लिकाई’ नाम की महिला अपने पति और अपनी बच्ची के साथ बड़े खुशहाल पूर्वक जीवन व्यतीत किया करती थी और फिर किसी कारण वश उसके पती की मृत्यु हो जाती है|

अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए वो एक दूसरे पुरुष से शादी कर लेती है और अपने पहले पति के मृत्यु के गम को भूलते हुए जीवन को पटरी मे लाने का प्रयास करती है| अपनी बच्ची के पालन मे कोई कमी न आए इसके लिए वो कुली का काम भी करने लगती है|

दिनभर कुली का काम करना और रात का समय बच्ची के साथ बिताना उसके दूसरे पति को ये सब देखा नहीं जा रहा था| जैसे जैसे समय बीतता जा रहा था उसके दूसरे पति की उसकी बच्ची के प्रति जलन बढ़ती जा रही थी|

इसी बढ़ती ईर्ष्या के बीच एक दिन जब वो दोपहर का खाना खाने घर मे आती है और खाना खाकर अपनी बिटिया को ढूँढने घर के बाहर कदम रखती है तो वो देखती है की दरवाजे के बगल मे रखी एक सुपारी की टोकरी मे बच्ची कि कटी हुई उँगलियाँ भी रखी हुई है| उस टोकरी मे रखी उँगलियाँ को देखकर वो सारा माजरा जान जाती है|

उसको ये जानने मे ज्यादा समय नहीं लगता की उसके दूसरे पति ने भोजन मे उसे किसी और का मांस नहीं बल्कि उसके ही बिटिया का मांस परोस दिया है| सारा माजरा जानकर वो बहुत ज्यादा दुखी होती है और मन ही मन ‘का लिकाई’ पश्चाताप की आग मे जलने लगती है|

‘का लिकाई जीवन लीला को समाप्त करने का प्रण लेती है और पूर्वी खासी की सुंदर और हरी भरी पहाड़ियों जहां से ये खूबसूरत झरना गिरता है वहाँ से ‘का लिकाई’ कूदकर जान दे देती है| ये दुखद कहानी इस क्षेत्र के बच्चे बच्चे को मुँह जवानी याद है|

एक माँ का जिसने खुद अपनी बेटी का मांस खाया हो उसका दर्द और गम कोई और नहीं समझ सकता| जो भी पर्यटक इस खूबसूरत और मंत्रमुग्ध करने वाले झरने को देखने आते हैं वो इसकी सुंदरता मे खो जाते हैं साथ मे इस झरने के नाम के पीछे छिपी हुई कहानी सुनकर उनकी आँखें भी नम हो जाती हैं|  

इस प्रकार से इस झरने का नाम ‘का लिकाई का झरना’ अर्थात नोहकलिकाइ झरना पड़ गया|

नोहकलिकाइ झरना किस नदी पर बना हुआ है (Nohkalikai Falls On Which River)

नोहकलिकाइ झरना किसी भी नदी पर नहीं बना बल्कि ये वर्षा जल पर ही बना है| नोहकलिकाइ झरना चेरापूंजी मे स्थित है जो दुनिया मे सबसे ज्यादा वर्ष वाला क्षेत्र है|

नोहकलिकाइ झरना का ट्रेक (Nohkalikai Falls Trek)

नोहकलिकाइ झरने के ट्रेक पर चढ़ना कोई बच्चों का खेल नहीं है| यह एक लगभग 40 मिनट के खड़ी और बेहद खतरनाक चढ़ाई है जिसे कोई अनुभवी ट्रेकर ही पार कर सकता है| इस झरने का सुंदर नजारा देखने का दूसरा तरीका है चेरापूंजी मुख्य शहर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित व्यू पॉइंट|

इस पॉइंट से आप इस झरने का शानदार नजारा देख सकते हैं| इस व्यू पॉइंट तक आप सड़क मार्ग की सहायता से बड़ी आसानी से पहुँच सकते हैं|

नोहकलिकाइ झरना का मौसम (Nohkalikai Falls Weathe

चेरापूंजी शहर मे सालभर मौसम सुहावना रहता है लेकिन अगर आप इस झरने का पूरा आनंद लेना चाहते हैं तो अपकोप मानसून के समय जून से सितंबर के बीच आना चाहिए लेकिन अगर आप बारिश का मौसम पसंद नहीं करते तो आप सर्दियों के दिनों मे भी आ सकते हैं| लेकिन सर्दियों मे आपको मानसून की अपेक्षा पानी का प्रवाह कम देखने को मिलेगा|

नोहकलिकाइ झरना की टाइमिंग (Nohkalikai Falls Timing)

ये झरना सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है| इस झरने को देखने के लिए इंट्री फीस महज 20 रुपये रखी गई है| अगर आप अपने साथ कैमरा भी ले जाना चाहते हैं तो उसकी भी फीस 20 रुपये ही रखी गई है|

नोहकलिकाइ झरना किस राज्य मे है (Nohkalikai Falls In Which State)

नोहकलिकाइ झरना मेघालय राज्य के चेरापूँजी शहर के पूर्वी खासी पहाड़ियों मे स्थित है| चेरापूँजी शहर दुनियाभर मे सबसे ज्यादा वर्षा के लिए जाना जाता है|

नोहकलिकाइ झरना का मैप (Nohkalikai Falls Map)

नोहकलिकाइ झरने तक कैसे पहुंचे (How To Reach Nohkalikai Falls)

नोहकलिकाइ झरने को देखने केलिए आपको मेघालय के चेरापूँजी शहर मे आना होगा|

चेरापूँजी शहर का नजदीकी हवाई अड्डा शिलॉन्ग का हवाई अड्डा है जो यहाँ से 164 किलोमीटर है और नजदीकी रेलवे स्टेशन गुवाहटी रेलवे स्टेशन है जो चेरापूँजी शहर से लगभग 146 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|

अगर आप शिलॉन्ग आने के लिए फ्लाइट टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|

Q1- नोहकलिकाई जलप्रपात (Nohkalikai Falls) कहाँ स्थित है?

A- मेघालय के चेरापूंजी में पूर्वी खासी पहाड़ियों मे

Q2- क्या हम नोहकलिकाई जलप्रपात (Nohkalikai Falls) में तैर सकते हैं?

A- नहीं

Q3- नोहकलिकाई जलप्रपात (Nohkalikai Falls) कितना लंबा है?

A- इस झरने की ऊँचाई 340 मीटर है

Q4- नोहकलिकाई झरने (Nohkalikai Falls) के पीछे की कहानी क्या है?

A- ‘का लिकाई’ नाम की महिला को उसके दूसरे पति ने उसकी ही बेटी को मारकर खिला दिया था और ‘का लिकाई’ ने इसी पहाड़ी से कूदकर आत्महत्या कर ली थी

Q5- नोहकलिकाई जलप्रपात (Nohkalikai Falls) किस पहाड़ी से गिरता है?

A- मेघालय के चेरापूंजी में स्थित पूर्वी खासी पहाड़ियों से

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