Kumbhalgarh Fort Wall: जब भी हम भारतीय आपस मे दीवारों की बात करते हैं तो या वो बात चीन की 21,196 किलोमीटर लंबी महान दीवार की होगी या फिर दूसरा भारत के क्रिकेट के भरोसेमंद बल्लेबाद ‘द वॉल’ यानी राहुल द्रविड़ की होगी| लेकिन आज हम न ही चीन की बात करेंगे और न ही राहुल द्रविड़ की|
लेकिन आज हम बात करने जा रहें है भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दीवार की जो राजस्थान के कुंभलगढ़ किले मे स्थित है|
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वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप और राणा सांगा की धरती राजस्थान हमेशा से ही अपने राज पाठ के लिए जानी जाती रही है| इन्ही राजाओं महाराजाओं के बनाये हुए किले आज भी सही सलामत हैं जो लाखों की संख्या मे देशी और विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है|
राजाओं और महाराजाओं के इस धरती मे स्थित है यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मे शामिल कुंभलगढ़ किला जिसे मेवाड़ के राजा राणा कुंभा ने 15वीं शताब्दी में बनवाया था| और इसी यूनेस्को विश्व धरोहर किले मे स्थित है एक दीवार जो पूरी दुनिया की दूसरी और भारत की सबसे लंबी दीवार मानी जाती है|
इस किले की दीवार 36 किलोमीटर लंबी है जो चीन के दीवार 21,196 किलोमीटर के बाद दुनिया की सबसे लंबी दीवार है| इस किले को ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया कहा जाता है| कुंभलगढ़ राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है|
कुंभलगढ़ किले और इस किले की 36 किलोमीटर की दीवार देखने देश विदेश से लोग यहाँ पर आते हैं| अरावली की पहाड़ियों के चोटी पर बना यह किला आसपास अरावली की ही कई पहाड़ियों से घिरा हुआ है|
उदयपुर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुंभलगढ़ का किला चित्तौड़गढ़ के बाद राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा किला है जो समुद्र तल से 1914 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है| कुंभलगढ़ का राजपूतों से लगाव होने का एक कारण ये भी है की ये किला महाराणा प्रताप का जन्मस्थली भी है|
36 किलोमीटर यानी की 22 मील तक फैली इस किले की दीवार 15 फीट तक चौड़ी है| ये चौड़ाई इतनी ज्यादा है की इस दीवार के ऊपर 7-8 घोड़े एक साथ खड़े होकर इस दीवार पर दौड़ सकते हैं जबकि चीन की महान दीवार की औसत चौड़ाई सिर्फ 6.5 मीटर ही है| इस किले का निर्माण 1443 से 1458 तक चला था|
जब महाराणा कुंभा ने इस किले का निर्माण करा रहे थे तब कोई न कोई विघ्न आ जाया करते था| दिन मे दीवारें बनती और रात मे वो आपणए आप ढह जाती| महाराणा कुंभा ने गाँव वालों को अपनी परेशानी बताई| गाँव वालों ने बताया एक सिद्ध मुनि भैरव मुनि इस पहाड़ी पर तपस्या करते था| भैरव मुनी ही आपकी सहायता कर सकते हैं|
महाराणा कुम्भ अपने कुछ साथियों को लेकर भैरव मुनि के आश्रम मे पहुंचे और अपनी समस्या मुनिवर को बताई| मुनिवर ने कहा की इस पहाड़ी पर किसी देवीय शक्ति का वास है और वो तब तक इस किले के निर्माण मे बाधा उत्पन्न करती रहेगी जब की उसे स्वेच्छा से नरबलि नहीं मिल जाती|
महाराजा कुंभा फिर से चिंता मे पड़ गए ये सोचकर की दीवार के लिए किस इंसान की बलि दी जाए| लेकिन भैरव मुनि ने कहा की इस किले के लिए वो खुद स्वेच्छा से अपनी बलि देंगे| उन्होंने कहा की वो चलना चालू करेंगे पहाड़ी पर जहाँ पर उनका सर काटा जाएगा वो मुख्य द्वार होगा और कटे सर के साथ ही वो आगे बढ़ते रहेंगे और जहाँ पर भी उनका धड़ गिरेगा वहीं पर किले का निर्माण होगा|
और ऐसा ही हुआ जहाँ पर मुनिवर का सर काटा गया वहाँ पर किले के द्वार का निर्माण हुआ जिसका नाम भैरव पोल है और मुनिवर का धड़ चलते चलते 700 मीटर ऊँचाई मे दूर जाकर गिरा और उस कसेटर का नाम कटारगढ़ रखा गया| भैरव मुनि के बलिदान की याद मे किले के अंदर ऊँचाई पर मुनिवर का एक मनदिर भी बनवाया गया|
ये पूरा किला 13 ऊंची ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ है| इतना तो साफ है की इस दीवार को सुरक्षा की दृष्टि से बनवाया गया था| इस दीवार मे बड़े बड़े छेदों का निर्माण किया गया था ताकि दुश्मनों के सैनिकों पर तीरों की बौछार की जा सके|
अभी के समय मे इस किले का संरक्षण ASI कर रही है| समय पर इस दीवार की मरम्मत भी की जाती है| जब भी आपका उदयपुर या चित्तोरगढ़ आना हो तो कुंभलगढ़ जरूर आयें और महाराणा कुंभा द्वारा निर्मित इस भव्य और अचंभित कर देने वाली 36 किलोमीटर की दीवार को जरूर देखेँ|
सिर्फ लंबी ही ही नहीं 15 फीट चौड़ी दीवार भी आपने कहीं भी नही देखी होगी| अगर आप भारत वर्ष की रोमांचित करने वाले जगहों की सूची देखेंगे तो कुंभलगढ़ किले की दीवार अवश्य ही उस सूची मे दिखेगी| आज भी इतने सालों के बाद ये दीवार कहीं से नहीं टूटी पूरी दीवार एक है| इस दीवार ने कई दुश्मनों से इस किले की रक्षा की है और इसीलिए ये किला भारत के एक अजेय किले मे आता है|
कुंभलगढ़ किले की दीवार की लंबाई (Kumbhalgarh Fort Wall Length)
कुंभलगढ़ किले की दीवार की लंबाई 36 किलोमीटर है|
कुंभलगढ़ किले की दीवार की चौड़ाई (Kumbhalgarh Fort Wall Length Width)
कुंभलगढ़ किले की दीवार की चौड़ाई अलग अलग जगहों पर 15 से 25 फीट तक की है|
कुंभलगढ़ किले की दीवार की ऊँचाई (Kumbhalgarh Fort Wall Length Height)
इस दीवार की ऊँचाई 4.5 मीटर लगभग 15 फ़ुट है|
कुंभलगढ़ किले तक कैसे पहुंचे (How To Reach Kumbhalgarh Fort Wall)
कुंभलगढ़ किले का नजदीकी रेलवे स्टेशन फालना है जो लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और नजदीकी हवाई अड्डा उदयपुर का हवाई अड्डा है जो 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| अगर आप फालना के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
कुंभलगढ़ किले की दीवार की फ़ोटोज़ (Kumbhalgarh Fort Wall Photos)
कुंभलगढ़ किले की दीवार का मैप (Kumbhalgarh Fort Wall Map)
Q1- कुंभलगढ़ के किले (Kumbhalgarh Fort Wall) की दीवार की लंबाई कितनी है?
A- 36 किलोमीटर
Q2- भारत की सबसे बड़ी दीवार कौन सी है?
A- कुंभलगढ़ किले की दीवार (Kumbhalgarh Fort Wall)
Q3- राजस्थान के किस किले की दीवार सबसे लंबी है?
A- कुंभलगढ़ किले की (Kumbhalgarh Fort Wall)
Q4- भारत की महान दीवार कहाँ स्थित है?
A- कुंभलगढ़ के किले मे (Kumbhalgarh Fort Wall)
Q5- कुंभलगढ़ की दीवार किसने बनाई?
A- महाराणा कुंभा ने