Kedareshwar Cave Temple: भारत देश मंदिरों का देश है| इस पवित्र भूमि पर आपको एक से बढ़कर एक भव्य और अचंभित कर देने वाले मंदिर देखने को मिल जाएंगे और कुछ तो ऐसे रहस्यमय मंदिर हैं जिनकी चौखट मे पहुंचकर विज्ञान भी दम तोड़ देता है| केदारेश्वर गुफा मंदिर उन्ही रहस्यमय मंदिरों मे से एक है|
इनके बारे में भी जाने:
- थ्री गॉर्जेस बांध (Three Gorges Dam)- जिसने पृथ्वी के घूमने की गति को धीमा कर दिया है
- स्नो वर्ल्ड हैदराबाद (Snow World Hyderabad)- भारत का बर्फ से बना हुआ सबसे बड़ा पार्क
- बास्टॉय जेल (Bastoy Prison)- दुनिया की सबसे आलीशान जेल
- गढ़कुंडार किला (Garh kundar Fort)- जहाँ से 50 लोगों की एक पूरी बारात गायब हो गई थी
- जतिंगा गांव (Jatinga Village)- जहाँ पक्षी करते हैं सामूहिक आत्महत्या
केदारेश्वर गुफा मंदिर भारत के महाराष्ट्र मे अहमदनगर जिले मे हरिश्चंद्र पहाड़ी मे स्थित है| इस मंदिर के रहस्यों ने भौतिक विज्ञान के नियम कानून को भी हिला दिया है| इस मंदिर का रहस्य और आलोकिक सुंदरता भारी संख्या मे भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है|
इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य ये है की ये केवल एक स्तम्भ पर खड़ा हुआ है| ऐसा माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण 6वीं शताब्दी में कलचुरी राजवंश द्वारा करवाया गया था लेकिन इस गुफा की खोज 11वीं शताब्दी में की गई थी|
इस चमत्कारिक मंदिर के 3 स्तम्भ टूटे हुए हैं और ऐसा माना जाता है की ये 3 टूटे हुए स्तम्भ सतयुग, त्रेता युग और द्वापर युग को दर्शाता है| चूंकि ये 3 युग बीत चुके हैं और इसीलिए इन को दर्शाने वाले ये तीनों स्तंभ भी टूटे हुए हैं|
लेकिन जिस 1 स्तम्भ पर पूरा मंदिर टिका हुआ है वो कलयुग को दर्शाता है और इसीलिए ऐसा माना जाता है की जिस भी दिन ये चौथा स्तम्भ टूटेगा कलयुग उसी दिन पूरी तरह समाप्त हो जाएगा| यहाँ का न केवल मंदिर बल्कि यहाँ का शिवलिंग भी बेहद चमत्कारिक है|
ये एक प्राकृतिक रूप से निर्मित शिवलिंग है जो लगभग 4,671 फीट यानी की लगभग 1,424 मीटर की ऊँचाई पर स्थापित है| इस मंदिर मे 3 प्राचीन गुफ़ाएं बनी हुई हैं| दाहिनी गुफा जो पूरी तरह बर्फ के सामान ठंडे पानी से भरी हुई है और इसी गुफा मे पानी के बीचों बीच ये 5 फीट का अद्भुत शिवलिंग स्थापित है|
गर्मियों मे ये इस कुंड का जल जितना ठंडा रहता है सर्दियों मे उतना ही गुनगुना हो जाता है| इस कुंड के जल को बेहद ही पवित्र माना गया है| मान्यता है की इस कुंड मे स्नान करने से मनुष्य के सभी कष्टऔर पांप धुल जाते हैं|
ये मंदिर आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम है| इस मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको ट्रेकिंग भी करनी पड़ेगी| ये अद्भुत मंदिर प्राचीन समय से असंख्य भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है|
बारिश के दिनों मे जब गुफा के अंदर कुंड का जलस्तर बाढ़ जाता है तो ये शिवलिंग स्वतः अपने स्थान से ऊपर उठ जाता है और पानी का स्तर कम होने पर स्वतः ही अपनी जगह पर आ जाता है| रहस्यों और चमत्कारों से घिरी ऐसी धार्मिक जगह आपको किसी और धर्म मे देखने को नहीं मिलेगी|
कुछ धार्मिक जानकारों का मानना है की इस पवित्र कुंड मे जल गंगा नदी से आता है| महाराष्ट्र स्थित ये मंदिर हिन्दुओ का एक बेहद ही पवित्र तीर्थ स्थान है| जो लोग भगवान के दर्शन के साथ साथ ट्रेकिंग का भी लुत्फ उठाना चाहते हैं उनको इस मंदिर मे जरूर आना चाहिए|
हरे भरे जंगलों के बीच स्थित ये मंदिर प्रकृति प्रेमियों को गदगद कर देगा| यह मंदिर एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर है जो हरिश्चंद्र पहाड़ी पर स्थित है| हरिश्चंद्र पहाड़ी मानसून के समय बहुत ही सुंदर दिखती है| साफ पानी के बहते सुंदर झरने और हरे भरे पेड़ पौधे आपकी ट्रेकिंग को रोमांचक बना देंगे|
मानसून मे ट्रेकिंग करना थोड़ा मुश्किल और रिस्की हो सकता है लेकिन ये ट्रेकिंग आपको जीवन पर्यंत याद रहेगी| ये पूरा परिसर धर्म प्रेमियों, प्रकृति प्रेमियों और इतिहास प्रेमियों के लिए एक उत्तम जगह है| कई वैज्ञानिकों ने इस मंदिर के खंभे को लेकर कुछ रिसर्च किए लेकिन उनको आजतक कुछ भी हासिल नहीं हुआ|
इतिहासकारों की माने तो महान ऋषि और शिवभक्त चांगदेव ने इस मंदिर मे ध्यान किया था और 14वीं शताब्दी में प्रसिद्ध ग्रंथ तत्वसार की भी रचना की थी| मंदिर परिसर के बाहर ऋषि चांगदेव द्वारा देवनागरी लिपि में लिखित एक शिलालेख भी देखने को मिलेगा|
इस मंदिर का वर्णन आपको प्राचीन ग्रंथ जैसे मत्स्यपुराण, अग्निपुराण और स्कंदपुराण मे भी मिलता है| इस मंदिर की दीवारों से हमेश जल रिसता है| ये पूरा परिसर कुछ समय के लिए मुगलों के नियंत्रण मे भी था|
अगर आप अपने जीवन की रोज रोज की दिनचर्या से बोर हो चुके हैं और थोड़ा एडवेंचर करके प्राकृतिक सुंदरता के बीच मन को पूरी तरह शांत करना चाहते हैं तो आपको एक बार यहाँ पर जरूर आना चाहिए| ये पूरा मंदिर का परिसर आपको सकारात्मक ऊर्जा से भर देगा| इस जगह से मिला हुआ अनुभव आपको जिंदगीभर याद रहेगा|
केदारेश्वर गुफा मंदिर का इतिहास (Kedareshwar Cave Temple History)
ऐसा माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण 6वीं शताब्दी में कलचुरी राजवंश द्वारा करवाया गया था लेकिन इस गुफा की खोज 11वीं शताब्दी में की गई थी
केदारेश्वर गुफा मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन (Kedareshwar Cave Temple Nearest Railway Station)
इस मंदिर का नजदीकी रेलवे स्टेशन इगतपुरी है जो इस पहाड़ी से महज 30 किलोमीटर कई दूरी पर स्थित है| अगर आप इगतपुरी के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
केदारेश्वर गुफा मंदिर कि लोकेसन (Kedareshwar Cave Temple Location)
Q1- केदारेश्वर गुफा मंदिर कैसे पहुंचे?
A- सबसे पहले बस या कार से मालशेज घाट पहुंचे वहाँ से ये पहाड़ी मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|
Q2- ऐसा कौन सा मंदिर है जो एक खंभे पर टिका हुआ है?
A- केदारेश्वर गुफा मंदिर
Q3- केदारेश्वर गुफा किस राज्य में है?
A- महाराष्ट्र राज्य के अहमदनगर जिले मे
Q4- हरिश्चंद्रगढ़ पर चढ़ने में कितना समय लगता है?
A- लगभग 3 घंटे का समय
Q5- हरिश्चंद्रगढ़ शिवलिंग का इतिहास क्या है?
A- इसका निर्माण 6वीं शताब्दी में कलचुरी राजवंश द्वारा करवाया गया था|
Q6- किस मंदिर में केवल एक स्तंभ है?
A- केदारेश्वर गुफा मंदिर मे|
Q7- हरिश्चंद्रेश्वर मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
A- कलचुरी राजवंश ने