Bhimkund: भारत मे सबसे ज्यादा हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग है और हिन्दू धर्म मे नदियां, तालाब और कुंडों का अत्यधिक महत्व है| हमारे देश मे एक से बढ़कर एक प्राचीन कुंड हैं जिनका इतिहास कई सदियों पुराना है| उन्ही मे से एक है मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले मे बाजना गाँव मे स्थित भीमकुंड|
इनके बारे में भी जाने:
- मौफलांग के पवित्र जंगल (Mawphlang Sacred Forest)- एक रहस्यमयी जंगल जहां से आप टूटा हुआ एक पत्ता भी बाहर नहीं ले जा सकते
- मुरथल (Murthal)- अपने स्वादिष्ट पराठों के लिए मशहूर हरियाणा का एक गाँव
- कोडिन्ही गांव (Kodinhi Village)- जहाँ हर घर मे जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं
- कुंभलगढ़ किले की दीवार (Kumbhalgarh Fort Wall)- भारत की सबसे बड़ी दीवार
- ऑरोविले शहर (Auroville City)- भारत का एक ऐसा शहर जहां रहना और खाना फ्री है
भीमकुंड का इतिहास महाभारत के समय से जुड़ा हुआ है| भीमकुंड का जल पूरी तरह नीले कलर का प्रतीत होता है इसलिए इसे नीलकुंड भी कहा जाता है| महाभारत काल मे निर्मित ये एक बेहद रहस्यमयी कुंड है और उतनी ही ज्यादा रोचक इस कुंड के बनाने की कहानी है| छतरपुर से इस कुंड की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है|
ऐसा माना जाता है की पांडव अपने अज्ञातवास के दौरान इस कुंड के पास स्थित घने जंगलों से गुजर रहे थे तभी द्रोपदी को प्यास लगी| पांचों पांडव जल की तलाश मे उस घने जंगल मे निकल पड़े लेकिन जल का दूर दूर तक नामोनिशान नहीं था|
जब आस पास जल का पता नहीं चलता तो धर्मराज युधिष्ठिर अपने छोटे भाई नकुल को बोलते हैं की वो अपनी विद्या का इस्तेमाल करके आस पास भूमिगत जल का पता लगाए| नकुल अपनी विद्या का इस्तेमाल करके घूम घूम कर पृथ्वी के गर्भ मे छिपे जल का पता लगाते हैं|
संयोगवश नकुल को एक जगह मिलती है जहाँ पर जल मिलने की संभावना रहती है लेकिन दिक्कत ये होती है की धरती के नीचे दबे हुए पानी के स्त्रोत को ऊपर कैसे लाया जाए? तभी बलशाली भीम अपनी विशाल गदा उठाते हैं और नकुल के द्वारा बताए गए जगह पर प्रहार कर देते हैं|
प्रहार होते ही भूमि पर एक बहुत ही बड़ा छेद बनता है और नीचे स्थित जल भी दिखने लगता है लेकिन कथा के अनुसार वो जल 30 फीट नीचे रहता है| अब पांडवों के सामने एक और विपदा आन पड़ती है की 30 फीट नीचे जल तक पहुँचने का साधन कैसे बनाया जाए?
यहाँ पर एक बार फिर से धर्मराज युधिष्ठिर धनुर्धर अर्जुन को बोलते हैं की ही अर्जुन तुम अपनी धनुर्विद्या का उपयोग करके जल तक पहुँचने का रास्ता तैयार करो| अर्जुन अपने धनुष और बाणों का प्रयोग करके इस जल तक पहुँचने के लिए एक सीढ़ी का निर्माण कर देते हैं और इस प्रकार द्रोपदी उस जल स्त्रोत तक पहुँच जाती हैं|
इस कुंड की चौड़ाई 40-80 मीटर है जो देखने मे आपको ये कुंड एक गदा के जैसे प्रतीत होगा| इस कुंड का जल गंगा जल के समान है जो कभी भी खराब नहीं होता| यह एक बेहद चमत्कारिक कुंड है जिसकी गहराई आज तक पता नहीं की जा सकी है| जो भी इस कुंड मे एक बार डूब जाता है उसके डेड बॉडी कभी भी बाहर नहीं आ पाती|
इस कुंड का जल बेहद औषधीय और अत्यंत मीठा है| इस कुंड के थोड़े पानी से ही आपकी प्याजह बुझ जाएगी| कई गोताखोरों और विशेषज्ञों ने इस कुंड की गहराई पता लगाने का बहुत प्रयास किया लेकिन वो सभी असफल रहे|
डिस्कवरी चैनल की टीम और जर्मनी के गोताखोर भी यहाँ पर अपने अपने उपकरण लेकर उतरें लेकिन उनकी पूरी कोशिश बेकार गई और अभी भी इस कुंड के गहराई का रहस्य अनसुलझा ही है| डिस्कवरी चैनल की टीम कुंड मे 370 मीटर तक गई वहीं जर्मन गोताखोरों का कहना था की 250 फुट की इस कुंड की गहराई मे कुछ अनोखे जीव और और गुप्त रास्ते बने हुए हैं|
जब ये सारे प्राइवेट कंपनी इस कुंड के तल पता लगाने मे फेल हो गईं तो सरकार ने पंप की सहायता से इसका सारा जल निकालकर इसकी गहराई जानने का प्रयास किया लेकिन पंप से बाहर पानी निकालने के बाद भी इस कुंड का जलस्तर ज्यों का त्यों बना रहा|
दुनियाभर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस विषय पर भी जांच कर रहे थे की इस कुंड मे पानी आखिर कहाँ से आता है और उनकी ये रिसर्च भी बेकार गई| आमतौर पर ठहर हुआ जल बदबू करने लगता है लेकिन इस कुंड का जल आपको हमेशा ताजा और मीठा मिलेगा|
वैज्ञानिकों का एक दूसरा मत ये भी है की इस कुंड के तार नीचे ही नीचे समुद्र से जुड़े हुए हैं लेकिन सोचने वाली बात है की समुद्र का पानी तो खारा रहता है और इस कुंड का पानी मीठा है| अगर ये कुंड समुद्र से जुड़ा हुआ है तो इसका भी जल खारा होना चाहिए|
भीमकुंड की एक विशेषता ये भी है की जब भी देश दुनिया पर कोई प्राकृतिक आपदा आने वाली होती है ये कुंड उस आपदा का संकेत देने लगता है| आपदा के आने के पहले इस कुंड का पानी कई मीटर तक उछाल मारता है| जब देश मे सुनामी आई थी तब यहाँ की लहरे 10 फुट तक उछाल मारा था|
इस कुंड का एक और रहस्य ये भी है की इस कुंड का जलस्तर कभी भी कम नहीं होता| आस पास बने आश्रमों मे इसी कुंड से पानी की सप्लाइ की जाती है वो भी ठंडी गर्मी बराबर| गर्मी के दिनों मे भी इस कुंड का जलस्तर आम दिनों के जैसे ही रहता है|
ऐसा भी माना जाता है की इस कुंड की तलहटी मे 2 विशाल कुएं स्थित हैं| एक से पानी इस कुंड मे आता है और दूसरे से वापस चला जाता है| पानी के बाहर और अंदर जाने की गति बहुत तेज रहती है|
ये कुंड चारों तरफ से एक गुफा से घिरा हुआ है और सूर्य की किरण ऊपर के कटाव से कुंड मे आती है जिससे इस कुंड मे एक सुंदर इंद्रधनुष का निर्माण होता है| इस कुंड पर हर संक्रांति मे मेले का आयोजन भी होता है|
2 जनवरी 2024 को इस अथाह गहराई वाले कुंड मे कानपुर के एक युवक जिसका नाम था रिजु शंकर चौरसिया की डूबने से जान चली गई थी| प्रशासन ने लगातार 5 दिनों तक उस युवक का शव ढूँढने का प्रयास किया लेकिन उस युवक का पता नहीं चला|
यहाँ तक की भोपाल से आई एनडीआरएफ की टीम के 18 सदस्यों की टीम ने रिजु शंकर को ढूँढने का फैसला लिया लेकिन गहराई मे वो भी 95 फुट के नीचे नहीं जा पाए| गोताखोरों का मानना था की गहराई मे पानी की गति बहुत तेज हो जाती है और वो नीचे की ओर खींचने लगता है| और फिर रिजुशंकर के परिवार वालों को यहाँ से खाली हाँथ लौटना पड़ा|
इस घटना के बाद प्रशासन ने इस कुंड पर स्नान करने पर पूर्णतया रोक लगा दी है| चूंकि ये एक पवित्र जगह है और पर्यटक दूर दूर से इस कुंड को देखने और इसमे स्नान करने आते हैं इसलिए प्रशासन ने नहाने के लिए भीमकुंड के नजदीक ही एक वैकल्पिक कुंड तैयार किया है जहाँ पर आम जनता डुबकी लगा सकती है|
हाल ही के दिनों मे इस कुंड मे सरकार की तरफ से कुछ विकास कार्य भी किए गए हैं जिनकी लागत करीब 3 करोड़ 72 लाख थी|
इन पैसों से यहाँ पर नहाने के लिए दो कुंड, महिला-पुरुषों के लिए दो अलग स्नानागार, कुंड के चारों ओर बाउंड्रीवॉल, पहुंच मार्ग, शौचालय, पार्क का निर्माण, स्नानगार में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था, सेल्फी प्वाइंट, कुंड परिसर में आदि सौंदर्यीकरण का कार्य हुआ है।
भीमकुंड की गहराई (Bhimkund Depth)
भीमकुंड की गहराई कितनी है इसका पता आज तक नहीं चल पाया है|
भीमकुंड का रहस्य (Bhimkund Mystery)
भीमकुंड मे एक नहीं बल्कि कई रहस्य निहित हैं| इस कुंड की गहराई का पता आजतक नहीं चल पाया है, दूसरा इस कुंड मे पानी कहाँ से आता है इसका भी पता आजतक नहीं चल पाया है|
तीसरा कुंड का पानी जमा हुआ है बहता हुआ नहीं है फिर भी ये कभी बदबू नहीं करता और चौथा जब भी देश दुनिया पर कोई प्राकृतिक आपदा होने को होती है तो ये कुंड उस आपदा का संकेत दे देता है|
भीमकुंड घूमने का सबसे अच्छा समय (Best Time To Visit Bhimkund)
भीमकुंड घूमने का सबसे अच्छा समय फरवरी से जून और अक्टूबर से नवम्बर के बीच का है|
भीमकुंड कैसे पहुँचें (How To Reach Bhimkund)
भीमकुंड का नजदीकी रेलवे स्टेशन यहाँ से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित छतरपुर शहर का रेलवे स्टेशन है और नजदीकी हवाई अड्डा लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खजुराहो का हवाई अड्डा है| अगर आप छतरपुर के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
भीमकुंड की photos (Bhimkund Photos)
भीमकुंड का मैप (Bhimkund Map)
Q1- भीमकुंड की गहराई क्या है?
A- वैज्ञानिक आजतक इस कुंड की गहराई नहीं नाप पाए हैं|
Q2- क्या भीमकुंड समुद्र से जुड़ा है?
A- नहीं
Q3- भीमकुंड का रहस्य क्या है?
A- भीमकुंड मे एक नहीं बल्कि कई रहस्य निहित हैं| इस कुंड की गहराई का पता आजतक नहीं चल पाया है, दूसरा इस कुंड मे पानी कहाँ से आता है इसका भी पता आजतक नहीं चल पाया है, तीसरा कुंड का पानी जमा हुआ है बहता हुआ नहीं है फिर भी ये कभी बदबू नहीं करता और चौथा जब भी देश दुनिया पर कोई प्राकृतिक आपदा होने को होती है तो ये कुंड उस आपदा का संकेत दे देता है|
Q4- भीमकुंड का पानी नीला क्यों होता है?
A- ये भी आतजतक एक रहस्य ही है
Q5- भीमकुंड का आकार कैसा है?
A- गदे के जैसा