Ajgar Dadar: सच्चाई के चश्मे से अगर आप देखेँगे तो आप यही पाएंगे की जंगल, प्रकृति और जंगली जानवरों का जितना नुकसान मानव जाति ने किया है उतना शायद किसी ने नहीं किया| यही कारण है की जंगली जानवर इंसानों की बस्ती मे घुसकर उन पर हमला करते हैं|
लेकिन इसके उलट मध्य प्रदेश के मंडला जिले मे स्थित अजगर दादर एक ऐसा एरिया है जहाँ पर एक पूरी बस्ती को ही अजगरों के लिए ही पूरा समर्पित कर दिया गया है|
इनके बारे में भी जाने:
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- अढ़ाई दिन का झोपड़ा (Adhai Din Ka Jhopra)- मंदिर और स्कूल को तोड़कर बनी एक मस्जिद
अजगर दादर मे कदम कदम पर आपको अजगर देखने को मिलेंगे| कोइ कोई अजगर तो आपकी सोच से भी बड़ा होगा| अजगर दादर क्षेत्र मे अजगर 4 फिट से लेकर 15 फिट तक लंबे हो सकते हैं|
इस गाँव मे अजगर पूरी आजादी से सांस लेते है, चारों दिशाओं मे भ्रमण करते हैं, कीट पतंगों का शिकार करते हैं और पूरे ठंड के मौसम मे चट्टानों के ऊपर बैठकर आनंद से धूप सेकते हैं जिन्हे देखने मे बड़ा ही रोचक लगता है| इस अजगरों के गाँव को देखने के लिए दूर दूर से पर्यटक अजगर दादर पहुंचते हैं|
मंडला शहर से 30 किलोमीटर दूर ककैया गांव में ये एक 2 एकड़ लगभग 1.5 हेक्टेयर मे फैली जगह है जो जमीन से 40 फीट की गहराई मे स्थित है| इस पूरे 2 एकड़ के क्षेत्र पर अजगरों का पूर्णतया कब्जा है| इस 2 एकड़ मे बिल है, बड़ी बड़ी चट्टानें हैं और गुफ़ाएं भी हैं और इन सभी जगहों पर आपको अजगरों का बसेरा देखने को मिलेगा|
अगर आप किसी भी चिड़ियाघर मे जाते हैं तो हो सकता है आपको 1 या 2 अजगर देखने को मिलें लेकिन अजगर दादर मे आप कई छोटे, माध्यम और बड़े अजगर एक साथ देख सकते हैं| अजगर दादर में डोलोमाइट की करीब 30 प्राचीन गुफाएं हैं और इन्हीं 30 गुफाओं मे अजगर रहते हैं|
अजगर दादर मे पाए जाने वाले अजगर इंडियन रॉक पाइथन प्रजाति के होते हैं| ठंड के दिनों मे ये सारे अजगर सुबर 8 से दोपहर 12 बजे तक धूप सेंकने के लिए अपनी अपनी गुफाओं से बाहर निकलते हैं|
यहाँ पर रहने वाले अजगरों को ग्रामीणों से कोइ भी डर नहीं नही लगता और ना ही ग्रामीनो को अजगरों से डर लगता है| ग्रामीणों ने अजगरों को अपने परिवार का हिस्सा बना लिया है औरे ये ग्रामीण इन अजगरों की सुरक्षा पूरी तन्मयता से करते हैं| अजगर दादर को 2014 मे ही मीडिया जगत मे पहचान मिली है|
अगर वन विभाग की माने तो आज की तारीख मे अजगर दादर मे लगभग 1000-2000 अजगर है जिनको एक साथ देखना किसी आश्चर्य से कम नहीं हैं| अजगर दादर मे घूमने का सबसे अच्छा समय ठंड के दिनों मे मतलब नवम्बर से फरवरी के बीच होता है| और इन्ही दिनों मे कान्हा किसली मे भी पर्यटकों की भीड़ रहती है|
आमतौर पर अजगर 1.5 मीटर से 10 मीटर तक लंबे होते हैं और उनका वज़न 20 से 90 किलो तक हो सकता है|
अगर सरकार अजगर दादर को विकसित करने मे थोड़ा ध्यान दे तो कान्हा किसली आए हुए पर्यटकों को अजगर दादर तक आसानी से खींचा जा सकता है| जब तक सरकारें और अधिकारी इस क्षेत्र का ध्यान नहीं देंगे अजगरों और अजगरों को देखने आने वाले पर्यटकों को विश्व स्तर की सुविधाएं नहीं मिल पायेंगी|
अजगर दादर मे समय समय पर स्कूलों के बच्चों को यहाँ का भ्रमण कराया जाता है ताकि ये बच्चे थोड़ा किताबी ज्ञान से हटकर यहाँ आकर प्रकृति का संरक्षण, जानवरों को बचाना और पर्यावरण को बचाने की शिक्षा ले सकें| यहाँ पर कैंप लगाकर बच्चों को जंगलों की सुरक्षा और उनके महत्व के बारे मे बताया जाता है|
अब सवाल ये आता है की अजगर दादर मे इतने सारे अजगर आए कहाँ से? हुआ ये थे की साल 1926 मे यहाँ पर एक बहुत भयानक जानलेवा बाढ़ आई थी और इसी बाढ़ के कारण बहुत ज्यादा मात्रा मे मिट्टी बह जाने से ये पूरा क्षेत्र खोखला हो गया जिसके कारण यहाँ पर एक विशाल गड्ढा बन गया|
गड्ढा बन जाने से इसमे तरह तरह के छोटे जानवरों ने इस जगह पर रहना शुरू किया जैसे चूहे, गिलहरी, चिड़िया, टिड्डे और खरगोश और अन्य जीव| भोजन की तलाश मे आस पास भटक रहे अजगरों को इस गड्ढे मे भरपेट भोजन मिलता था|
इस तरह धीरे धीरे यहाँ पर कई अन्य अजगरों का भी भोजन कई तलाश मे आना चालू हुआ और फिर अजगरों ने इसे अपना बसेरा बना लिए| कान्हा किसली से मात्र 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ये जगह बेशक एक रोचक जगह है| लेकिन सरकारों की उदासीनता कि वजह से यहाँ पर पर्यटकों के पहुँचने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित नहीं हो पा रहा|
अगर सरकारें ध्यान दे तो इस क्षेत्र को विकसित करके स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के साधन बनाये जा सकते हैं| अगर आप प्रकृति और जानवर प्रेमी हैं और आपका आगमन कान्हा किसली आना हो तो तो कुछ समय निकाल कर इस अजगरों की बस्ती को जरूर देखेँ| इतने सारे अजगरों के साथ देखना आपके जीवन का सबसे रोमांचक पल होगा|
अजगर दादर का रिव्यू (Ajgar Dadar Review)
प्रकृति प्रेमियों और जानवर प्रेमियों के लिए ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है| अपने आस पास आपको हो सकता है इक्का दुक्का ही अजगर दिखें हों लेकिन यहाँ पर अजगरों के एक पूरे गाँव को देखना बहुत ही रोचक है|
अजगर दादर कैसे पहुँचें (How To Reach Ajgar Dadar)
अजगर दादर के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन यहाँ से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जबलपुर रेलवे स्टेशन है वहीं नजदीकी हवाई अड्डा 123 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जबलपुर का हवाई अड्डा है| अगर आप जबलपुर के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
अजगर दादर की फ़ोटोज़ (Ajgar Dadar Photos)
अजगर दादर का मैप (Ajgar Dadar Map)
Q1- अजगर दादर मे कुल कितने अजगर हैं?
A- 1000-2000 अजगर
Q2- अजगर दादर मध्य प्रदेश के किस जिले मे आता है?
A- मंडला मे
Q3- अजगर दादर कितने एकड़ मे फैला हुआ है?
A- 2 एकड़ मे
Q4- अजगर दादर किसलिए मशहूर है?
A- यहाँ पर अजगर भारी संख्या मे पाए जाते हैं|
Q5- अजगर दादर मे किस प्रजाति के अजगर पाए जाते हैं?
A- इंडियन रॉक पाइथन प्रजाति