Airavatesvara Temple Kumbakonam: हमारे देश की सरकारों ने आंखे बंद करके मुग़लों और ताज महल का गुणगान किया है लेकिन अगर आप जब पूरे देश का भ्रमण करेंगे तो आप ताज महल से कई गुना ज्यादा सुंदर और आश्चर्यचकित कर देंने वाले हिन्दू मंदिरों को देखने को पाएंगें|
उन्ही मंदिरों मे से एक है तमिलनाडु के तंजावूर जिले मे कुंभकोणम का 800 साल पुराना देवाधिदेव महादेव को समर्पित “ऐरावतेश्वर मंदिर”|
इस अद्भुत और आलोकिक मंदिर का निर्माण 1143-1173 ई. के बीच में हुआ था| इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता ये है की इस मंदिर की सीढ़ियों से हर कदम पर आपको सातों संगीतमय स्वरों “सा, रे, गा, मा, पा, ध, नि और सा” की ध्वनि उत्पन्न होती सुनाई देगी| इस मंदिर की वास्तु और डिजाइन आपको दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर कर देगी|
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ऐरावतेश्वर मंदिर कुंभकोणम (Airavatesvara Temple Kumbakonam) मे भगवान भोलेनाथ को ऐरावतेश्वर के नाम से पूजा जाता है क्यूँ की ऐसा माना जाता है की इंद्र देव का वाहन सफेद ऐरावत हाथी ने इस जगह पर महादेव की पूजा की थी इसलिए इस शिवलिंग को ऐरावतेश्वर के नाम से जाना जाता है| द्रविड शैली मे बना ये मंदिर अपने सुंदर नक्काशी के लिए जाना जाता है|
इस मंदिर मे आपको भगवान भोलेनाथ के अलावा अन्य कई देवी देवताओं के भी दर्शन करने का मौका मिलेगा| वर्ष 2004 मे इस सुंदर मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल मे भी शामिल किया गया| इस मंदिर का निर्माण राजराजा चोल द्वितीय के करवाया था| इस मंदिर के उत्तर मे एक छोटा सा मंदिर है जो माता पार्वती को समर्पित है जिसे पेरिया नायकी अम्मन कहा जाता है|
14 एकड़ मे फैले इस मंदिर के स्तम्भ 80 फीट ऊंचे हैं| ऐसी मान्यता है की ऐरावत हाथी को ऋषि दुर्वासा ने अपना असली शारीरिक रंग खो देने का श्राप दिया था तब ऐरावत हाथी ने इस मंदिर मे आकर इसके पवित्र जल मे स्नान करके यहाँ पर स्थापित शिवलिंग की पूजा की थी और अपने असली रंग रूप को प्राप्त किया था|
ऐरावत हाथी के अलावा मृत्यु के देवता यम को भी एक ऋषि के श्राप की वजह से पूरे शरीर मे जलन होने लगी थी| यम ने भी इस मंदिर मे आकर स्नान करके शिवलिंग की पूजा आराधना की थी और इस जलन से मुक्ति पाई थी| चूंकि यम ने यहाँ पर पूजा अर्चना की थी इसलिए इस मंदिर मे आपको यम की भी मूर्ति देखने को मिलेगी|
इतने पुराने मंदिर का अब तक कई बार जीर्णोद्धार हो चुका है| इस मंदिर मे कई त्योहार जैसे महा शिवरात्रि, पंगुनी उथिरम और अरुद्र दर्शन बाड़ी धूम धाम से मनाए जाते हैं| ये मंदिर तमिलनाडु और भारत सरकार की एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर है| प्राचीन समय मे इस मंदिर मे 7 प्रांगण थी जो अब वर्तमान समय मे केवल 1 बचा है|
ऐरावतेश्वर मंदिर कुंभकोणम (Airavatesvara Temple Kumbakonam) का मंडप और छत दोनों ही बेहद खूबसूरत हैं| ऐरावतेश्वर मंदिर को एक रथ के अनुसार बनाया गया है। इस मंदिर मे आपको कई प्राचीन शिलालेख देखने को मिलेंगे| इस मंदिर मे स्थित जिस तालाब मे ऐरावत और यम ने डुबकी लगाई थी उस तालाब को वर्तमान समय मे यमतीर्थम के नाम से जाना जाता है|
ये मंदिर 1954 से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है| 18 हिन्दू मंदिर जो मध्यकालीन युग मे ने थे ये मंदिर उन्ही 18 मे से एक है| ये मंदिर चोल राजवंश की एक महान उपलब्धि है| अगर आप इस मंदिर मे दर्शन करना चाहते हैं तो आपको सुबह 8-12 के बीच और शाम को 4- 8 के बीच आना होगा|
ऐरावतेश्वर मंदिर कुंभकोणम (Airavatesvara Temple Kumbakonam) मे आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक है तक मौसम मे थोड़ा ठंडक रहती है| इस मंदिर मे आपको भगवान शिव के अलावा ब्रह्मा, विष्णु, दुर्गा, गंगा, यमुना, वीरभद्र , गणेश, इन्द्र, सरस्वती और लक्ष्मी सहित अन्य देवी देवताओं के छोटे और सुंदर मंदिर देखने को मिलेंगे|
ऐरावतेश्वर मंदिर कुंभकोणम (Airavatesvara Temple Kumbakonam) के आस पास आप श्वार्ट्ज चर्च, सरस्वती महल पुस्तकालय, शिव गंगा गार्डन, गंगईकोंडा चोलपुरम, कुंभकोणम, पुन्नैनल्लुर मरिअम्मन मंदिर और थिरुवयारु घूम सकते हैं|
ये मंदिर सनातन धर्म के एकल बेहद प्राचीन और पवित्र मंदिर है जो अपने समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है| हर एक सनातनी को इस मंदिर मे एक बार जरूर आना चाहिए और इसके समृद्ध इतिहास और वास्तु को देखना चाहिए||
ऐरावतेश्वर मंदिर कुंभकोणम (Airavatesvara Temple Kumbakonam) कैसे पहुंचे?
अगर आप वायु मार्ग से ऐरावतेश्वर मंदिर पहुंचना चाहते हैं तो आपको यहाँ से 80 किलोंमीटर की दूरी पर स्थित त्रिची हवाई अड्डे मे उतरना होगा| तरिची से आप ट्रेन, बस या कैब लेकर कुंभकोणम पहुँच सकते हैं| अगर आप त्रिची के लिए फ्लाइट टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पास क्लिक करें|
अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो कुंभकोणम का खुद का रेलवे स्टेशन है जो आस पास के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है|
Q1- ऐरावतेश्वर मंदिर कहाँ स्थित है?
A- तमिलनाडु के तंजावूर जिले मे कुंभकोणम
Q2- ऐरावतेश्वर मंदिर कितने साल पुराना है?
A- 800 साल
Q3- ऐरावतेश्वर मंदिर किस भगवान को समर्पित है?
A- देवों के देव महादेव को
Q4- ऐरावतेश्वर मंदिर निर्माण कब हुआ था?
A- 1173 ई. मे
Q5- ऐरावतेश्वर मंदिर को कब यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल मे शामिल किया गया था?
A- 2004 मे
Q6- ऐरावतेश्वर मंदिर कब से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है?
A- 1954 से
Q7- ऐरावतेश्वर मंदिर कितने एकड़ मे बना हुआ है?
A- 14 एकड़ मे
Q8- ऐरावतेश्वर मंदिर मे स्थित स्तम्भ की ऊंचाई कितनी है?
A- 80 फीट
Q9- ऐरावतेश्वर मंदिर मे स्थित तालाब का नाम क्या है?
A- यमतीर्थम
Q10- ऐरावतेश्वर मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
A- राजा राजराजा चोल द्वितीय ने