Chhatarpur Temple Delhi: वर्तमान समय मे दिल्ली के छतरपुर क्षेत्र मे स्थित ये विशाल मंदिर माँ दुर्गा के छटवें रूप माता कात्यायनी को समर्पित है| छतरपुर क्षेत्र मे स्थित होने के कारण इसे छतरपुर मंदिर कहते हैं इसके अलावा इसे आद्या कात्यायिनी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है|
70 एकड़ मे फैला ये मंदिर वर्ष 2005 तक दिल्ली का सबसे बड़ा मंदिर था लेकिन अक्षरधाम के निर्माण के बाद ये मंदिर अब दूसरे नंबर पर आ गया है| इस मंदिर का निर्माण कन्नड संत बाबा नागपाल ने किया था जो कर्नाटका से यहाँ पर आए थे|
इस मंदिर के निर्माण की शुरुआत 1974 से की गई थी और 1998 मे जब बाबा नागपाल मृत्यु को प्राप्त हुए उसके पहले ही ये मंदिर पूरी तरह बन चुका था| सुंदर संगमरमर से चमचमाते इस मंदिर को बनाने मे द्रविड़ और नागर शैलियों का प्रयोग हुआ है|
माता कात्यायनी का शृंगार रोज सुबह 3 बजे चालू हो जाता है| माता के शृंगार के लिए हर तरह के रंग बिरंगे फूलों से सजी माला दक्षिण भारत से बाया फ्लाइट मंगवायी जाती है| आपको हर दिन माता का नया शृंगार देखने को मिलेगा| माता के शृंगार मे इस्तेमाल हुए वस्त्र, गहने और माला का इस्तेमाल केवल एक ही बार होता है|
अद्भुत शृंगार से सुशोभित माता का अद्वितीय रूप देखकर आप धन्य हो जाएंगे| इस अप्रतिम मंदिर मे आपको कई मनमोहक और हरे भरे बागीचे देखने को मिलेंगे| इस आकर्षक मंदिर मे माता कात्यायनी के दर्शन के लिए दूर दूर से भक्त आते हैं| इस विशाल और सुंदर मंदिर का संचालन “श्री आद्या कात्यायनी शक्ति पीठ मंदिर ट्रस्ट करता है”|
श्री आद्या कात्यायनी शक्ति पीठ मंदिर ट्रस्ट मंदिर परिसर से ही धर्मशाला, स्कूल, एक छोटा सा अस्पताल और एक आई.आई.टी. का परिचालन करता है। इस मंदिर की एक सबसे बड़ी विशेषता यह है की यह मंदिर गृहण मे भी आम दिनो की तरह भक्तों के लिए बराबर खुला रहता है|
नवरात्रि के 9 दिन इस मंदिर के द्वार भक्तों के लिए 24 घंटे खुले रहते हैं| इस मंदिर परिसर को 3 भागों मे बाटा गया है जिसमे 20 छोटे छोटे मंदिर भी देखने को मिलेंगे| इस मंदिर मे आपको पूर्णिमा और नवरात्रि के समय भक्तों की ज्यादा भीड़ देखने को मिलेगी|
इस मंदिर मे आपको माता दुर्गा के नव रूपों के बीचों बीच एक अद्भुत और भव्य शिवलिंग देखने को मिलेगा| इस मंदिर का सबसे प्रमुख आकर्षण माता कात्यायनी का विश्राम कक्ष है और इस विश्राम कक्ष मे आपको एक चांदी जड़ित बिस्तर और आकर्षक ड्रेसिंग टेबल भी देखने को मिलेगा|
ये विशाल मंदिर क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का छटवाँ, देश का चौथा और दिल्ली का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है| मंदिर प्रांगण मे स्थित माता कात्यायनी की मूर्ति सोने के मुलामे से निर्मित है| ये मंदिर नवरात्रों के 9 दिन के दौरान 1 लाख से अधिक लोगों को भोजन उपलब्ध कराता है|
इसके अलावा इस मंदिर एक बड़ी इमारत भी आपको मिलेगी जिसमे प्रतिदिन भंडारे का आयोजन किया जाता है|
इनके बारे में भी जाने:
- माँ शारदा मंदिर मैहर (Maa Sharda Temple Maihar)
- कालिंजर किला (Kalinjar Fort)- Biggest Fort of Bundelkhand
- पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (Pilibhit Tiger Reserve)
- कुलधरा गांव (Kuldhara Village)- India’s Most Haunted Village
- सिंधुदुर्ग किला मालवण (Sindhudurg Fort Malvan)
कौन हैं माता कात्यायनी
सनातन कथा के अनुसार एक बार महान ऋषि कात्यायन ने माता दुर्गा की तपस्या की| ऋषि की तपस्या से प्रसन्न होकर माता ने ऋषि को वरदान मांगने के लिए बोला| वरदान मे ऋषि ने माता दुर्गा से ये आग्रह किया की वो पुत्री रूप मे उनके घर मे जन्म लें|
माता ने प्रसन्नतापूर्वक ऋषि के आग्रह को स्वीकार किया और पुत्री रूप मे ऋषि के यहाँ जन्म लिया| ऋषि कात्यायन के यहाँ जन्म लेने के कारण इस कन्या का नाम कात्यायनी रखा गया है|
मंदिर मे अन्य देवी देवताओं की मूर्ति
इस भव्य मंदिर मे आपको माता कात्यायनी के अलावा विष्णु,सीता-राम मंदिर, शिव मंदिर, मां अष्टभुजी मंदिर, नागेश्वर मंदिर,हनुमान जी और गणेश जी के मंदिर देखने को मिलेंगे| इस मंदिर का सबसे मुख्य आकर्षण परिसर मे स्थापित 101 फीटऊंची पवनपुत्र हनुमान जी की मूर्ति है|
बाबा नागपाल कक्ष
इस कक्ष मे आपको बाबा नागपाल की मनमोहक और आकर्षक मोम की मूर्ति देखने को मिलेगी जिनकी प्रतिदिन पूरे नियम कायदे से पूजा की जाती है|
छतरपुर मंदिर (Chhatarpur Temple Delhi) के अन्य आकर्षण
इस मंदिर मे आपको 2 प्रमुख आकर्षण और देखने को मिलेंगे| पहला आकर्षण है बड़े कछुए के ऊपर स्थापित एक विशालकाय त्रिसूल और इसी कछुए के नजदीक स्थित है एक विशालकाय दरवाजा और उसमे जड़ा एक बड़ा ताला|
मंदिर घूमने का सही समय
इस मंदिर मे घूमने का सही समय दशहरा, महाशिवरात्रि और जन्माष्टमी मे होता है| इन त्योहारों मे इस मंदिर मे विशेष पूजा और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है|
भक्तों के रिव्यू
इस मंदिर मे नियमित दर्शन करने वाले भक्त बताते हैं की माता ने यहाँ आए भक्तों के जीवन मे एक से बढ़कर एक चमत्कार दिखाए हैं| इस मंदिर मे आई कई कुंवारी कन्याओं को उनके मन के मुताबिक वर मिले हैं और कई महिलाओं की सूनी गोद भी माता ने भरी है|
स मंदिर मे आपको एक प्राचीन पीपल का पेड़ भी देखने को मिलेगा| इस पेड़ मे मन्नत पूरी होने के लिए भक्त धागे बांधते हैं|
3डी’ बजरंगबली के दर्शन
इस मंदिर मे आप 101 फीट ऊंचे हनुमान जी के दर्शन 3 D मे कर सकते हैं| 3 D दर्शन यहाँ पर 2019 से चालू हुआ है| इस शो मे आपको सतरंगी लाइट के साथ साथ अमिताभ बच्चन की आवाज मे हनुमान चालीसा भी सुनने को मिलेगी|
पवनपुत्र की इस विशाल मूर्ति के ऊपर 30 हज़ार ल्यूमन के लेजर प्रोजेक्टर से हाई इंटेंसिटी लाइट डाली जाती है| इस शो की अवधि 11 मिनट की होती है| ये 3D शो आपको हफ्ते मे 3 दिन मंगलवार, शनिवार और रविवार को शाम के 7,8 और 9 बजे देखने को मिलेगा|
छतरपुर मंदिर के नजदीक मेट्रो स्टेशन (Chhatarpur Temple Delhi Nearest Metro Station)
इस मंदिर तक पहुँचने के लिए सबसे नजदीक का मेट्रो स्टेशन छतरपुर का मेट्रो स्टेशन है| छतरपुर मेट्रो स्टेशन से मंदिर महज 800 मीटर की दूरी पर स्थित है|
छतरपुर मंदिर का समय (Chhatarpur Temple Delhi Timings)
छतरपुर मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 10 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है|
छतरपुर मंदिर का टिकट (Chhatarpur Temple Delhi Ticket Price)
इस मंदिर मे माता के दर्शन करने आए भक्तों के लिए कोई भी टिकट या एंट्री फीस नहीं रखी गई है|
छतरपुर मंदिर का लोकेसन (Chhatarpur Temple Delhi Location)
यह मंदिर गुंड़गांव-महरौली मार्ग के समीप छतरपुर मे विश्व प्रसिद्ध कुतुब मीनार से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| अगर आप मेट्रो से जा रहे हैं तो आपको मेट्रो स्टेशन से केवल 800 मीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी जिसे आप पैदल या ऑटो से तय कर सकते हैं| अगर आप दिल्ली के लिए फ्लाइट टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
Q1- दिल्ली छतरपुर में कौन सा मंदिर स्थापित है?
A- श्री आद्य कात्यायनी मंदिर
Q2- छतरपुर मंदिर कितने बजे खुलता है?
A- 6 बजे
Q3- दिल्ली स्थित छतरपुर मंदिर किसको समर्पित है?
A- माता कात्यायनी को
Q4- दिल्ली स्थित छतरपुर मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?
A- बाबा नागपाल ने
Q5- दिल्ली स्थित छतरपुर मंदिर मे हनुमान जी के मूर्ति की ऊँचाई कितनी है?
A- 101 फीट