डोंग घाटी (Dong Valley)- भारत की एक ऐसी घाटी जहाँ पर सबसे पहले सूरज की किरने पहुँचती हैं

Dong Valley: भारत एक गावों का देश है और देश की 70% आबादी इन्ही गाँव मे बसती है| भारत के कई गाँव अपनी अद्भुत संस्कृति और विविधता के लिए दुनिया भर मे जाने जाते हैं| भारत मे आपको एक से बढ़कर एक घाटियाँ भी देखने को मिलेगी है जो अपने सौम्यता, शांति और अप्रतिम, आलोकिक, अकल्पनीय सुंदरता के लिए दुनिया भर मे मशहूर है|

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सूर्य की किरने पृथ्वी तक पहुँचने मे 14,96,00,000 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है और इन किरणों को मात्र 8 मिनट 20 सेकंड का समय लगता है| लेकिन क्या आपको पता है की सूर्य की किरने हमारे प्यारे देश भारत मे किस जगह सबसे पहले पहुँचती हैं?

भारत मे सूर्य की किरने सबसे पहले पूर्वोत्तर स्थित अरुणांचाल प्रदेश के अंजाव जिले की खूबसूरत डोंग घाटी मे पहुँचती है| भारत मे सबसे पहले सूर्योदय डोंग घाटी मे होता है|आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे की डोंग घाटी मे सूरज की किरने सुबह 3 बजे से पहुँचना चालू कर देती हैं और 4 बजे तक इस गाँव मे पूरी तरह सबेरा हो जाता है|

इसलिए जब पूरा देश देश गहरी निद्रा मे सो रहा होता है उस समय डोंग घाटी के लोग अपने काम धंधे मे लग जाते हैं| जितना जल्दी डोंग घाटी मे सुबह होती है उतनी ही जल्दी इस गाँव मे शाम होती है| डोंग घाटी मे शाम को 4 बजे अंधेरा हो जाता है|

इसलिए जिस समय मे देश की बाकी जनता चय और नाश्ते का लुत्फ उठा रही होती है उस समय डोंग घाटी के लोग रात के खाने की तैयारी करने लगते हैं| 400-500 लोगों की आबादी वाली ये घाटी लगभग 1250 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है| अपनी अप्रतिम और अपार प्राकृतिक सुंदरता के लिए ये गाँव पूरे पूर्वोत्तर भारत मे जाना जाता है|

इस प्राकृतिक विशेषता के कारण ये गाँव देश विदेश मे अत्यधिक लोकप्रिय है| पूरी दुनिया से पर्यटक इस घाटी मे सूरज की पहली किरण को अपने कैमरे मे कैद करने पहुंचते हैं| ये एक बेहद ही खूबसूरत नजारा होता है|

अरुणांचाल प्रदेश मे घूमने के लिए ये सबसे बढ़िया जगहों मे से एक है| डोंग घाटी की वजह से ही पूरे अरुणांचाल प्रदेश को “उगते सूरज की भूमि” के नाम से जाना जाता है|

डोंग घाटी भारत,  म्यांमार और चीन सीमा के मध्य स्थित है| डोंग घाटी लोहित, ब्रह्मपुत्र और सती नदियों के संगम पर स्थित है| 1999 मे ऐसा पता चला की अरुणांचाल प्रदेश का ये गाँव सूर्य की किरणों की अनुभूति सबसे पहले करता है| इसके पहले ऐसा माना जाता था सूर्य की पहली किरण अंडमान के कटचल टापू पर पड़ती हैं.

कंचन जैसे पानी वाली नदियों का संगम, चारों तरफ दूधिया बादल और हरे भरे पहाड़ों वाला ये गाँव किसी भी ऐंगल से स्वर्ग से कम नहीं है| अगर आप इस घाटी मे सूर्य की पहली किरण का अनुभव करना चाहते हैं तो तो आपको  पहाड़ के शीर्ष मे स्थित डोंग क्रॉन्ग नामक जगह पर ट्रेक करके जाना पड़ेगा जो की लगभग 4 किलोमीटर का होगा|

आप रास्ता न भटकें इसके लिए आप ऊपर तक पहुँचने के लिए एक जानकार गाइड कर सकते हैं| अगर आप नींद के डर से पहाड़ के ऊपर रातभर रुककर सुबह सूर्य की पहली किरण देखना चाहते हैं तो आप गाइड के संरक्षण मे पहाड़ की ऊँचाई पर ठहर सकते हैं|

जैसे जैसे आप ऊँचाई पर जाएंगे तापमान कम होने लगता है और हवाएं तेज हो जाती हैं| इसलिए पहाड़ों की ऊँचाई पर जाने से पहले ठंड का पूरी तरह प्रबंध करके जाएं|

डोंग गांव एक प्रतिबंधित क्षेत्र अगर दूसरे प्रदेश के निवासी इस जगह पर आना चाहते हैं तो उनको अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई आईएलपी या इनर लाइन परमिट के लिए अप्लाई करना पड़ेगा| सूरज की पहली किरण और आस पास की सुंदरता से आप इतने ज्यादा भाव विभोर हो जाएंगे की आपको पहाड़ से नीचे आने का मन नहीं करेगा|

जब भी आप अरुणांचाल प्रदेश मे घूमने के लिए आयें इस अद्भुत और सुंदर घाटी को देखने जरूर जाएं| ये घाटी आपके रोम रोम को रोमांच और आश्चर्य से भर देगी| जितनी मेहनत से आप ऊँचाई पर चढ़ेंगे ऊपर जाकर आप अपनी सारी थकान भूल जाएंगे|

How To Reach Dong Valley

अगर आप डोंग घाटी मे आना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले डिब्रूगढ़ आना होगा| डिब्रूगढ़ मे रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा दोनों है और दोनों ही डोंग घाटी से 350 किलोमीटर दूरी पर स्थित है| अगर आप डिब्रूगढ़ के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|

Dong Valley Location

Q1- डांग घाटी (Dong Valley) कहाँ स्थित है?

A- अरुणांचाल प्रदेश के अंजाव जिले स्थित है|

Q2- डोंग वैली (Dong Valley) जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?

A- अप्रैल से जुले महीने के बीच

Q3- डोंग गांव (Dong Valley) क्यों प्रसिद्ध है?

A- भारत मे सबसे पहले सूरज इसी गाँव मे उगता है|

Q4- डोंग गांव (Dong Valley) कितनी ऊँचाई पर स्थित है?

A- 1250 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है

Q5- डोंग घाटी (Dong Valley) किन नदियों के संगम पर स्थित है?

A- लोहित, ब्रह्मपुत्र और सती नदियों के संगम पर

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