Gaivinath Temple: मुगलों और मुसलमान शासकों की हिन्दुओ और हिन्दुओ के पवित्र मंदिरों से घृणा किसी से छिपी नहीं है| मुगल शासकों मे एक, जिहादी आक्रांता औरंगजेब ने सबसे ज्यादा हिन्दू और हिन्दू मंदिरों का नुकसान किया जिसकी गवाही इतिहास भी देता है|
अगर आप इतिहास की गहराइयों मे झाँकेंगे तो आप पाएंगे की औरंगजेब ने लगभग 1000 से ज्यादा हिन्दुओ के मंदिर तोड़े और कई महत्वपूर्ण मंदिरों को तोड़कर उसकी जगह मस्जिदें बनवा दी| उन्ही 1000 मंदिरों मे से एक है मध्य प्रदेश मे मे स्थित सीमेन्ट सिटी सतना जिले के बिरसिंहपुर मे स्थित गैवीनाथ मंदिर|
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इस प्राचीन शिव मंदिर का उल्लेख पदम पुराण के पाताल खंड में भी है| यह पवित्र धाम त्रेतायुग में देवपुर कहलाता था। उस समय पर देवपुर मे राजा वीर सिंह का शासन हुआ करता था| राजा वीर सिंह महाकाल के अनन्य भक्त थे|
वो घोड़े की सवारी करके उज्जैन महाकाल के दर्शन हेतु जाया करते थे| सालों साल तक ऐसा चलता रहा लेकिन जैसे जैसे राजा वीर सिंह की उम्र ढलने लगी और वो 60 साल के होने लगे तो उन्होंने भगवान महाकाल को अपनी चिंता बताई| तब भगवान महाकाल ने राजा के स्वप्न मे आकर देवपुर मे ही बसने का वादा किया|
उस समय देवपुर मे गैवी यादव नाम का एक आदमी रहता था| भगवान महाकाल उसके घर मे बने चूल्हे से निकले लेकिन गैवी की माँ सच्चाई से अनजान थी इसलिए वो शिवलिंग को मूसर मारकर अंदर कर देती|
फिर एक बार वापस महाकाल राजा वीर सिंह के सपने मे आए और बताया की वो धरती से निकलना तो चाहते हैं लेकिन गैवी की माँ शिवलिंग को वापस जमीन मे गाड़ देती है|
जैसे ही ये बात राजा वीर सिंह को पता चली वो गैवी यादव के घर पहुंचे और उस चूल्हे की जगह पर एक शानदार मंदिर का निर्माण करवाया| उसके बाद देवों के देव महादेव भव्य शिवलिंग के रूप मे प्रकट हुए|
चूंकि ये शिवलिंग गैवी यादव के यहाँ पर प्रकट हुआ था इसलिए इस शिवलिंग को गैवीनाथ का नाम दिया गया| गैवीनाथ को उज्जैन स्थित महाकाल का ही एक रूप माना जाता है|
मंदिर के प्रमुख पुजारी विनोद कुमार गोस्वामी के अनुसार आज से 317 साल पहले 1704 में मुगल आक्रांता और इस्लामिक जिहादी औरंगजेब हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त करते करते बिरसिंहपुर आ पहुंचा और उसने इस पवित्र शिवलिंग को ध्वस्त करने का दुस्साहस किया|
कट्टर औरंगजेब के साथ उसकी कायर मुगलई सेना भी थी| औरंगजेब गर्भगृह मे घुसता है और अपनी तलवार से पवित्र शिवलिंग पर प्रहार करना चालू कर देता है| जब वो तलवार से शिवलिंग को तोड़ने मे असफल हो जाता है तो अपनी सेना को छेनी और हथोड़े से पवित्र शिवलिंग को तोड़ने का आदेश देता है|
इस पवित्र शिवलिंग पर कुल 5 प्रहार किए गए थे| जिसमे पहले प्रहार में शिवलिंग से दूध निकलता है, दूसरे प्रहार में शहद निकलती है, तीसरे प्रहार में खून निकलता है, चौथे प्रहार मे गंगाजल निकलता है|
यहाँ तो ठीक था लेकिन जैसे ही जिहादी औरंगजेब पाँचवा प्रहार करता है लाखों की संख्या में जानलेवा मधुमक्खियाँ निकलती हैं और औरंगजेब के साथ साथ उसकी मुगलई सेना के ऊपर टूट पड़ती हैं|
देखते ही देखे पूरी मुगलई सेना तितर बितर हो जाती है और मंदिर से बाहर निकलने का रास्ता ढूँढने लगती है और पूरी सेना दुम दबाकर बिरसिंहपुर छोड़ कर भाग जाती है| और तब से लेकर आज तक यहाँ पर खंडित शिवलिंग की ही पूजा होती है| शिवलिंग के 2 कटे हिस्से तो जुड़ गए हैं लेकिन आप आज भी शिवलिंग मे 3 टाकें देख सकते हैं|
इस मंदिर की ऐसी मान्यता है की आपका चारों धाम तब ही पूरा माना जाएगा जब आप चारों धाम का जल लाकर इस शिवलिंग मे अर्पित करेंगे| इस शिवलिंग पर चारों धाम का जल चढ़ाए बिना आपका चारों धाम अधूरा है|
सप्ताह मे सोमवार के दिन और सावन मे यहाँ भक्तों की बहुत भीड़ लगती है जो भोलेनाथ को बेलपत्र अर्पित करते हैं और गंगाजल से भगवान को नहलाते हैं| ये मंदिर प्रातः 5 बजे से शाम 5 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है|
सतना शहर के आस पास चित्रकूट और मैहर जैसे पवित्र तीर्थ स्थल भी है तो अगर आप बिरसिंहपुर आने का प्लान करते हैं तो आप एक साथ 3 जगहों को इक्स्प्लोर कर सकते हैं|
How To Reach Gaivinath Temple
गैवीनाथ मंदिर (Gaivinath Temple) देश के सीमेंट सिटी मध्य प्रदेश मे स्थित सतना शहर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| बिरसिंहपुर का नजदीकी रेलवे स्टेशन सतना है जो देश के बाकी शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| अगर आप सतना शहर के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
Gaivinath Temple Location
Q1- गैवीनाथ मंदिर (Gaivinath Temple) कहाँ पर स्थित है?
A- सतना जिले के बिरसिंहपुर मे
Q2- गैवीनाथ मंदिर (Gaivinath Temple) मे किस जिहादी आक्रांता ने हमला किया था?
A- मिगल शासक औरंगजेब ने
Q3- गैवीनाथ मंदिर (Gaivinath Temple) मे किस प्रकार के शिवलिंग की पूजा होती है?
A- खंडित शिवलिंग
Q4- मुगल सेना ने मंदिर (Gaivinath Temple) स्थित शिवलिंग पर कितनी बार प्रहार किया था?
A- 5 बार
Q5- किस राजा के निवेदन पर भगवान इस जगह पर प्रकट हुए थे?
A- राजा बीर सिंह के निवेदन पर
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