गढ़कुंडार किला (Garh kundar Fort)- जहाँ से 50 लोगों की एक पूरी बारात गायब हो गई थी

Garh kundar Fort: हमारे देश मे आपको छोटे और बड़े सभी किलो को मिलाकर कुल 571 किले देखने को मिलेंगे| जिनमे आपको एक से बढ़कर एक शानदार, भव्य और सुंदर किलेशामिल हैं| लेकिन मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले मे स्थित एक ऐसा किला है जो पूरी तरह रहस्यों से भरा हुआ है|

आप जानकार दंग रह जाएंगे की एक बारात से 50 लोग इस किले मे घूमने आए थे और वो पूरे 50 लोग कहाँ गायब हो गए इसका पता आजतक नहीं चल पाया है| इस घटना को जानकर आप ये कह सकते हैं की गढ़कुंडार किला पूरी दुनिया का सबसे रहस्यमयी किला है|

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गढ़कुंडार किले का इतिहास (Garh kundar Fort History)

कश्मीर से कन्याकुमारी तक आपको बहुत सारे किले देखने को मिल जाएंगे| हर किले की अपनी एक कहानी है और अपना एक इतिहास है| इन्ही किलों मे एक है भारत के दिल मध्य प्रदेश मे स्थित गढ़कुंडार किला, जो अपने इतिहास और रहस्यों को लेकर पूरे देश मे हमेशा चर्चा का विषय रहता है|

यह एक भव्य 5 मंजिला किला है जिसका निर्माण 11वीं शताब्दी मे किया गया था| इन 5 मंजिलों मे 2 मंजिलों का निर्माण जमीन के नीचे किया गया था| इतिहासकारों की माने तो ये किला 1500-2000 साल पुराना है|

इस किले का निर्माण चंदेल राजा यशोवर्मन ने नौवीं सदी में करवाया था लेकिन ऐसा माना जाता है समय समय पर यहाँ पर चंदेलों के साथ साथ बुंदेलों और खंगार जैसे कई शासकों ने इस किले मे राज किया है|

लेकिन इस किले का अधिकतम निर्माण खंगार शासनकाल में बनवाया गया था और उस समय यहाँ पर महाराज खेत सिंह खँगार का शासन था जिन्होंने इस किले पर 1182 से 1347 तक राज किया था|

हुआ ये था की वर्ष 1182 में पृथ्वीराज चौहान ने चंदेल राजा परमार्दि देव को हराकर चंदेलों की राजधानी महोबा पर कब्जा लिया था| महोबा पर कब्जा करते ही इस किले पर भी पृथ्वीराज का शासन हो गया और इस किले पर पृथ्वीराज का शासन होते ही उसने अपने खास मित्र और सेनापति खेतसिंह खंगार को गढ़कुंडार किले का किलेदार नियुक्त कर दिया|

लेकिन 10 वर्ष बाद वर्ष 1192 मे तराइन की दूसरी लड़ाई मे मुहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को हरा दिया| पृथ्वीराज चौहान के हारते ही खेतसिंह ने खुद को गढ़कुंडार का शासक घोषित कर दिया|

खंगार साम्राज्य की चार पीढ़ियों ने इस साम्राज्य को बहुत ही बेहतरीन तरीके से चलाया| खंगार साम्राज्य महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बेहद सजग रहा और बेटी पूजन जैसे कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया|

गढ़कुंडार किले की कहानी (Garh kundar Fort Story)

यह किला पूरी तरह एक भूलभुलैया है अगर सही जानकारी ना होने पर आप अंदर तक जाएंगे तो निश्चित तौर पर आप इस किले की भूलभुलैया मे भटकते रहेंगे| ऊंची पहाड़ी पर बना ये किला एक हेक्टेयर से अधिक वर्गाकार भूमि पर निर्मित है|

इतिहासकारों की माने तो गढ़कुंडार एक बेहद संपन्न, अमीर, खुशहाल और पुरानी रियासत रही है| ये किला अद्भुत शिल्पकला का एक बेजोड़ नमूना है| उत्तर प्रदेश के बड़े शहर झांसी से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ये किला कभी टीकमगढ़ जिले मे आता था लेकिन निवाड़ी के जिला बनते ही ये किला अब निवाड़ी जिले मे आता है|

इतना तो तय है की इस किले को सुरक्षा की दृष्टि से बनवाया गया था| जब आप इस किले को 4-5 किलोमीटर दूर से देखेंगे तो ये किला आपको साफ दिखाई देगा लेकिन जैसे ही आप इस किले के नजदीक पहुंचेंगे ये किला गायब हो जाएगा|

अगर आप किले के नजदीक हैं और थोड़ा दिमाग लगाएंगे तो इस किले के नक्शे को अच्छे से समझ सकते हैं| होता क्या है की ये किला बहुत सारी पहाड़ियों से घिरा हुआ है और उन पहाड़ियों के बीच से कई रास्ते निकलते हैं|

जैसे की आप 4-5 किलोमीटर दूर से किले को देखते हैं तो किला साफ दिखाई देता है क्यूँ की किला तो ऊँचाई पर बना है लेकिन दूर होने के कारण किले के आस पास की पहाड़ी छोटी दिखाई देती है लेकिन जैसे ही आप धीरे धीरे किले की ओर बढ़ते हैं तो ये पहाड़ियाँ धीरे धीरे बड़ी होने लगती हैं और एकदम नजदीक पहुंचते ही वो किला इन्ही बड़ी पहाड़ियों के पीछे छिप जाता है|

नजदीक पहुंचते ही आपको पहाड़ी के बीचों बीच बहुत सारे रास्ते मिलेंगे आप उन्ही रास्तों से किसी अन्य जगह निकल जाएंगे और किले तक नही पहुँच पाएंगे| लेकिन इस किले तक पहुँचने का एक दूसरा रास्ता भी है जहां से आप इस किले तक आसानी से पहुँच सकते हैं| अब अप समझ सकते हैण की कितना सोच समझकर ये किला बनाया गया होगा|

वर्ष 1347 मे जब यहाँ पर खंगार राजा मानसिंह राज था तो उस समय दिल्ली पर मोहम्मद बिन तुगलक का शासन था| उसे राजा मानसिंह की पुत्री ‘केसर दे’ की खूबसूरती ने घायल कर दिया था| वो ‘केसर दे से शादी करना चाहता था लेकिन मानसिंह ने इस रिश्ते से इनकार कर दिया और मोहम्मद बिन तुगलक ने इस किले पर हमला कर दिया|

इस भीषण युद्ध मे मानसिंह की हार हुई और पिता की हार को देखते हुए पुत्री ‘केसर दे’ ने 100 अन्य दासियों के साथ अग्नि कुंड में कूदकर जौहर कर लिया और मौत को गले लगा लिया|

हान्टेड गढ़कुंडार किला (Garh kundar Fort Haunted)

कुछ समय पहले गाँव मे एक बारात आई थी| उनमे से कुछ बाराती इस किले को घूमने गए और लगभग 50 बाराती जमीन के नीचे बनी हुई 2 मंजिलों मे पहुँच गए और वो 50 लोग वहीं से गायब हो गए जिनका आजतक पता नहीं चला| इस घटना के बाद नीचे बनी 2 मंजिलों के दरवाजे हमेशा हमेशा के लिए बंद कर दिए गए थे|

गढ़कुंडार किले का रहस्य (Garh kundar Fort Mystery)

ऐसा माना जाता है की जहां से 50 बाराती गायब हुए थे नीचे की उन्ही 2 मंजिलों मे इतना खजाना छिपा हुआ है की जिससे देश की सारी दरिद्रता दूर की जा सकती है| लोग इसी खजाने के चक्कर मे यहाँ पर आते हैं और जान से हाँथ धो बैठते हैं|

गढ़कुंडार किले तक कैसे पहुँचें (How To Reach Garh kundar Fort)

इस किले का नजदीकी और विकसित रेलवे स्टेशन झांसी का रेलवे स्टेशन है जो यहाँ से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| अगर आप झांसी पहुँचने के लिए रेलवे टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें| किले वाली पहाड़ी पर चढ़ने के लिए आपको लगभग 200 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ेंगी| ये किला लगभग 200-300 फुट ऊँचाई पर स्थित है|

गढ़कुंडार किले के रिव्यू (Garh kundar Fort Review)

नीचे के 2 मंजिलों को अगर आप छोड़ दे तो ये किला इतिहास प्रेमियों के लिए किस जन्नत से कम नहीं है| ऊँचाई पर बने इस किले से आप बढ़िया व्यू देख सकते हैं साथ मे फोटोग्राफी भी कर सकते हैं|

गढ़कुंडार किले की लोकेसन (Garh kundar Fort Location)

Q1- गढ़कुंडार का किला किसका था?

A- चंदेल राजा यशोवर्मन का

Q2- गढ़कुंडार का किला किस जिले में है?

A- मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले मे

Q3- गढ़कुंडार का किला कब बना था?

अ- नौवीं सदी मे

Q4- गढ़कुंडार किले मे किस मुस्लिम शासक ने हमला किया था?

A- मोहम्मद बिन तुगलक ने

Q5- गढ़कुंडार किले से कितने बाराती गायब हो गए थे?

A- 50

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