Kuldhara Village: आज हम बात करने जा रहें है राजस्थान मे स्थित भारत के सबसे भूतिया गाँव के बारे मे जिसका नाम है कुलधरा| कुलधरा गाँव जैसेलमेर से महज 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| थार रेगिस्तान के बीचों बीच स्थित इस गाँव मे वर्तमान समय मे आपको केवल डर और पसरा हुआ सन्नाटा देखने को मिलेगा|
यह गाँव अपने अंदर कई डरावनी कहानियाँ छिपाए हुए है| सरकार ने इस उजड़े और श्रापित गाँव को दोबारा बसाने की बहुत कोशिश की लेकिन सफलता हाँथ नहीं लगी| इस गाँव मे पर्यटक सुबह 8 से 6 बजे के बीच घूम सकते हैं| 6 बजे के बाद यहाँ रुकना मना है|
कुलधरा गांव का इतिहास
कुलधरा गाँव (Kuldhara Village) का इतिहास 800 साल पुराना है| आप विश्वास नहीं करेंगे अगर पालीवाल ब्राह्मणों ने इस गाँव को श्राप नहीं दिया होता तो कुलधरा गाँव भी हिंदुस्तान के बाकी गाँवों की तरह खुशहाल और आबाद होता| कहानी कुछ ऐसी है की 200 साल पहले इस गाँव मे 5000 से अधिक पालीवाल ब्राह्मण रहते थे|
पालीवाल ब्राह्माण पाली के ही निवासी थे और ये ब्राह्मण 11वीं शताब्दी में कुछ कारणों से पाली छोड़कर राजस्थान के अन्य शहरों जैसे जोधपुर, जैसलमेर, साथलमेर और बीकानेर में जाकर बसने लगे थे।इन्ही विस्थापित ब्राह्मणों मे से कुछ ब्राह्मणों ने ही 1291 मे कुलधरा गाँव बसाया था| ये ब्राह्मण खेती बाड़ी करके अपना घर चलाते थे|
कुछ इतिहासकार ये भी बताते हैं की ये पालीवाल ब्राह्मण दिमाग के बहुत तेज थे जिहोने अपने घरों को इस तरह से डिजाइन किया हुआ था की रेगिस्तान की गरम हवा भी इनके घरों मे जाते ही ठंडी हवा मे बदल जाती थी| ये गाँव पूरी तरह से समृद्ध था| सबकुछ ठीक चल रहा होता है की इस बीच नाम आता है यहाँ के दीवान सालम सिंह का|
सालम सिंह एक बहुत ही मक्कार और अय्याश किस्म का आदमी था और एक दिन इसी अय्याश सालम सिंह की गंदी नजर कुलधरा गाँव के प्रधान की बेटी शक्ति मैया पर पड़ गई जो देखने मे बेहद ही खूबसूरत थी| गाँव के प्रधान की बेटी की खूबसूरती को देखते ही सालम सिंह उसे पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार था|
उसने गाँववालों को धमकाया की पूर्णमासी तक वो लोग शक्ति मैया को चुपचाप उसके हवाले कर दें नहीं तो वो गाँव पर हमला कर देगा और गाँव वालों से दोगुना कर वसूलेगा| सालम सिंह की धमकी से गॉंववाले बिल्कुल भी नहीं डरे और आनन फानन मे पंचायत बुलाई गई|
पंचायत इस नतीजे पर पहुंची की पूरा पालीवाल समाज शक्ति मैया के लिए खड़ा होगा और शक्ति मैया की इज्जत पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी| गाँववालों ने ये फैसला लिया की सभी 5000 लोग रातों रात ये जगह छोड़े देंगे और हुआ भी ऐसा ही| सालम सिंह की अत्याचारों की वजह से वर्ष 1825 मे 5000 पालीवाल ब्राह्मण कुलधरा गाँव छोड़कर कहीं और चले गए|
कुलधरा गाँव (Kuldhara Village) छोड़कर वो कहाँ गए इसका पता आजतक नहीं चल सका| कुलधरा से जाते जाते पालीवाल ब्रह्माण इस गाँव को ये श्राप दे गए की ये गाँव अब कभी भी आबाद नहीं हो पाएगा| जिस किसी ने भी यहाँ बसने या रहने की कोशिश की है उसके साथ जरुर कुछ बुरा हुआ है और कुछ की तो जानें भी गई हैं |
कुलधरा गाँव (Kuldhara Village) मे आज भी रूहानी ताकतों का कब्जा है जो कदम कदम पर आपको पालीवाल ब्राह्मणों का इतिहास याद दिलाएंगी| रात के घनघोर अंधेरे मे आपको यहाँ पर डरावनी चूड़ियाँ और पायलों की आवाजें सुनाई देंगी| यह गाँव एक विशाल क्षेत्र मे फैला हुआ है जिसके अंदर 85 छोटी बस्तियां आती हैं|
इन 85 बस्तियों के लोग भी कुलधरा के लोगों के साथ गायब हुए थे| गाँव के लगभग सभी मकान पूरी तरह खंडहर हो चुके है| चुकी ये जगह रेगिस्तान मे थी इसलिए गाँववालों ने कुलधरा गाँव (Kuldhara Village) मे एक तालाब का भी निर्माण किया था जिसका नाम उन्होंने उधनसर रखा गया था| इस गाँव मे आप लगभग 400 घरों के खंडहरों को देख सकते हैं|
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सरकारी प्रयास
सरकार ने कुलधरा गाँव (Kuldhara Village) को दोबारा गुलजार करने का बहुत प्रयास किया लेकिन ये संभव नहीं हो सका| ये जगह अब ASI के हाँथों मे जा चुकी है| ASI ही इसकी देख रेख करता है|
इस गाँव मे घुसते समय आपको एक बहुत बड़ा गेट देखने को मिलेगा जिसे किसी भी पर्यटक को 6 के बाद पार नहीं करने दिया जाता| इस जगह को अब पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित कर दिया गया है|
एंट्री फीस
कुलधरा गाँव को घूमने की एंट्री फीस मात्र 10 रुपये रखी गई है लेकिन अगर आप कार से अंदर जाते हैं तो आपको 50 रुपये देने होंगे|
कुलधरा गांव में घूमने का समय
चूंकि ये जगह राजस्थान मे स्थित है इसलिए इस जगह को घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है जब तापमान थोड़ा कम रहता है|
शिलालेख
इस गाँव मे एक शिलालेख भी आपको देखने को मिलेगा जिसको पढ़कर आप इस गाँव और गाँववालों के बारे मे ज्यादा जानकारी जुटा पाएंगें|
देवी मंदिर
इस गाँव मे एक देवी जी का मंदिर भी है जो पूरी तरह खंडहर हो चुका है|
कुलधरा गाँव कैसे पहुंचे
कुलधारा गाँव जैसेलमेर से महज 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| इस गाँव तक पहुँचने के लिए आपको सर्वप्रथम जैसेलमेर आना पड़ेगा| जैसेलमेर से ऑटो या कैब लेकर कुलधरा गाँव पहुँच सकते हैं| अगर आप जैसेलमेर के लिए ट्रेन बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
Q1- कुलधरा गाँव किसने और कब बसाया था?
A- पालीवाली ब्राह्मणों ने 1291 मे बसाया था
Q2- कुलधरा गाँव किस जिले मे स्थित है?
A- जैसेलमेर जिले मे
Q3- कुलधरा गाँव का दीवान कौन था?
A- सालम सिंह
Q4- कुलधरा गाँव का दीवान सालम सिंह की ब्राह्मण कन्या के साथ जबरदस्ती से विवाह करना चाहते था?
A- शक्ति मैया से
Q5- कुलधरा गाँव के साथ कितनी अन्य बस्तियों के लोग गायब हुए थे?
A- 85 बस्तियों के लोग
Q6- कुलधरा गाँव मे कितने पालीवाल ब्राह्मण रहते थे?
A- 5000 से अधिक