लोटस मंदिर दिल्ली (Lotus Temple Delhi)- बिना मूर्ति का मंदिर

Lotus Temple Delhi: दिल्ली स्थित यह एक बेहद ही प्रमुख आकर्षण है जो नेहरू प्लेस मे स्थित है| इस मंदिर के अंदर ना ही कोई मूर्ति है और न ही यहाँ पूजा पाठ होती है| पर्यटक यहाँ पर चारों तरफ फैली अद्भुत शांति का अनुभव करने आते हैं| 26 एकड़ में फैला यह मंदिर बहाई धर्म को समर्पित है|

इस मंदिर का निर्माण बहाई धर्म के संस्‍थापक बहा उल्‍लाह ने किया था जिनका जन्म सन 1817 मे ईरान में हुआ था| इस मंदिर का आकार एक कमल के समान है जिसमे संगमरमर से बनी कुल 27 पंखुड़ियाँ हैं| इस आलोकिक इमारत का निर्माण वर्ष 1986 मे किया गया था|

इस आलोकिक मंदिर बनाने की लागत 10 मिलियन थी यानि की 1 करोड़ डालर| इस मंदिर मे घुसने के लिए 40 मीटर की ऊंचाइ वाले 9 द्वार हैं| इस मंदिर के डिजाइन के लिए 1976 मे ईरानी वास्तुकार फारिबोरज़ साहबा से संपर्क किया गया| मंदिर को बनाने का कार्य मशहूर कन्स्ट्रक्शन कंपनी L&T ने किया|

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लोटस मंदिर दिल्ली का इतिहास (Lotus Temple Delhi History)

लोटस मंदिर को बनाने के लिए जमीन 1956 मे खरीदी गई थी और इस भूमि को खरीदने के लिए जरूरी धनराशि का बड़ा अंश हैदराबाद सिंध के अरदिशिर रूस्तमपुर द्वारा दान दिया गया था| 1980 में इस मंदिर का निर्माण शुरू किया गया और यह निर्माण 1986 तक चला|

इस मंदिर का उद्घाटन 24 दिसंबर 1986 को हुआ था लेकिन आम जनता के लिए इसे 1 जनवरी 1987 को खोल गया था| बहाई समुदाय का ये मंदिर सभी धर्मों को मानने वालों का स्वागत करता है| बहाई समुदाय का ऐसा मानना है की आसमानी शक्ति कोई एक है उसके भिन्न रूप हो सकते हैं इसलिए यहाँ किसी की भी मूर्ति नहीं है|

100 फीसदी शुद्ध संगमरमर से बने होने के कारण ये मंदिर दिन और रात दोनों समय चमचमाता है| मंदिर मे एक विशाल हाल है जो 40 मीटर लंबा है और जिसमे 2500 लोग एक साथ बैठकर प्रार्थना कर सकते हैं| 20 फीट की ऊँचाई पर स्थित ये मंदिर चारों तरफ से जल से भरे कुंडों से घिरा हुआ है|

इस मंदिर के हाल मे इस्तेमाल हुआ संगमरमर ग्रीस के पेंटेली पर्वत से लाया गया था और इसी पेंटेली पर्वत से लाए गए संगमरमर का इस्तेमाल पहले भी कई बहाई मंदिरों को बनाने मे हो चुका है| यह मंदिर हर सोमवार को बंद रहता है| इस मंदिर को 20वीं सदी का भारत का ताजमहल भी कहा जाता है|

बहाई धर्म मे 9 अंक का बहुत महत्व है और बहाई धर्म के लोगों का मानना है की सिंगल डिजिट मे 9 सबसे बड़ा अंक है एवं ये 9 अंक एकता और अखंडता को दर्शाता है| बहाई दर मे 9 के अत्यधिक महत्व के कारण ही इस मंदिर मे आपको 9 द्वार और 9 कोने देखने को मिलेगा|

आपको जानकर आश्चर्य होगा की इस मंदिर को देखने डेली 10,000 पर्यटक आते हैं| यहाँ पर आए सभी पर्यटकों को बहाई धर्म के बारे मे जानकारी दी जाती है| आज भारत मे आपको 20 लाख से ज्यादा बहाई समुदाय के लोग मिलेंगे जो देश के विकास मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं|

इस शानदार मंदिर को ग्लोबआर्ट अकादमी, इंस्टीट्यूशन ऑफ स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स जैसे कई अन्य अन्तराष्ट्रीय अवार्ड्स भी मिल चुके हैं| आपको जानकार हैरानी होगी की मंदिर निर्माण मे भिन्न भिन्न प्रकार के 10,000 प्रकार के संगमरमर का प्रयोग हुआ है|

अगर आप दुनिया के अमीर मंदिरों की सूची देखेंगे तो आपको लोटस टेम्पल आपको 20 वें नंबर पर मिलेगा जिसकी कुल संपत्ति 3 हजार करोड़ रुपये है| आपको पूरी दुनिया मे बहाई समुदाय के 7 मंदिर देखने को मिलेंगे और भारत स्थित लोटस टेम्पल बहाई समुदाय का सबसे आखिरी मे बना मंदिर है|

इस मंदिर मे डेली 4 बार प्रार्थना सभा का आयोजन होता है सुबह 10 बजे, दोपहर को 12 बजे, अपराह्न 3 बजे और शाम को 5 बजे|

लोटस मंदिर दिल्ली का समय (Lotus Temple Delhi Timings)

दिल्ली स्थित लोटस टेम्पल अक्टूबर से मार्च तक सुबह 9:30 से शाम 5:30 बजे तक और अप्रैल से सितंबर में यह सुबह 9:30 से शाम 7:00 बजे तक दर्शकों के लिए खुला रहता है.

लोटस मंदिर दिल्ली का नजदीक मेट्रो स्टेशन (Nearest Metro to Lotus Temple)

लोटस टेम्पल का नजदीकी मेट्रो स्टेशन कालकाजी मंदिर का मेट्रो स्टेशन है जहां से लोटस मंदिर महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित है|

लोटस मंदिर मे कौन से भगवान है (Lotus Temple Delhi Which God)

लोटस मंदिर मे किसी भी भगवान की मूर्ति नहीं है

लोटस मंदिर मे प्रवेश शुल्क (Lotus Temple Delhi Entry Fee)

ये मंदिर पर्यटकों के लिए पूरी फ्री रखा गया है|

लोटस मंदिर दिल्ली कैसे पहुँचें (How To Reach Lotus Temple Delhi)

लोटस मंदिर तक पहुँचने के लिए सबसे पहले आपको दिल्ली पहुंचना होगा| दिल्ली तक आप रेल मार्ग या वायु मार्ग से पहुँच सकते हैं| दिल्ली मे आप किसी भी मेट्रो स्टेशन से मेट्रो लेकर कालकाजी मेट्रो स्टेशन आना होगा वहाँ से आप ऑटो लेकर इस मंदिर तक पहुँच सकते हैं|

दिल्ली पहुँचने के बाद आप सीधे सरकारी बस पकड़कर या कैब बुक करके भी इस मंदिर तक पहुँच सकते हैं| आग आप दिल्ली आने के लिए फ्लाइट टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|

Q1- क्या लोटस मंदिर दिल्ली (Lotus Temple Delhi) में एंट्री फ्री है?

A- लोटस टेंपल में प्रवेश के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। अगर आप फोटो खींचना चाहते हैं तो आपको अनुमति लेनी होगी।

Q2- कमल मंदिर (Lotus Temple Delhi) क्यों प्रसिद्ध है?

A- कमल के आकार की वजह से

Q3- लोटस मंदिर (Lotus Temple Delhi) कब तक खुला रहता है?

A- सुबह 9 से शाम 7 बजे तक

Q4- लोटस टेंपल (Lotus Temple Delhi) में किसकी पूजा होती है?

A- इस मंदिर मे कोई भी मूर्ति नहीं है

Q5- लोटस टेंपल (Lotus Temple Delhi) के पास कौन सा मेट्रो स्टेशन है?

A- कालकाजी मेट्रो स्टेशन

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