Statue of Belief: अगर आप दुनिया की सबसे ऊंची भगवान शिव की मूर्ति को देखना चाहते हैं तो आपको राजस्थान के उदयपुर 45 किलोमीटर दूर राजसमंद के नाथद्वारा के शहर में आना पड़ेगा| भगवान शिव की यह प्रतिमा 369 फीट ऊंची है जिसे विश्वास की प्रतिमा (Statue of Belief) या “विश्वास स्वरूपम” के नाम से भी जाना जाता है|
इस परियोजना की आधारशिला अगस्त 2012 में उस समय के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुरारी बापू द्वारा रखी गई थी। इस मूर्ति को बनाने की लागत 300 करोड़ थी| भगवान शिव की यह मूर्ति आधुनिक इंजीनियरिंग और टेक्नॉलजी का अद्भुत नमूना है|
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इस भव्य मूर्ति का निर्माण 90 इंजीनियर और 900 कुशल कारीगरों ने दिन रात एक करके किया है और इस मूर्ति का निर्माण करने मे 10 साल का समय लगा था| इस परियोजना के निर्माण मे कुशल कारीगरों, इंजीनियरों और वास्तुकारों की एक समर्पित टीम थी जिसको प्रसिद्ध मूर्तिकार नरेश कुमावत गाइड कर रहे थे|
इस विशाल मूर्ति का निर्माण मिराज ग्रुप द्वारा किया गया है।यह विशाल प्रतिमा पूरी तरह से स्टील और कंक्रीट से बनी हुई है जिसमे 2600 टन स्टील, 2601 टन लोहा और 26,618 क्यूबिक मीटर सीमेंट कंक्रीट इस्तेमाल हुआ है। इस प्रतिमा का आधार 30*25 मीटर है जिसका 10 फीट हिस्सा जमीन के अंदर है|
दुनियाभर के शिवभक्तों के लिए स्टैच्यू ऑफ बिलीफ किसी शिवलोक से कम नहीं है| इस स्थान का आध्यात्मिक महत्व बहुत ज्यादा है जो आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम है| यहाँ पर आकर आप धर्म से एक जुड़ाव महसूस करेंगे जिसे आप जीवनपर्यंत नहीं भूल पाएंगें|
इस परियोजना का उद्घाटन वर्ष 29 अक्टूबर 2022 मे किया गया था| इस पूरी परियोजना को नाथद्वारा शहर से 3 किलोमीटर दूर स्थित गणेश टेकरी पहाड़ी पर लगभग 51 बीघा या 32 एकड़ क्षेत्रफल पर बनाया गया है| यहाँ आकर आप 3-डी लाइट एण्ड साउन्ड शो मे शिव स्तुति जो 30 मिनट की होती है वो देख सकते हैं|
एडवेंचर एक्टिविटीज जैसे बंजी जंपिंग, जिप लाइन, फ्लाइंग जंप, फॉर्मूला कार्टिंग, रोप क्लाइंब और कैलाश स्नो पार्क में आप भरपूर आनंद ले सकते हैं| इस जगह पर ऋषिकेश के बाद पूरे भारत वर्ष की दूसरी सबसे बड़ी बंजी जम्पिंग होती है (175 फीट) जिसे करने के लिए दूर दूर से पर्यटक यहाँ पर आते हैं|
369 फीट महादेव की मूर्ति के सामने 25 फीट ऊँचे और 37 फीट चौड़े नृत्य करते हुए नंदी जी की भी स्थापना भी की गई है| इस शिव जी की मूर्ति मे 72 फीट का उनका सीना है और 250 टुकड़ों मे बना 191 फीट का त्रिशूल है| भगवान का आसन 110 फीट ऊंचा है| 270 फ़ीट ऊँचा शिव जी का बायां कंधा है तो दायां कन्धा 280 फीट ऊँचा है।
मंदिर के अंदर 20 फीट, 110 फीट और 270 फीट की ऊँचाई पर 3 गैलरी बनाई गई है जहां तक पहुँचने के लिए मंदिर के अंदर 4 लिफ्ट लगाई गई है| 270 फ़ीट की ऊंचाई पर भगवान का बायाँ कंधा है जहाँ से आप पूरा नाथद्वार शहर को देख सकेंगे|
यहीं से पर्यटक विशाल त्रिशूल के दर्शन भी कर सकते हैं साथ मे यहीं पर ग्लास ब्रिज का भी निर्माण किया गया है जो पूरी तरह पारदर्शी है और 800 किलो तक वजन सहने की क्षमता रखता है। इस 369 फीट की शिव मूर्ति को बरसात और धूप से बचाने के लिए जिंक की कोटिंग के बाद चमकाने के लिए क्वालिटी कॉपर का कलर किया गया है|
इस परियोजना की कल्पना मिराज समूह के अध्यक्ष श्री मदन पालीवाल द्वारा की गई थी| भगवान शिव की यह मूर्ति कुर्सी पर बैठी मुद्रा को दिखती है| शिव जी की इस मूर्ति की जटाओं गंगा स्वरूप बहता हुआ जल इस मूर्ति की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देता है| इस जल के लिए मूर्ति के सर पर 2 पानी के टैंकों को लगाया गया है|
यह विशाल मूर्ति 250 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलने वाली हवाओं को सहन कर सकती है| स्टैच्यू ऑफ बिलीफ मे आपको ध्यान कक्ष, आगंतुक कक्ष और एक वीआईपी लाउंज देखने को मिलेगा साथ मे पार्किंग, फुटपाथ, जल निकाय, पुल, फूड कोर्ट, हस्तशिल्प की दुकानें और बच्चों के मनोरंजन के लिए पार्क भी बनाया गया है|
महाशिवरात्री और और सावन के महीने मे स्टैच्यू ऑफ बिलीफ मे भक्त दूर दूर से भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं| इस मूर्ति को आप 20 किलोमीटर की दूरी से भी आप देख सकते हैं| जब से स्टैच्यू ऑफ बिलीफ का अनावरण किया गया है तब से आज तक मे लगभग 15-20 लाख भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर चुके हैं|
इस शिव मूर्ति के अंदर आपको एक बड़ा हाल भी देखने को मिलेगा जिसमे एक साथ 10,000 पर्यटक प्रवेश कर सकते हैं| यह प्रतिमा दुनिया की एक अकेली ऐसी प्रतिमा है जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां और श्रद्धालुओं के लिए हॉल का निर्माण किया गया है।
स्टैच्यू ऑफ बिलीफ दुनिया की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (597 फीट), स्प्रिंग टेम्पल बुद्धा (420 फीट), लेक्युन सेक्या (38 0फीट) के बाद दुनिया की चौथी सबसे ऊंची मूर्ति है| इस पूरे मंदिर को घूमने के लिए आपको 6-7 घंटे का समय लगेगा|
पर्यटकों के रोमांच को बनाये रखने के लिए यहाँ पर 65 प्रोजेक्टर लगाए गए हैं| इस मंदिर को अगले 250 साल तक किसी भी प्रकार की रख रखाव की जरूरत नहीं पड़ेगी और इस बात का सत्यापन ऑस्ट्रेलिया की एक बड़ी लैब मे भी हो चुका है| रात के अंधेरे मे भी इस प्रतिमा को आप दूर से देख पाएंगे इसके लिए अमेरिका से विशेष लाइटें मँगवाई गई है|
नाथद्वारा कैसे पहुँचें (How To Reach Nathdwara)
नाथद्वारा, उदयपुर 45 किलोमीटर दूरी पर स्थित है| उदयपुर तक आप फ्लाइट या ट्रेन से बहुत आसानी से पहुँच सकते हैं| अगर आप उदयपुर के लिए फ्लाइट टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
Q1- स्टैच्यू ऑफ बिलीफ (Statue of Belief) की ऊंचाई कितनी है?
A- 369 फीट (112 मीटर)
Q2- स्टैच्यू ऑफ बिलीफ (Statue of Belief) कैसे जाएं?
A- इसके लिए आपको राजस्थान के शहर नाथद्वारा पहुंचना होगा| नाथद्वारा के केंद्र से ये मंदिर महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
Q3- विश्वास स्वरूपम के वास्तुकार कौन थे?
A- नरेश कुमावत
Q4- स्टैच्यू ऑफ बिलीफ (Statue of Belief) नाइट शो कितने बजे है?
A- शाम 7 बजे से 8 बजे तक
Q5- स्टैच्यू ऑफ बिलीफ (Statue of Belief) किसने बनाया गया था?
A- उदयपुर के मिराज ग्रुप के चेयरमैन श्री मदन पालीवाल ने की थी