Tatiya Village: हमारे देश मे एक वक्त था जब बहुत ही कम घरों मे पंखे हुआ करते थे लेकिन आज देखेँ तो आपको आम भारतीय घरों मे ए सी देखने को मिलेंगे|
जब देश मे मोबाइल का चलन चालू हुआ तो लोगों के हाँथों मे कीपैड वाला फोन था लेकिन आज देखते ही देखते लोगों के हाँथों मे स्मार्ट फोन पहुँच गया और लगभग पूरे देश ने इंटरनेट के ऊपर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है|
आज के समय जहाँ लोग अपने बीबी, बच्चे और परिवार के साथ कम लेकिन अपने मोबाइल के साथ ज्यादा समय बिताते हैं वही हमारे भारत वर्ष मे एक गाँव ऐसा भी है जो आज मोबाइल तो छोड़िए बिना बिजली और पंखे के बड़े मौज से जी रहा है|
इनके बारे में भी जाने:
- मिरेकल माइक (Miracle Mike)- एक मुर्गा जो बिना सर के 18 महीने तक जीवित रहा
- गढ़कुंडार किला (Garh kundar Fort)- जहाँ से 50 लोगों की एक पूरी बारात गायब हो गई थी
- कुलधरा गांव (Kuldhara Village)- भारत का सबसे भूतिया गाँव
- मायोंग गाँव (Mayong Village)- भारत के काले जादू की राजधानी
- होया बस्यू जंगल (Hoia Baciu Forest)- दुनिया का सबसे डरावना जंगल जहां रहस्यमय तरीके से गायब हो जाते है लोग
- माधापार गांव (Madhapar Village)- दुनिया का सबसे अमीर गाँव
लेकिन भारत के उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले मे एक गाँव ऐसा भी है जो आधुनिक सुख सुविधाओं से दूर मस्त जिंदगी जी रहा है| ये गाँव मथुरा जिले के वृंदावन मे स्थित है और उस गाँव का नाम टटिया (Tatiya Village) है| इस गाँव मे आकर आपको ऐसा लगेगा की जैसे आप बाबा आदम के जमाने मे पहुँच गए हैं|
न ही इस गाँव मे बिजली है और न ही इस गाँव का कोई निवासी यहाँ पर फोन लेकर आता है| इस गाँव मे बिजली न होने के कारण शाम के समय इस गाँव मे अंधेरा छा जाता है| गाँव के निवासी रात के समय लैंप और कांच की डिबरी का इस्तेमाल करते हैं| ठाकुर जी को हवा देने के लिए यहाँ के लोग पुराने जमाने वाला हाँथ से चलने वाला पंखा इस्तेमाल करते हैं|
इस गाँव मे पीने के पानी के लिए लोग गाँव मे स्थित कुएं पर निर्भर हैं| गाँव की सभी महिलाएँ सर ढककर रहती हैं और सारा दिन भगवान की भक्ति मे लीन रहती हैं|
ऐसा माना जाता है की वृंदावन के सातवें गुरु ललित किशोरी देव जी ने जब वृंदावन स्थित निधिवन छोड़ने का निश्चय किया तो वो निधिवन छोड़ने के बाद 1758 और 1823 के बीच इस जगह पर आए और प्रभु की भक्ति मे ध्यान मे लीन हो गए|
उस समय इस जगह पर घोर जंगल था| शिकारियों और जानवरों से गुरु ललित किशोरी देव जी की रक्षा करने के लिए उनके भक्तजनो ने तपस्या मे लीन गुरु ललित किशोरी देव जी के ऊपर बांस से एक छत का निर्माण कर दिया| बांस की डंडियों को टटिया कहा जाता था तब से इस गाँव का नाम टटिया (Tatiya Village) पड़ गया|
इस गाँव मे लोग 24 घंटे भगवान की भक्ति मे डूबे रहते हैं| इस गाँव मे आपको जगह जगह पर तपस्या मे लीन साधु देखने को मिल जाएंगें| तपस्या मे लीन साधु किसी भी प्रकार का दक्षिणा नहीं लेते और न ही यहाँ पर कोई दान पेटी है|
उनके भोजन का प्रबंध भी गाँव के निवासी ही करते हैं| यहाँ किसी भी प्रकार की आरती नही होती बल्कि इस गाँव मे लोग इकट्ठे होकर केवल राधा कृष्ण के भजन गाते हैं| और स्वयं की आत्मा मे राधा और कृष्ण के होने का अनुभव करते हैं|
इस आलोकिक गाँव मे भारी संख्या मे नीम, कदम और पीपल पेड़ हैं जो इस गाँव को बेहद हरा भरा रखते हैं| गाँव के लोगों का मानना है की इन पेड़ों की पत्तियों मे राधा नाम लिखा हुआ है| कायदे से देखा जाए तो इस गाँव ने ही भक्ति की सादगी को बचाकर रखा है|
पूरे भारत देश का ये एक एकलौता गाँव है जिसने अपने आपको भगवान श्री कृष्ण के चरणों मे समर्पित कर रखा है| ये गाँव आज भी कलयुग से कोसों दूर है| इस गाँव मे राधा अष्टमी का त्योहार बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है|
इस गाँव मे फोन लाने पर पूरी तरह पाबंदी है| अगर आप अपने आपको ईश्वर के करीब ले जाना चाहते हैं या 1-2 दिन अध्यात्म के साये मे जीवन जीना चाहते हैं तो आपको इस गाँव मे कुछ समय के लिए जरूर आना चाहिए| ये जगह शांति और सुकून का भंडार है जो आपके मन को पूरी तरह अध्यात्म की ऊर्जा से भर देता है|
बहुत समय पहले एक मूवी आई थी जिसका नाम फन्टूश था जिसमे परेश रावल ने अभिनय किया था जिसमे कलकार बहुत पुरानी दुनिया मे चले जाते हैं| इस गाँव मे आकर ठीक आपको वैसे ही प्रतीत होगा| इस गाँव मे आकर आप कलयुगी जीवन को पूरी तरह भूल जाएंगे|
इस गाँव मे जगह जगह आपको हर तरह के तुलसी के पेड़ देखने को मिलेंगे| यह जगह प्रसिद्ध देवरहा बाबा की भी कर्मभूमि रही है जिनके दर्शन हेतु इंदिरा गांधी, मुलायम सिंह, अटल बिहारी और डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद भी आए थे|
बहुत कम लोगों को पता है की इंदिरा गांधी देवरहा बाबा से आशीर्वाद मांगा था और देवरहा बाबा ने इंदिरा गांधी को अपना हाँथ उठाकर आशीर्वाद दिया था और तब से इंदिरा गांधी ने हाँथ के निशान को काँग्रेस का निशान बना लिया था|
विश्व प्रसिद्ध और हनुमान भक्त बाबा नीम करौली ने भी अपने प्राण इसी भूमि पर त्यागे थे| बाबा का यहाँ समाधि स्थल भी है|
How To Reach Tatiya Village
मथुरा जंक्शन से टटिया गाँव (Tatiya Village) महज 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| अगर आप मथुरा जंक्शन के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
Tatiya Village Location
Q1- टटिया गांव (Tatiya Village) किस जिले मे आता है?
A- मथुरा जिले मे|
Q2- टटिया गांव (Tatiya Village) मे कौन से गुरु तपस्या के लिए आए थे?
A- गुरु ललित किशोरी देव जी आए थे|
Q3- टटिया गांव (Tatiya Village) के निवासी किसका भजन गाते हैं?
A- राधा कृष्ण के
Q4- टटिया नाम किससे संबंध रखता है?
A- बांस से
Q5- टटिया गांव (Tatiya Village) के निवासी पानी के लिए किस पर निर्भर रहते हैं?
A- गाँव के कुएं पर
इनके बारे में भी जाने:
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- रूपकुंड झील (Roopkund Lake)- नरकंकालों से भरी हुई भारत की एक रहस्यमयी झील
- धुड़मारास गांव (Dhudmaras Village)- दुनिया के टॉप 20 में शामिल हुआ भारत का यह गांव
- बुमला दर्रा (Bumla Pass)- जहां एक अकेले सरदार ने तोड़ दिया था 100 चीनी सैनिकों का घमंड