Places To Visit in Balaghat: खूबसूरत और मनोरम बालाघाट सतपुड़ा के पर्वतों मे बसा हुआ एक जिला है| बालाघाट जिले की सीमाएं छत्तीसगढ़ और महराष्ट्र से भी लगती हैं| बालाघाट की मुख्य नदी वैनगंगा है| ये एक नक्सलवाद से प्रभावित जिला है जो वनों और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है|
भारत की सबसे बड़ी कॉपर की खदान बालघात स्थित मलाजखंड में है| नक्सलवाद से प्रभावित होने के कारण इस जिले उतना विकास नहीं हो पा रहा है जितना की इसे होना चाहिए| बालघाट का हिन्दी मे अर्थ है “घाटों के ऊपर”| बालाघाट मे मैंगनीज़ का भी उत्पादन होता है|
बालाघाट कैसे पहुंचे (How to reach Balaghat)
वायुमार्ग (By Air)
बालाघाट शहर का नजदीकी हवाई अड्डा नागपुर का डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट है जो बालाघाट से लगभग 210 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| नागपुर हवाई अड्डे से बाहर आकर आप बस, कैब या ट्रेन लेकर बालाघाट पहुँच सकते हैं| अगर आप नागपुर के लिए फ्लाइट टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|
रेल मार्ग (By Train)
बालाघाट शहर का अपना खुद का रेलवे स्टेशन है| लेकिन इस रूट मे ट्रेन का चलन बहुत कम है| अगर आपको बालाघाट शहर के लिए डायरेक्ट ट्रेन नहीं मिल रही है तो आपको पहले नागपुर रेलवे स्टेशन उतरना होगा जो की बालाघाट से 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| नागपुर से बालाघाट के लिए आपको डायरेक्ट ट्रेन मिल जाएगी|
नागपुर स्टेशन से बाहर आकर आप कैब या बस लेकर भी बालाघाट पहुँच सकते हैं|
सड़क मार्ग (By Road)
बालाघाट शहर सड़क मार्ग से अपने आस पास के सभी शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| आप आस पास के किसी भी गाँव या शहर से सीधी और आरामदायक बस लेकर बालाघाट शहर पहुँच सकते हैं|
Top 10 Places to Visit in Balaghat for an Unforgettable Experience
1. लांजी का किला (Lanji Fort)
यह बालाघाट का सबसे अद्भुत और विशाल किला है जिसका निर्माण गोंड राजाओं ने 12 वीं शताब्दी में मे करवाया था जो बालाघाट से 55 किलोंमीटर की दूरी पर लांजी नामक जगह पर स्थापित है| 7 एकड़ के क्षेत्र मे फैला ये किला चारों तरफ से ऊंची ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है|
इस किले का अधिकतम भाग नष्ट हो चुका है और कुछ ही भाग शेष है| इस किले के अंदर एक कुंड भी है जिसमे राजा और रानी स्नान किया करते थे| ये एक बेहद भव्य और अद्वितीय किला है जिसके अंदर आपको एक 300 साल पुराना बरगद का पेड़ भी देखने को मिलेगा|
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2. रामपायली मंदिर (Rampayli Temple)
ये एक बेहद ही प्राचीन मंदिर है जो बालाघाट शहर से 45 किलोमीटर की दूरी पर रामपायली नामक जगह पर स्थित है| ये मंदिर भगवान बालाजी को समर्पित है| ऐसा माना जाता है की अपने वनवास के दौरान मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम, पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ इस जगह पर रुके थे|
इस मंदिर मे भगवान राम की मूर्ति को वनवासी का रूप दिया गया है| इस मंदिर मे भगवान राम की मूर्ति की वास्तुकला कुछ ऐसी है की सूर्य की पहली किरण भगवान के पवित्र चरणों पर पड़ती है| इस जगह पर मंदिर का निर्माण 600 वर्ष पूर्व भोंसले राजाओं के द्वारा किया गया था|
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3. गांगुलपारा झरना और गांगुलपारा बांध (Gangulpara Falls & Gangulpara Dam)
अगर आप बालाघाट मे हैं और आप अपने परिवार के साथ कुछ समय शांति से बिताना चाहते हैं या पिकनिक मनाना चाहते हैं तो आपको गांगुलपारा झरना के पास आना चाहिए| इस झरने के आस पास का पूरा क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य से भरा हुआ है| ये अप्रतिम झरना आपको बालाघाट शहर से 14 किलोमीटर दूर बैहर मार्ग पर देखने को मिलेगा|
मानसून और सर्दियों का समय इस जगह पर घूमने का सबसे अच्छा समय है| ये एक बेहद ही आकर्षक झरना है जिसको देखते ही आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे| ये एक पहाड़ी नाला है जिसमे एक नाला ऊंचाई से गिरकर झरना बनता है|
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4. नहलेसरा बाँध (Nahlesara Dam)
अगर आप पिकनिक मनाने या घूमने के लिए एक ऐसी जगह जाना चाहते हैं जहां पर दूर दूर तक पानी और हरियाली हो तो आपको नहलेसरा बाँध जाना चाहिए| 1968 मे बना ये बाँध चंदन नदी पर बना हुआ है| ये मनोरम बाँध बालाघाट शहर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|
करीब 2 किलोमीटर लंबा ये बाँध आपके अंदर ऊर्जा का संचार कर देगा| इस झरने के आस पास आपको शांत और सुरम्य वातावरण देखने को मिलेगा| बालाघाट स्थित ये जगह छुट्टियाँ बिताने के लिए सबसे अच्छी जगहों मे से एक है| ये बाँध आस पास के गाँवों को सिचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाता है|
5. धूटी डैम (Dhuty Dam)
ये बाँध बालाघाट से 60 किलोमीटर की दूरी एवं बालाघाट जिला और सिवनी जिलों के सुंदर पहाड़ों के बीच स्थित है| बालाघाट जिले मे स्थित ये एक ऐसा बाँध है जिसका निर्माण अंग्रेजों के समय पर हुआ था| 1923 में ब्रिटिश इंजिनियर जार्ज मॉस हैरियट के अगुआई मे इस बाँध का निर्माण किया गया था|
इस बाँध का निर्माण बालाघाट की लाइफलाइन वैनगंगा नदी पर हुआ है| इस बाँध से 2 नहरों का निर्माण किया गया है| इन दोनों नहरों से खेतों और घरों मे पानी पहुंचाया जाता है| ये बाँध बालाघाट मे पिकनिक मनाने के लिए सबसे अच्छी जगहों मे से एक है|
6. गोमजी -सोमजी मंदिर (Gomaji Somji Temple)
अगर आप धर्म के साथ साथ ट्रेकिंग और रोमांच का मजा लेना चाहते हैं तो आपको बालाघाट स्थित भारवेली की पहाड़ियों मे आना चाहिए| भारवेली पहाड़ियों के शिखर पर स्थित गोमजी -सोमजी मंदिर माता दुर्गा के ही एक रूप माता ज्वाला को समर्पित है|
ये मंदिर बालाघाट से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| ये मंदिर चारों तरफ से घने और हरे भरे वनो से घिरा हुआ है| नवरात्री मे इस मंदिर मे दर्शन करने के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगती है| अपनी बालाघाट यात्रा के दौरान पहाड़ों मे स्थित इस मंदिर मे आकर माता का आशीर्वाद जरूर लें|
7. हट्टा की बावली (Hatta ki Bawli)
17 से 18 वीं शताब्दी के बीच निर्मित ये आकर्षक बावली का निर्माण गोंड राजाओं ने करवाया था जिसको अब पुरातत्व विभाग को सौंप दिया गया है| यह बावली मुख्य शहर बालाघाट से लगभग महज 18 किलोमीटर की दूरी पर हट्टा नामक गाँव मे स्थित है| इस अद्वितीय और सुंदर बावली की दीवारों पर प्राचीन मूर्तियाँ के चित्र उकेरे गए हैं|
बालाघाट शहर की ये एक अनमोल धरोहर है| इस बावली मे हमेशा आपको पानी भरा हुआ मिलेगा| इस बावली मे राजा और रानी स्नान किया करते थे| इस बावली के नीचे से कई गुप्त सुरंगे निकलती हैं|
8. राजीव सागर बांध (Rajiv Sagar Dam)
राजीव सागर बांध बालाघाट मे घूमने लायक सबसे अच्छी जगहों मे से एक है| इस बाँध पर स्थानीय लोग पिकनिक मनाने के उद्देश्य से आते हैं| ये बाँध मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की एक संयुक्त परियोजना है जिससे बालाघाट के साथ साथ महाराष्ट्र के भंडारा जिले के कुछ गावों को भी सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है|
इस बाँध को बावन थडी डैम अथवा कुडवा डैम भी कहते हैं| इस बाँध की आधारशिला 1975 मे रखी गई थी| इस बाँध का निर्माण बावनथड़ी नदी पर किया गया है| ये बाँध चारों ओर से प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है|
9. कालीपीठ माता मंदिर (Kalipeeth Mata Temple)
बालाघाट मे स्थित ये एक चमत्कारिक मंदिर है जो माता काली को समर्पित है| ऐसा माना जाता है की ये मूर्ति धरती को चीरकर बाहर निजली है और अभी भी बाहर निकलती जा रही है| ये मूर्ति नीचे जमीन मे कहाँ तक धसी है ये किसी को भी नहीं पता|
स्थानीय लोग अपने हर अच्छे काम की शरुआत इस मंदिर मे माता के दर्शन करने के बाद करते हैं| यह एक सिद्ध मंदिर है| नवरात्रि के दिनों मे यहाँ पर भक्तों का ताँता लगा रहता हैं| बालाघाट स्थित ये माता काली का ये मंदिर एक बेहद धार्मिक और दर्शनीय स्थल है|
10. बजरंग घाट (Bajrang Ghat)
ये घाट बालाघाट की लाइफलाइन वैनगंगा नदी मे बना हुआ है| ये एक बहुत ही प्रसिद्ध घाट है| इस घाट के किनारे एक प्राचीन बजरंग बली का मंदिर स्थापित है इसलिए इस घाट को बजरंग घाट कहा जाता है| इस घाट मे पानी कम गहरा है इसलिए आप यहाँ पर नहाने का भी लुत्फ उठा सकते हैं|
यहाँ पर गर्मियों मे खासा भीड़ रहती है| आप नदी के किनारे प्राकृतिक सुंदरता को निहारते हुए विचरण भी कर सकते हैं| बालाघाट के निवासियों के लिए ये घाट प्रकृति की गोद मे बसा एक पिकनिक स्पॉट है| ये घाट साल के 12 महीने सैलानियों को आकर्षित करता है|