उमरिया मे घूमने के लिए 10+ जगहें (Top 10+ Places to Visit in Umaria)

Places to Visit in Umaria: उमरिया मध्य प्रदेश स्थित एक बेहद सुंदर जिला है जो अपने प्राकृतिक खूबसूरती के साथ साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है| इस शहर मे आपको जंगल, जानवर, बाँध और नदियां सबकुछ देखने को मिलेगा| इस शहर का नाम उमरार नदी के नाम पर पड़ा है जो इस क्षेत्र मे बह रही महानदी की एक उपनदी है|

खनिज पदार्थों से समृद्ध इस जिले का 42% भाग वनों से ढका हुआ है| खनिजों मे मुख्य रूप से यहाँ कोयला पाया जाता है| इस जिले की 83% आबादी गावों मे निवास करती है|

उमरिया कैसे पहुंचे (How to reach Umaria)

वायुमार्ग (By Air)

उमरिया शहर का अपना खुद का हवाई अड्डा नहीं है| फ्लाइट से उमरिया आने के लिए आपको उमरिया से 150 किलोमीटर दूर जबलपुर स्थित डुमना हवाई अड्डे मे उतरना होगा| डुमना हवाई अड्डे से बाहर आकर आप ट्रेन, बस या कैब लेकर उमरिया शहर पहुँच सकते हैं|

सड़क मार्ग (By Road)

उमरिया शहर सड़क मार्ग से अपने आस पास के सभी शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| आप आस पास के के किसी भी गाँव या शहर से सीधी और आरामदायक बस लेकर उमरिया शहर पहुँच सकते हैं|

रेल मार्ग (By Train)

उमरिया शहर का अपना खुद का विकसित रेलवे स्टेशन है लेकिन इस रूट मे कम ट्रेन चलने के कारण इसकी कनेक्टिविटी सही नहीं है| इसलिए अगर आपको उमरिया के लिए डायरेक्ट ट्रेन नहीं मिल रही है तो आप कटनी जंक्शन मे उतर कर उमरिया के लिए ट्रेन, बस या कैब ले सकते हैं| अगर आप उमरिया या कटनी के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|

Top 10 Places to Visit in Umariya for an Unforgettable Experience

1- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान (Bandhavgarh National Park)

बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान बाघों की संख्या मे जिम कॉर्बेट के 250 और बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान 191 के बाद 165 बाघों के साथ पूरे देश मे तीसरा स्थान रखता है| इस राष्ट्रीय उद्यान मे बाघ दिखने के अवसर ज्यादा हैं| इस राष्ट्रीय उद्यान मे आपको हर प्रकार के जीव देखने को मिलेंगे|

इस पार्क मे आपको 250 से ज्यादा प्रकार के पक्षियों को भी देखने का मौका मिलेगा| इस 450 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मे फैले राष्ट्रीय उद्यान को देखने के लिए आप जिप्सी भी बुक कर सकते हैं| आप यहाँ पर एलीफैन्ट सफारी भी ले सकते हैं|

इस राष्ट्रीय उद्यान मे 2 जोन बाघ देखे जाने के लिए बहुत प्रसिद्ध है एक है ताला जोन और दूसरा है मगदी जोन| यह राष्ट्रीय उद्यान आपको 2 टाइम पर खुला मिलेगा एक है सुबह का 6 से 11 और शाम का 3 से 6 बजे तक|

इस जंगल को 1968 मे राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था| बांधवगढ़ मे ठहरने के लिए आपको आपके बजट के अनुसार होटल और रिजार्टस मिल जाएंगे| यह पूरा बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र चारों तरफ से 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है|  

यह पार्क विभिन्न प्रकार की औषधियों और वनस्पतियों का घर है| बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान उमरिया मे घूमे जाने वाली जगहों (Places to Visit in Umaria) मे से एक है|

2. बांधवगढ़ का किला (Bandhavgarh Fort)

इस किले का इतिहास 2500 साल पुराना माना जाता है| यह किला एक हरी भरी पहाड़ी मे 800 मीटर ऊंचाई पर स्थित है और इसका संबंध रामायण काल से है| भगवान राम ने अपने अनुज लक्ष्मण को यह किला उपहार मे दिया था| बंधु के उपहार के कारण इसका नाम बंधु किला पड़ा बाद मे इसकी जगह बांधवगढ़ कर दिया गया|

इस किले मे कई राजाओं ने शासन किया है| किले मे ही शेष नाग मे लेटे एक भगवान विष्णु की 35 फीट प्राचीन मूर्ति है और मूर्ति के सामने ही एक प्राकृतिक जलधारा बहती है ऐसा माना जाता है की ये जलधारा गंगा नदी की ही एक धारा है जिसे चरण गंगा बोला गया है क्यूँ की ये पवित्र धारा जगतपालक भगवान विष्णु के पवित्र चरणों को छूकर निकलती है|

इस किले मे कछुओं की तादाद भी आपको देखने को मिलेगी| इस किले मे 12 कुंड का निर्माण किया गया था जिनमे से अधिकतर अब सूख चुके हैं| ऐसा माना जाता है की इस किले के नीच एक गुप्त सुरंग है जो इसे सीधे रीवा शहर से जोड़ती है| इस किले का निर्माण लगभग 580 एकड़ मे किया गया है|

इनके बारे में भी जाने:

3. बिरासनी देवी मंदिर (Birasani Devi Temple)

1000 साल पुराना ये मंदिर माता काली के ही एक रूप माता बिरासनी को समर्पित है| माता की यह प्रतिमा देश की कुछ गिनी चुनी प्रतिमाओं मे से एक है जिनकी जिह्वा बाहर नहीं है| ये मंदिर उमरिया से 35 किलोमीटर की दूरी पर पाली कस्बे के बीचों बीच स्थापित है| माता की ये मूर्ति 10वीं सदी की कल्चुरी कालीन काले पत्थर से बनी हुई है|

इस भव्य मंदिर का निर्माण सुंदर सफेद संगमरमर से किया गया है| माता बिरासनी के बगल मे ही भगवान हरिहर विद्यमान हैं| मंदिर परिसर मे आपको कई अन्य देवी देवताओं के छोटे मंदिर भी देखने को मिलेंगे| इस मंदिर का जीर्णोद्धार 1989 से चालू होकर 1999 तक चला|

इस मंदिर मे नवरात्री के दौरान बोए गये जवारा कलशों का विसर्जन को देखने के लिए दूर दूर से लोग यहाँ पर आते हैं| ऐसी मान्यता है की माता के दर्शन के पश्चात निःसंतान दम्पत्तियों को संतान की प्राप्ति होती है| 

नवरात्रि मे इस मंदिर मे खास धार्मिक आयोजन होते हैं| इस मंदिर मे साल भर भक्तों का आना जाना लगा रहता है| इस आलोकिक मंदिर मे आकर आपको एक आध्यात्मिक शांति का अनुभव होगा|

4. जोहिला बांध और बिजली परियोजना (Johila Dam & Power Project)

जोहिला बाँध जोहिला नदी पर बना हुआ है और इसी बाँध के ठीक नीचे स्थित है संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र| पहले बात करते हैं बाँध की| जोहिला बांध पाली कस्बे के बाहर स्थित है जिसके जल का उपयोग बिजली बनाने मे होता है| इस बाँध से कई मछुआरों की जीविका चलती है| इस बाँध मे स्नान करना वर्जित है|

ये बाँध चारों तरफ से हरे भरे मैकल पर्वतों से घिरा हुआ है| यह बांध 1810 हेक्टेयर मे फैला हुआ है| इस बाँध मे जल निकासी के लिए कुल 6 गेट हैं|  इस बाँध के नीचे स्थित संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र मे कोयला और पानी दोनों से बिजली बनाई जाती है|

इस विद्युत केंद्र की आधारशिला इंदिरा गांधी ने 20 जुलाई 1981 को रखी थी और यहाँ की पहली यूनिट को मार्च 1993 मे चालू की गई थी| इस केंद्र की बिजली उत्पादन की क्षमता क्षमता 1340.00 मेगावाट है| अपनी उमरिया यात्रा के दौरान जोहिला बाँध को जरूर घूमें|

5. माँ ज्वाला धाम (Maa Jwala Dham)

माता ज्वाला को समर्पित इस मंदिर का निर्माण माता ज्वाला के अनन्य भक्त श्री भंडारी सिंह ने गाँव वालों के सहयोग से किया था| इस मंदिर का निर्माण 2006-07 मे बांधवगढ़ के घने जंगलों मे घोड़छत्र नदी के किनारे किया गया था| जब से मंदिर निर्माण हुआ है तब से इस मंदिर मे अखंड ज्योति जल रही है|

यह मंदिर मुख्य शहर उमरिया से केवल 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित है| इस मंदिर मे आपको ज्वाला माता के अलावा अन्य देवी देवताओं के भी मंदिर हैं साथ मे आपको यहाँ पर भारत माता मंदिर भी देखने का मौका मिलेगा|

ज्वाला माता का मंदिर आस पास के गाँव वालों के लिए बहुत बड़ा आस्था का केंद्र है| अपने दरबार मे आए भक्तों को माता कभी खाली हाँथ नहीं लौटाती|अपनी उमरिया यात्रा के दौरान इस आध्यात्मिक जगह का दौरा जरूर करें|

इस जगह पर आकर आपको अद्भुत आनंद की प्राप्ति होगी| इस मंदिर से लगभग 150 मीटर की दूरी पर कल कल करके घोड़छत्र नदी बहती है| आप नदी मे स्नान करके माता के दर्शन को जा सकते हैं|

6. जोहिला फाल (Johila Fall)

जोहिला फाल उमरिया शहर से 50 किलोमीटर की दूरी पर बांधवगढ़ के जंगलों मे मकरा गाँव के पास स्थित है| जोहिला नदी बांधवगढ़ जंगल के बीचों बीच से बहती है और एक शानदार अद्भुत झरना बनाती है जिसे जोहिला फाल कहते हैं|

इस फाल तक पहुंचनया थोड़ा दुर्लभ है क्यूँ की आखिरी 4-5 किलोमीटर का रास्ता थोड़ा खराब है और मानसून मे यहाँ पर मिट्टी और फिसलन हो जाती है| इस झरने का लोकेशन बहुत शानदार है जो चारों तरफ केवल हरियाली से घिरी हुई है| चांदी जैसा साफ पानी और पक्षियों की चहचहाहट आपके दिनभर की थकान मिटा देंगी|

ये झरना ज्यादा ऊँचाई से नहीं गिरता इसलिए आप इसमे बिना ज्यादा जोखिम के स्नान भी कर सकते हैं| ये झरना स्थानीय लोगों की जीविका का साधन है| स्थानीय लोग यहाँ से मछली पकड़ने का काम करते हैं| इस झरने के किनारे बैठकर आप अपने मित्रजनों या परिवारवालों के साथ पिकनिक का भी आनंद उठा सकते हैं और साथ मे फोटोग्राफी भी कर सकते हैं|

आप पानी मे पैर डालकर इस खूबसूरत झरने को गिरते हुए देख सकते हैं| झरने की गिरने की आवाज आपके कानों को सुकून पहुंचाएगी|

7. झोंझा फाल (Jhonjha Fall)

लगभग 35 फीट की ऊंचाई से गिरने वाला झोंझा फाल उमरिया से 25 किलोमीटर की दूरी पर चंदिया के नजदीक कौड़िया गाँव के पास स्थित है| इस फाल का निर्माण उमरिया जिले की सबसे बड़ी नदी महानदी की एक उपनदी मछड़ार नदी द्वारा बनाया जाता है|

मछड़ार नदी द्वारा बनाया गया ये फाल हरे भरे जंगलों के बीचों बीच गिरता है| स्थानीय लोग यहाँ पर परिवार सहित पिकनिक मनाने आते हैं| जिस जगह पर झरना गिरता है उस जगह पर ये एक गहरा कुंड बनाता है| जिनको तैरना आता है वो यहाँ पर स्नान भी कर सकते हैं

इस झरने के पास पहुंचते ही इसकी ठंडी बूँदे आपके चेहरे पर पड़ने लगेगी| इस मंत्रमुग्ध करने वाले झरने के पास आपके 3-4 घंटे कब बीत जाएंगे आपको पता ही नहीं चलेगा| इस फाल मे वीकेंड मे आप अपने दोस्तों के साथ नहाने आ सकते हैं| मानसून के समय पानी की ज्यादा आवाक के कारण ये झरना पूरे उफान पर रहता है|

8. उमरार बाँध (Umrar Dam)

उमरार बाँध उमरार नदी पर बना हुआ है जो उमरिया शहर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है| यह बाँध उमरिया की एक पहाड़ी पर स्थित है| इस बाँध का निर्माण 2 पहाड़ियों को जोड़कर किया गया है| इस बाँध का लोकार्पण 1980 मे हुआ था और इसका कुल जल भराव क्षमता 16.70 एमसीएम है।

इस बाँध से आप सूर्यास्त का बेहतरीन नजारा देख सकते हैं| शहर से ज्यादा दूर न होने के कारण आपको यहाँ हमेशा पर्यटक दिखेंगे| उमरार बाँध चारों तरफ से हरे भरे पेड़ों और पहाड़ों से घिरा हुआ है| स्थानीय लोग यहाँ पिकनिक भी मनाने आते हैं|

यहाँ पर आप फोटोग्राफी भी कर सकते हैं| वीकेंड मे आप परिवार के साथ कहीं घूमने जाना चाहते हैं तो ये जगह आपके लिए परफेक्ट है|

9. मदिबघ मंदिर (MadiBagh Temple)

उमरिया के करामाती गांव मे स्थित यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है जो राज्य संरक्षित धरोहर मे आता है| शहर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ये मंदिर घनघोर जंगलों के बीच स्थापित है| लोग दूर दूर से इस मंदिर मे भोलेनाथ को जल चढ़ाने आते हैं| इस मंदिर की वास्तुकला अत्यंत अद्भुत है|

ये पूरा मंदिर दानेदार बलुआ पत्थरों से बना हुआ है| महाशिवरात्रि मे इस मंदिर मे बहुत सारे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है| इस मंदिर की दीवारों पर कई आकर्षक चित्र उकेरे गए हैं| यहाँ पर हर संक्रांति मे मेले का आयोजन किया जाता है| नागर शैली मे बना ये मंदिर और साथ मे भगवान शिव को दर्शन करके आप भाव विभोर हो जाएंगे|

इस मंदिर का निर्माण कलचुरी वंश के राजा महेन्द्र वर्मा ने लगभग एक हजार साल पहले करवाया था| ये मंदिर उमरिया शहर की अनमोल धरोहर है| इस मंदिर के पास मीठे जल का एक कुंड भी है| इस कलात्मक मंदिर मे भोलेनाथ के दर्शन करने के बाद आपके तन और मन मे सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो जाएगा|

10. श्री हनुमान धाम धौरखोह (Shri Hanuman Dham Dhaurkhoh)

घने जंगलों के बीच स्थापित ये मंदिर पवनपुत्र हनुमान जी को समर्पित हैं| हनुमान जी इस मंदिर मे लेटे हुए मुद्रा मे बिराजे हैं| पहले इस मंदिर तक जाने का रास्ता बेहद दुर्लभ था लोग यहाँ आने से डरते थे लेकिन गाँव वालों की जिद से ये जगह भगवान की हुई और यहाँ तक पहुँचने के लिए मजबूत सड़कें बनवाई गईं|

आज यहाँ भक्तगण दिन या रात कभी भी आ सकते हैं और उनके रहने खाने का पूरा प्रबंध बजरंग धाम समिति द्वारा किया जाता है| ये एक दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर है| ऐसा माना जाता है की यहाँ पर एक साधू ने 27 वर्षों तक केवल बेलपत्र का सेवन करते हुए कठिन तपस्या की थी और फिर एक दिन इसी इसी जगह पर उन्होंने समाधि ले ली|

उस दिन के बाद से ये जगह और भी ज्यादा पूजनीय हो गई| अपनी उमरिया यात्रा के दौरान थोड़ा सा समय निकालकर इस पवित्र मंदिर मे आकर बजरंगबली महाराज के दर्शन जरूर करें|

11. Amolkhoh Ashram (अमोलखोह आश्रम)

उमरिया के नौरोजाबाद मे प्राकृतिक सुंदरता के बीचों बीच स्थित यह एक बेहद पवित्र आश्रम है जहां पर गरीब, अनाथ एंव निराश्रित बच्चों को आश्रय मिलता है| इस विशाल आश्रम मे आपको एक प्राकृतिक गुफा भी देखने को मिलेगी जिसे कैलाश गुफा कहते हैं|

इस आश्रम मे भगवान शिव के साथ साथ कई हिन्दू देवताओं के मंदिर है और यहाँ पर भक्तों का आना जाना पूरे साल लगा रहता है| इस आश्रम मे एक प्राकृतिक जलधारा सदियों से बह रही है जिसमे स्नान करने से कुष्ठ रोगों का निवारण होता है| इस आश्रम मे एक गौशाला का भी निर्माण कराया जा रहा है|

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