कटनी मे घूमने के लिए 12 जगहें (Top 12 Places to Visit in Katni)

Places to Visit in Katni: कटनी मध्य प्रदेश के एक बेहद महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक शहर है| कटनी शहर अपनी शॉपिंग मार्केट के लिए जाना जाता है  जहां पर आपको हर सामान सस्ते रेट मे उपलंध मिलेगा| कटनी शहर मध्य प्रदेश के सबसे बड़े जंक्शन मे से एक है जहाँ से आपको चारों दिशाओं के लिये ट्रेन मिल जाएंगी|

इस शहर मे आपको प्राचीन इमारतें, भव्य किले और सुंदर मंदिर देखने को मिलेंगे|

कटनी कैसे पहुंचे (How to reach Katni)

वायुमार्ग (By Air)

कटनी शहर का अपना खुद का हवाई अड्डा नहीं है| फ्लाइट से कटनी आने के लिए आपको कटनी से 100 किलोमीटर दूर जबलपुर स्थित डुमना हवाई अड्डे मे उतरना होगा| डुमना हवाई अड्डे से बाहर आकर आप ट्रेन, बस या कैब लेकर कटनी शहर पहुँच सकते हैं|

सड़क मार्ग (By Road)

कटनी शहर सड़क मार्ग से अपने आस पास के सभी शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है| आप आस पास के के किसी भी गाँव या शहर से सीधी और आरामदायक बस लेकर कटनी शहर पहुँच सकते हैं|

रेल मार्ग (By Train)

कटनी शहर प्रदेश के सबसे बड़े जंक्शनो मे से एक है| कटनी शहर रेल मार्ग द्वारा देश के लगभग सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है| कटनी रेलवे स्टेशन से बाहर आकर आप ऑटो या ई रिक्सा लेकर अपने होटल को निकल सकते हैं| अगर आप कटनी शहर के लिए ट्रेन टिकट बुक करना चाहते हैं तो यहाँ पर क्लिक करें|

Top 12 Places to Visit in Katni for an Unforgettable Experience

1. नीलकंठेश्वर भक्ति धाम मंदिर (Neelkantheshwar Bhakti Dham Temple)

इस भव्य, सुंदर और आलोकिक मंदिर का निर्माण नीलकंठेश्वर भक्ति धाम ट्रस्ट ने करवाया था| यह मंदिर मुख्यतः देवों के देव महादेव को समर्पित है| इस मंदिर मे दर्श करने के लिए भक्त दूर दूर से आते हैं| यहाँ पर महाशिवरात्रि बहुत ही धूम धाम से मनाई जाती है|

नीलकंठेश्वर भक्ति मंदिर बनाने का श्रेय कटनी शहर के बड़े व्यापारी मदन लाल ग्रोवर को जाता है| इस मंदिर मे आपको भगवान हनुमान, भगवान गणेश, माता दुर्गा और सभी बारह भव्य ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने का आपको मौका मिलेगा|

इस मंदिर के बनने की शुरुआत 1989-90 मे की गई थी| कटनी शहर से इस मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको 21 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ सकती है| मंदिर के बाहरी परिसर मे ही आपको फूल, माला और अन्य पूजन सामग्री मिल जाएगी|

परिसर के बाहर ही आपको हाँथ पैर धोने के लिए एक नल मिलेगा| इस मंदिर मे आपको बहुत ही आध्यात्मिक अनुभव होगा जो आपको जीवन पर्यंत याद रहेगा| ये मंदिर कटनी जिले का सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और सबसे ज्यादा घूमे जाने वाला मंदिर है|

इनके बारे में भी जाने:

2. विजयराघवगढ़ का किला (Vijayraghavgarh Fort)

इस सुंदर, भव्य और ऐतिहासिक किले का निर्माण विजयराघवगढ़ राज्य के राजा प्रयागदास के पुत्र राजा सरयू प्रसाद ने 1826 मे चालू कराया था| इस किले की खास बात यह है की इसकी सुरक्षा के इंतजाम बहुत अच्छे थे| इस किले का संबंध 1857 मे अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह से भी था| 1857 मे 17 साल के सरयू प्रसाद ने अंग्रेजों के खिलाफ जमकर बगावत की थी|

सरयू प्रसाद ने बहुत लंबे समय तक अंग्रेजों से युद्ध लड़के उनको इस किले से दूर रखा| आखिरकार एक समय बाद अंग्रेजों ने इस किले को भी हथिया लिया लेकिन राज्य सरयू सिंह वहाँ से बच निकले| इस किले की नक्काशी और डिजाइन बहुत ही सुंदर है|

किले की दीवारों से बंदूक चलाने के लिए जगह जगह छेद बनाये गए हैं| ये किला चारों तरफ से पानी से घिरा था और उसमे खतरनाक जानवर भी रहते थे| किले के अंदर एक विशाल चबूतरा है जिसके बीच मे खड़े होकर आप पूरा किला निहार सकते हैं|

आज की तारीख मे प्रशासन की लापरवाही की वजह से ये किला पूरी तरह खंडहर हो चुका है| वर्तमान समय मे इस किले मे 2 अजगरों का निवास है जो कभी कभी आम जनमानस द्वारा देखे जाते हैं|

3. वसुधा फाल (Vasudha Fall)

वसुधा फाल कटनी जिले एक मात्र झरना है जो रीठी मे वसुधा गाँव के पास स्थित है| चट्टानों को चीरकर निकलते हुए ये झरना लगभग 100 मीटर की ऊंचाई से गिरता है और नीचे एक गहरा कुंड बनाता है| ये पूरी घाटी चारों तरफ हरियाली से घिरी हुई है|

प्रकृति प्रेमियों के लिए ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है| इस झरने तक पहुंचना बेहद कठिन है रास्ते खराब हैं, आपको पैदल भी चलना पड़ सकता है| इस झरने की कटनी शहर से दूरी महज 35 किलोमीटर है| स्थानीय लोग यहाँ पर परिवार के साथ पिकनिक मनाने आते हैं|

झरने के नीचे स्थित कुंड की गहराई ज्यादा होने के कारण नहाने से परहेज करें| इस जगह पर घूमने का असली मजा मानसून मे है जब ये झरना अपने साथ बहुत सारा जल लेकर नीचे गिरता है| गर्मी के समय ये झरना गायब हो जाता है लेकिन इस जगह पर ठंडक का अनुभव आपको बराबर होगा|

आप जब भी इस झरने मे आयें तो एक दिन का पूरा समय निकाल कर आयें| इस जगह पर आप फोटोग्राफी भी कर सकते हैं| प्रशासन अगर इस जगह पर थोड़ा ध्यान दे तो इस जगह को विकसित करके पर्यटकों के लिए थोड़ी बहुत सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं|

4. जागृति पार्क (Jagriti Park)

60 एकड़ मे फैले इस हरे भरे विशाल पार्क का निर्माण कटनी के माधवनगर के के क्षेत्र मे किया गया है| चारों तरफ फैले हरियाली के कारण जागृति पार्क को कटनी शहर का आक्सीजन टैंक कहा जाता है| इस पार्क का उद्घाटन 2009 मे शहर के जाने माने चिकित्सक स्वर्गीय श्री संजय निगम ने किया गया था|

इस पार्क के मुख्य आकर्षण विभिन्न प्रकार के झूले, कार, योगा सेंटर और सेल्फी प्वाइंट हैं| यहाँ पर बच्चों को विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए साइंस पार्क का भी निर्माण किया गया है| आप अपने बच्चों और परिवार के साथ यहाँ पर कुछ समय बिता सकते हैं|

इस पार्क की हरियाली के बीच आप फोटोग्राफी भी कर सकते हैं| इस पार्क के बीचों बीच 100 फीट का तिरंगा भी फहराय गया है| चारों तरफ हरियाली और बीच मे 100 फीट का शान से लहराता तिरंगा आपको पूरे दिन का एक अद्भुत अनुभव देगा|

इस पार्क मे आपको विविध प्रकार के वन्य जीव और औषधियों को भी देखने का मौका मिलेगा| आज के समय मे ये पार्क स्थानीय लोगों के रोज के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है|

5. रूपनाथ धाम (Roopnath Dham)

रूपनाथ धाम मुख्य शहर कटनी से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर बहोरीबंद तहसील मे स्थित है| यह एक बेहद ही प्राचीन मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है| चारों तरफ हरे भरे जंगल से घिरी ये जगह आपको आध्यात्मिक शांति पहुंचाएगी| भगवान शिव का मंदिर चट्टानों के बीचों बीच स्थित है जो एक पंचलिंगी शिव जि की मूर्ति है जिसे रूपनाथ कहा जाता है|

इस जगह का संबंध सम्राट अशोक से भी है वो यहाँ रुके थे और उनका साढ़े 4 फीट लंबा और 1 फीट चौड़ा शिलालेख भी यहाँ पर उपलब्ध है| इस जगह पर आपको 3 कुंड राम कुंड, सीट कुंड और लक्ष्मण कुंड भी मिलेंगे जो एक ही इमारत मे एक के ऊपर एक स्थित है|

यह तीनों एक बारहमासी कुंड हैं|  यह जगह कटनी जिले की एक प्राकृतिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर है जो प्रकृतिक सुंदरता से पूरी तरह परिपूर्ण है| सम्राट अशोक ने जब बौद्ध धर्म अपनाया था तो इसी जगह पर धम्म घोष किया था|

जो लोग बौद्ध धर्म मे रुचि रखते हैं या इस धर्म के बारे मे और ज्यादा ज्ञान अर्जित करना छाते हैं उनको यहाँ पर एक बार जरूर आना चाहिए| प्रकृति प्रेमियों के लिए ये जगह एक बहुत ही खास है|

6. माँ शारदा देवी मंदिर (Maa Sharda Temple)

ऐसा कहा जाता है की जब 1826 मे राजा प्रयागदास ने अपने राज्य को मैहर से अलग करके विजयराघवगढ़ कर लिया तब माता शारदा भी अपने इस अनन्य भक्त के साथ कटनी जिले स्थित विजयराघवगढ़ आ पहुंची और विजयराघवगढ़ मे ही एक पहाड़ी पर माता का मन्दिर बनवाकर पूरे विधि विधान के साथ उनको इस मंदिर मे स्थापित किया गया|

इस मंदिर का महत्व मैहर मंदिर के बराबर ही है| विजयराघवगढ़ वाली माता को मैहर वाली माता शारदा की बड़ी बहन माना गया है| इस मंदिर की ख्याति बहुत ज्यादा है दूर दूर से भक्तगण माता के दर्शन करने के लिए विजयराघवगढ़ पहुंचते हैं|

विजयराघवगढ़ मे मैहर की तरह आपको ज्यादा सीढ़ियाँ नहीं चढ़नी पड़ेगी| यहाँ पर माता के दर्शन आपको बहुत आसानी से मिल जाएंगे| कम भीड़ और कम मेंहनत मे यहाँ पर आपको बहुत अच्छे से माता के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा| मैहर मे भारी भीड़ और धक्का मुक्की की वजह से लाइन मे लगे भक्तगण माता के दर्शन अच्छे से नहीं कर पाते|

7. सुरम्य पार्क (Suramya Park)

कटनी स्थित ये एक 30 साल पुराना पार्क है जिसे कटाई घाट के पास विकसित किया गया है| शहर स्थित ये एक प्रकार का मनोरंजन पार्क है| हरे भरे पेड़ों से लदे इस पार्क का उपयोग स्थानीय लोग टहलने, योग करने और पिकनिक मनाने के लिए करते हैं|

प्रशासन ने इस पार्क मे ओपन जिम व स्वीमिंग पूल का भी निर्माण करवाया है| इस पार्क के पास ही एक सुंदर हनुमान जी का मंदिर भी स्थापित है| खास बात ये है की अमृत प्राजेक्ट के तहत पार्क की सुंदरता बढ़ाने के लिए कबाड़ जैसे पुराने पाइप, वाहनों के पुराने टॉयर, चैन, पुरानी लाइटों का इस्तेमाल किया गया है|

अभी इस पार्क को विकसित करने की दिशा मे कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं| काम की थकान दूर करने के लिए यहाँ पर आप अपने परिवार या बच्चों के साथ आकर प्रकृति की गोद मे कुछ समय शांति से बिताकरअपने आपको तरोताजा कर सकते हैं|

8. भारत का भौगोलिक केंद्र (Geographical Centre of India)

अगर आप भौगोलिक रूप भारत का केंद्र बिन्दु जानना चाहते हैं तो आपको कटनी आना पड़ेगा| ये जगह चारों तरफ से हरे भरे पहाड़ों से घिरी हुयी है बीच मे आपको राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तम्भ भी देखने को मिलेगा|

इस जगह पर शेर की मूर्ति भी बनाई गई है और बैठने के लिए बागीचे का निर्माण भी किया गया है| अगर आप मानसून के समय यहाँ पर आते हैं तो ये जगह आपको और भी ज्यादा खूबसूरत प्रतीत होगी|

यह केंद्र बिन्दु कटनी शहर के नजदीक स्थित स्लीमनाबाद गाँव से थोड़ी दूरी पर स्थित है| अपनी कटनी यात्रा के दौरान थोड़ा स समय निकाल इस केंद्र बिन्दु को जरूर देखेँ|

9. कंकाली देवी मंदिर (Kankali Devi Temple)

कटनी मे बोहरीबंद तहसील स्थित कंकाली देवी मंदिर माता काली को समर्पित है| इस मंदिर की दीवारों मे आपको सुंदर नक्काशी देखने को मिलेगी| कटनी शहर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ये मंदिर आस पास के गाँव के लोगों के लिए एक श्रद्धा और आस्था का केंद्र है|

यह मंदिर कटनी की एक ऐतिहासिक और सांकृतिक धरोहर है| इस मंदिर मे आपको नवरात्रि के समय बहुत ज़्यादा भीड़ देखने को मिलेगी| नवरात्रि के समय इस मंदिर मे विभिन्न प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं|

इस मंदिर मे माता के दर्शन करके आपको अद्भुत आनंद की प्राप्ति होगी| अपनी कटनी यात्रा के दौरान समय निकालकर कंकाली मंदिर को जरूर विज़िट करें|

10. अमकुही (Amkuhi)

अमकुही कटनी शहर का बाहरी एरिया है जो ऊंचाई पर स्थित है| हरे भरे इस एरिया मे लोग टहलने, दौड़ने और कसरत करने आते हैं| इस जगह पर आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ कुछ समय बिताने के लिए जा सकते हैं|

ऊंचाई मे स्थित होने के कारण इस जगह से आपको शहर का व्यू देखने का मौका मिलेगा| स्थानीय लोग यहाँ पर कार और बाइक भी सीखने आते हैं| यंग किशोर यहाँ पर दोस्तों के साथ पार्टी करने और बर्थडे मनाने आते हैं|

आप भी अपने परिवार और बच्चों के साथ ऊंचाई से शहर का व्यू देखते हुए पिकनिक मनाने जा सकते हैं| अगर आप इस जगह पर आना चाहते हैं तो प्रयास करें की मानसून के समय पर आयें| मानसून के समय पर इस जगह की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है|

11. एकांत वन (Ekant Forest)

अगर आप कटनी शहर दूर हरे भरे पेड़ पौधों के बीच कुछ समय बिताना चाहते हैं तो एकांत वन जरूर आयें| इस जंगल मे आपको अकेलेपन का एहसास होगा| आप परिवार के साथ मस्त चटाई बिछाकर पिकनिक मना सकते हैं|

यहाँ पर आपको कई तरह के पेड़ पौधों की प्रजातियाँ देखने को मिलेगी| ये कटनी शहर मे इतनी शांत जगह है जहां पर आपको केवल पक्षियों की आवाज़े ही सुनाई देंगी| शहर के कोलाहल से दूर आप कुछ समय के लिए भूल जाएंगे की आप कटनी मे है|

चारों तरफ आपको केवल हरे भरे पेड़ ही दिखाई देंगे| अभी इस जगह पर ज्यादा सुविधाएं देखने को नहीं मिलेगी लेकिन आने वाले समय मे इसको थोड़ा विकसित किया जाएगा|

12. चित्तरंजन शैल वन पार्क (Chittaranjan Shail Forest Park)

आप विश्वास नहीं करेंगे की कटनी शहर पिछले 10,000 सालों का इतिहास अपने अंदर समेटे हुए है| इस पार्क मे आकर आप पाषाण काल से जुड़ी कला और अन्य वस्तुएं देख सकते हैं| इस जगह पर चट्टानों पर कई तरह की सुंदर आकृतियाँ उकेरी गई हैं| इस जगह पर आपको आदिमानव के बारे मे बहुत कुछ जानने का मौका मिलेगा|

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